Monday, 24 February 2025

बरेली 3 सिपाहियों सहित 4 को 10-10 साल की कैद महिला एसपी पर जानलेवा हमले मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा, अर्थदंड भी लगाया


 बरेली 3 सिपाहियों सहित 4 को 10-10 साल की कैद




महिला एसपी पर जानलेवा हमले मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा, अर्थदंड भी लगाया




उत्तर प्रदेश के बरेली में एसपी यातायात रहीं कल्पना सक्सेना पर जानलेवा हमले के मामले में कोर्ट ने चार दोषियों को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई। सभी आरोपियों पर 50 हजार रुपये का जुमार्ना भी लगाया गया। वर्ष 2010 में ड्यूटी के दौरान तत्कालीन एसपी ट्रैफिक कल्पना पर जानलेवा हमला किया गया था। इस मामले में कोर्ट ने सोमवार को चारों दोषियों को सजा सुनाई। आईपीएस कल्पना वर्तमान में गाजियाबाद में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त हैं। घटना दो सितंबर 2010 को कैंट थाना क्षेत्र में हुई थी। एसपी ट्रैफिक कल्पना की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, दो सितंबर 2010 को वह चालक कांस्टेबल संजय सिंह, हमराह सिपाही ऋषिपाल व जीत सिंह के साथ चौकी चौराहे पर ड्यूटी पर थीं। कैंट क्षेत्र में मजार के पास हाईवे पर यातायात पुलिसकर्मियों द्वारा ट्रक रोककर अवैध वसूली की सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंचीं। वहां फरीदपुर की तरफ से आने वाले कुछ ट्रक सड़क किनारे खड़े थे। सड़क के दूसरी ओर मजार के पास कार खड़ी थी। कार में कुछ लोग बैठे थे व कुछ पास खड़े थे। अपना वाहन मजार से पहले ट्रकों की आड़ में खड़ा कराकर वह हमराह व चालक के साथ पैदल ही चल दीं। पास जाकर देखा तो कांस्टेबल मनोज चालक की सीट पर बैठा था। पास खड़ा दूसरा व्यक्ति रुपये ले रहा था। इससे यकीन हो गया कि पुलिसकर्मी ट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे हैं। आरोपी पुलिसकर्मियों को पकड़ने के लिए वह हमराही के साथ कार के सामने पहुंच गईं।


 कार की पिछली सीट पर कांस्टेबल रविंद्र और रावेंद्र बैठे थे। एसपी को देखकर वहां भगदड़ मच गई। कल्पना सक्सेना ने आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की तो मनोज ने कार स्टार्ट कर उनको कुचलने की कोशिश की, पर वह बच गईं। एसपी ने चलती कार में ही कांस्टेबल मनोज की गर्दन पकड़ ली। कार रोकने के लिए कहा लेकिन आरोपियों ने ऐसा नहीं किया। पीछे बैठे सिपाही रविंद्र ने कल्पना के हाथों को पकड़ लिया। उनके सिर पर वार किए और कहा कि इसको कुचलकर मार दो। आरोपियों ने उन्हें 200 मीटर तक घसीटा। कई बार कार को तिरछा चलाकर कुचलने की कोशिश की। जब नहीं कुचल पाए तो उनको धक्का देकर भाग गए थे। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना की। आरोपपत्र दाखिल किया। कोर्ट में 14 गवाह और 22 साक्ष्य पेश किए गए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने चारों को दोषी करार दिया। सोमवार को चारों दोषियों को सजा सुनाई गई।

आजमगढ़ सपा MLC गुड्डू जमाली ने मरीजों के इलाज व गरीब बच्चियों की शादी के लिए दी सहायता गरीबों व असहायों की सेवा ही मानवता की सच्ची सेवा : शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली


 आजमगढ़ सपा MLC गुड्डू जमाली ने मरीजों के इलाज व गरीब बच्चियों की शादी के लिए दी सहायता



गरीबों व असहायों की सेवा ही मानवता की सच्ची सेवा : शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली



उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले मे समाजवादी पार्टी के नेता वा विधान परिषद सदस्य (MLC) शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली पूर्व विधायक मुबारकपुर ने अपने आजमगढ़ आवास से विभिन्न गांव वा क्षेत्र के असहाय गरीब मरीजों के इलाज व गरीब बच्चियों की शादी के लिए चेक द्वार एक लाख सैंतालीस हज़ार की आर्थिक मदद की।


इस दौरान शाह आलम गुड्डू जमाली ने कहा कि मैंने जनता की सेवा का जो बीड़ा उठाया है, उसे आजीवन निभाता रहूंगा। गरीबों व असहायों की सेवा ही मानवता की सच्ची सेवा है, मैंने बिना भेदभाव लोगों की हमेशा सेवा की है। मैं हमेशा अपने जिले व अपने क्षेत्र के लोगों के लिए एक पैर पर खड़ा रहता हूं और आगे भी खड़ा रहूंगा। एमएलसी गुड्डू जमाली ने कहा कि राजनीति में आने का मेरा उद्देश्य गरीब कमजोर जनता की सेवा करना है न कि राजनीति से कोई लाभ लेना है। उन्होंने यह भी कहा कि अल्लाह, (ईश्वर) का शुक्र है कि लोग मुझे इस लायक समझते हैं और यह उनका एहसान है कि मुझ पर भरोसा करते हैं।


 चेक पाने वालों में कन्हैया टंडवा 10 हज़ार, हैदर अली करार हुसैन 15 हज़ार, गणेश राजभर प्यारेपुर 15 हज़ार, नौशाद इस्लामपुरा 15 हज़ार, विद्यासागर 7 हज़ार, मोहम्मद अब्बास चंदवक 10 हज़ार, रिजवाना खातून पत्नी शमीम गोछा 10 हज़ार, सलाहुद्दीन चंदवक 5 हज़ार, एकराम सठियांव 5 हज़ार, प्रेमा यादव चकिया 5 हज़ार, अफ़रोज़ आजमगढ़ 15 हज़ार, मोरोकान 15 हज़ार आजमगढ़, एहसान अहमद 10 हज़ार, सरैयाँ मुबारकपुर, बेचा राम मुबारकपुर शामिल हैं।

आजमगढ़ अधिवक्ताओं ने फूंका केंद्रीय विधि मंत्री का पुतला काली पट्टी बांध कर कलेक्ट्रेट चौराहे तक किया प्रदर्शन


 आजमगढ़ अधिवक्ताओं ने फूंका केंद्रीय विधि मंत्री का पुतला


काली पट्टी बांध कर कलेक्ट्रेट चौराहे तक किया प्रदर्शन


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले मे केंद्र सरकार द्वारा अधिवक्ताओं के विरुद्ध लाए गए कानून के विरुद्ध सोमवार को अधिवक्ताओं द्वारा प्रदर्शन कर केंद्रीय विधि मंत्री भारत सरकार का पुतला फूंका गया और प्रदर्शन कर मांग की गई है कि सरकार द्वारा जो कानून लाया गया है वह मनमाना, निरंकुश और तानाशाही रवैए को प्रदर्शित करता है, इस कानून के माध्यम से सरकार हम अधिवक्ताओं को गुलाम बनाना चाह रही है, अधिवक्ता वादकारी के बीच अविश्वास पैदा किया जा रहा है इससे अधिवक्ता स्वतंत्र हो कर अपना कार्य नहीं करेगा, अधिकारियों कर्मचारियों पर नियंत्रण न कर पाने वाली सरकार अधिवक्ताओं को नियंत्रित करना चाह रही है क्योंकि अधिवक्ता वर्ग ही हर अन्याय के विरुद्ध मुखर होकर अपनी आवाज उठाता है, यही सरकार को खल रहा है, हम अधिवक्ता इसे स्वीकार नहीं करेंगे। नाराज अधिवक्ताओं ने शासन विरोधी नारे लगाते हुए जुलूस की शक्ल में काली पट्टी बांध कर कलेक्ट्रेट चौराहे तक पहुंचे। 


इस संबंध में दीवानी न्यायालय अभिभाषक संघ की साधारण सभा की बैठक हुई। बैठक में सभी अधिवक्ताओं ने एडवोकेट एमेंडमेंट बिल के प्रस्तावों को अधिवक्ता हितों के प्रतिकूल बताया। तत्पश्चात सर्वसम्मति से पूरे दिन न्यायिक कार्य से विरत रहने का प्रस्ताव करते हुए जुलूस निकाला। इस जुलूस में अध्यक्ष वीरेंद्र यादव एडवोकेट, मंत्री नीरज द्विवेदी एडवोकेट, पूर्व मंत्री अनिल कुमार सिंह एडवोकेट, वीरेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट, मनोज सिंह एडवोकेट, अरुणेंद्र सिंह एडवोकेट, आशीष राय एडवोकेट, रविंद्र सिंह एडवोकेट, जितेंद्र यादव एडवोकेट, नायब यादव एडवोकेट, जनार्दन एडवोकेट आदि बड़ी संख्या में अधिवक्ता शामिल हुए।

जालौन स्कूल संचालक को कुल्हाड़ी से काटकर उतारा मौत के घाट सिर को धड़ से किया अलग, इस खुन्नस में घटना को दिया अंजाम


 जालौन स्कूल संचालक को कुल्हाड़ी से काटकर उतारा मौत के घाट



सिर को धड़ से किया अलग, इस खुन्नस में घटना को दिया अंजाम



उत्तर प्रदेश के जालौन जिले से सनसनीखेज खबर सामने आई है। यहां खेत के पास बनी पुलिया पर बैठकर रविवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे योग कर रहे तीन विद्यालयों के संचालक की कुल्हाड़ी से सिर काटकर हत्या कर दी गई। प्रहार ऐसा किया कि सिर कटकर धड़ से अलग होकर नीचे गिर गया और धड़ पुलिया पर औंधा पड़ा रहा। बेटे की तहरीर पर पुलिस ने दो नामजद और तीन-चार अज्ञात पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज की है।


पूछताछ के लिए पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा कि प्रधानाचार्य की नौकरी से हटाने की रंजिश में हत्या की गई है। रामपुरा थाना क्षेत्र के सिलाउवा बुजुर्ग गांव निवासी विद्याराम आजाद (68) प्रतिदिन की तरह रविवार सुबह टहलने के लिए निकले थे। वह अपने खेत के पास बनी पुलिया पर बैठकर योग करने लगे। इसी दौरान पीछे से सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर उनकी हत्या कर दी गई। वारदात के करीब आधे घंटे बाद सुबह छह बजे उधर से गुजर रहे किसानों ने रक्तरंजित शव देख परिजनों और पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो परिजन विरोध करने लगे। आक्रोशित परिजनों ने करीब एक घंटे तक शव नहीं उठने दिया। एसपी के समझाने पर किसी तरह माने और शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने दिया।


विद्याराम के पुत्र दिनेश कुमार उर्फ रामजी ने बताया कि उनके पिता सहायक अध्यापक के पद से सेवानिवृत्त थे। वह भीमनगर ऊंचा में तीन विद्यालयों, सेवा निकेतन विद्यालय, भीमराव जूनियर हाईस्कूल, भीमराम जूनियर इंटर कॉलेज संचालित करते थे। उनकी मां प्रेमा देवी इन विद्यालयों की प्रबंधक हैं। दिनेश ने बताया कि विद्यालय में भीमनगर निवासी रामखिलावन प्रधानाचार्य व रामचरन शिक्षक थे। वर्ष 2019 में अनियमितता के आरोप में उनके पिता ने उन्हें हटा दिया था। इस वजह से वह रंजिश रखते थे। वहीं, भीम नगर निवासी रामचरन जूनियर हाईस्कूल से सेवानिवृत्त हो चुके थे। इसके बाद भी वह रामखिलावन के भड़काने पर स्कूल आते-जाते थे। जबकि उनके पिता स्कूल आने का विरोध करते थे। इस पर वे लोग मारपीट करने पर आमादा हो जाते थे। इसी रंजिश में दोनों ने अपने तीन-चार साथियों के साथ मिलकर पिता की हत्या की है।