Friday, 11 April 2025

आजमगढ़ दीदारगंज पत्नी से विवाद के बाद युवक ने लगाई फांसी 2 साल पूर्व हुई थी शादी, वायरिंग का काम करता था मृतक


 आजमगढ़ दीदारगंज पत्नी से विवाद के बाद युवक ने लगाई फांसी



2 साल पूर्व हुई थी शादी, वायरिंग का काम करता था मृतक



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के दीदारगंज थाना क्षेत्र के गदाईपुर गांव में गुरुवार की शाम एक 23 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। मृतक की पहचान सत्यम मौर्या, पुत्र राम विलास के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 


जानकारी के अनुसार, गुरुवार शाम करीब 4 बजे सत्यम की मां उमा देवी उसे बुलाने के लिए कमरे में गईं। दरवाजा बंद होने पर उन्होंने आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। दरवाजा नहीं खुलने पर परिजनों ने शोर मचाया और दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो सत्यम कमरे के पंखे से साड़ी के सहारे लटक रहा था। आनन-फानन में परिजन उसे मार्टिनगंज अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


 मृतक के नाना रामदयाल ने बताया कि दोपहर करीब 3 बजे सत्यम का अपनी पत्नी शिवानी से फोन पर बात के दौरान किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। सत्यम की शादी 2023 में जहानागंज के बजहा गांव में हुई थी। उनकी पत्नी पिछले एक साल से मायके में रह रही थी। सत्यम वायरिंग का काम करता था और उसका एक पुत्र भी है।

भदोही 4 मौतों से दहल उठा गांव एक-एक कर तालाब से शव निकला तो लोगों का फट गया कलेजा


 भदोही 4 मौतों से दहल उठा गांव


एक-एक कर तालाब से शव निकला तो लोगों का फट गया कलेजा



उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के दुर्गागंज के शेरपुर गोपलहां में हुई दर्दनाक घटना के बाद सुनील की जिंदगी पूरी तरह से उजड़ गई। चार दिन पहले ही उसने अपनी मां को खोया था। अब पत्नी और बच्चों की मौत ने उसे झकझोर कर रख दिया। घटनास्थल पर बदहवास रो रहा सुनील उस समय को कोस रहा था, जब वह कमरे से बाहर पाही (घर से करीब 20 मीटर दूर बनी एक छोटी झोपड़ी) पर गया था। वह बार-बार यही कह रहा था कि काश वह कमरे से निकलकर न गया होता तो ऐसा न होता।


दुर्गागंज के शेरपुर गोपलहां में एक साथ चार मौतों ने हर किसी को झकझोर दिया। विवाहिता ने ऐसा कदम क्यों उठाया। यह तो जांच का विषय है, लेकिन घटनास्थल के पास जितनी मुंह उतनी बातें सुनने को मिली। तालाब से एक- एक कर सभी का शव बाहर निकाला गया तो मौजूद लोग अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे। लोगों का कलेजा फटा जा रहा था।


घटना करीब तीन से चार के बीच की है। विवाहिता अन्नू का पति सुनील उसके साथ ही था। भोर में लगभग तीन बजे के बाद अपने कमरे से करीब 20 मीटर दूर बने पाही पर पिता उदयराज के पास गया। इसी बीच अन्नू अपने तीनों बच्चों के साथ तालाब की ओर निकली थी। उसके पड़ोस की ही महिला अमृता ने उसे बच्चों के साथ जाते हुए देखा भी था, लेकिन वह यह समझ नहीं पाई कि अन्नू बच्चों के साथ खुद को मौत के हवाले करने जा रही है। कुछ देर बाद गांव के जीतनारायण तालाब की तरफ शौच करने गए तो उन्हें मोबाइल के टॉर्च की रोशनी दिखाई थी। वे उसे उठाए और लेकर घर चले आए।


इधर, लगभग पांच बजे सुनील जब कमरे में पहुंचा तो पत्नी को ढूंढने लगा। उसने उसके मोबाइल पर फोन किया तो पता चला कि जीतनारायण के पास मोबाइल है। जीतनारायण ने बताया कि तालाब के पास उसे मोबाइल मिला। जिसके बाद सभी लोग तालाब की तरफ दौड़ पड़े। तालाब के पास महिला के चप्पल पड़े थे। इससे परिवार के लोग बदहवास हो गए। पुलिस को सूचना दी गई। गांव के कुछ लोग तालाब में उतर कर ढूंढ़ने लगे। इसके बाद दिव्यांश का शव तालाब में मिला। उसके बाद बारी-बारी सभी के शव निकाले गए।

आजमगढ़ तरवां हत्या का सनसनीखेज मामला, एक बहन की मौत, दूसरी बहन की हालत थी गंभीर न्याय के लिए थाने पहुंचे पीड़ित को पुलिस ने भगाया


 आजमगढ़ तरवां हत्या का सनसनीखेज मामला, एक बहन की मौत, दूसरी बहन की हालत थी गंभीर


न्याय के लिए थाने पहुंचे पीड़ित को पुलिस ने भगाया



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र के विशुनपुर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक युवक ने अपनी बहन की हत्या और दूसरी बहन को जहर देने का गंभीर आरोप लगाते हुए स्थानीय कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। पीड़ित आलोक (26 वर्ष), पुत्र रामसहाय ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम), आजमगढ़ के समक्ष प्रार्थना पत्र दायर कर छह लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। आलोक ने अपने प्रार्थना पत्र में सोनू (30 वर्ष), पुत्र दुन्नू, दुन्नू (55 वर्ष) पुत्र राजन, रुकमीना देवी (50 वर्ष), पत्नी दुन्नू,रानी (20 वर्ष) पुत्री दुन्नू, मोनू उर्फ मंजीत (25 वर्ष), पुत्र दुन्नू निवासी विशुनपुर, थाना तरवां, जनपद आजमगढ़ अर्जुन (25 वर्ष) पुत्र अनिल निवासी-शेर्रा, थाना तरवां, जनपद आजमगढ़ के खिलाफ आरोप लगाते हुए बताया कि उनकी छोटी बहन ज्योति (नाबालिग, कक्षा 10 की छात्रा) को 6-7 साल पहले अभियुक्त सोनू ने अन्य आरोपियों की साजिश के तहत भगा लिया था। उस समय पुलिस ने कथित तौर पर आरोपियों के प्रभाव के कारण कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में, ज्योति का सोनू के साथ जबरन विवाह करा दिया गया। विवाह के बाद, ज्योति को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा।


 आरोप है कि सोनू और अन्य अभियुक्त मोटरसाइकिल, अंगूठी और चेन की मांग करते थे। ज्योति ने मजबूरी में यह सब सहन किया और 11 अगस्त 2024 को उसने एक पुत्र को जन्म दिया। आलोक ने बताया कि 3 जनवरी 2025 की रात करीब 10 बजे, ज्योति और उनकी दूसरी बहन पूजा (जो अपने भतीजे की देखभाल के लिए सोनू के किराए के मकान पर गई थीं) की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सोनू ने दोनों को दवा दी, जिसके बाद वे बेहोश हो गईं। ज्योति का नवजात बच्चा जोर-जोर से रो रहा था, लेकिन सोनू दरवाजा बंद कर चुपके से बैठा रहा। सूचना मिलने पर आलोक और उनके परिवार के लोग घटनास्थल पर पहुंचे। पड़ोसियों की मदद से खिड़की तोड़कर कमरे में प्रवेश किया गया, जहां ज्योति और पूजा बेहोश पड़ी थीं। आलोक दोनों बहनों को तुरंत पीजीआई चक्रपानपुर ले जाया, जहां डॉक्टरों ने ज्योति को मृत घोषित कर दिया। पूजा की गंभीर हालत को देखते हुए उसे सदर अस्पताल, आजमगढ़ रेफर किया गया। कई दिनों के इलाज के बाद पूजा की हालत में सुधार हुआ।


 आलोक और उनके परिवार का दावा है कि सोनू और अन्य अभियुक्तों ने साजिश रचकर ज्योति को जहर देकर मार डाला और पूजा को भी साक्ष्य मिटाने के लिए जहर देने की कोशिश की, लेकिन पूजा की जान बच गई। आलोक ने यह भी बताया कि अभियुक्त अब भी उनके परिवार को गंदी गंदी गालियां दे रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। आलोक ने बताया कि उन्होंने और उनकी मां उर्मिला ने घटना की शिकायत थाना तरवां और पुलिस अधीक्षक, आजमगढ़ से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद, उन्होंने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर थानाध्यक्ष तरवां को मुकदमा दर्ज करने और जांच करने का आदेश देने की गुहार लगाई है। कोर्ट के आदेश पर तरवां पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।