Wednesday, 13 November 2024

आजमगढ़ थानाध्यक्ष बिलरियागंज किये गये निलम्बित फर्जी तरीके से बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया जाना पड़ा भारी


 आजमगढ़ थानाध्यक्ष बिलरियागंज किये गये निलम्बित



फर्जी तरीके से बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया जाना पड़ा भारी



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के डीआईजी वैभव कृष्ण की जांच में दोषी मिले थानाध्यक्ष बिलरियागंज को एसपी हेमराज मीना ने निलम्बित कर दिया है। मामले में जांच को पुलिस उपमहानिरीक्षक वैभव कृष्ण के निर्देश पर मऊ स्थानान्तरण की गयी है। बिलरियागंज प्रभारी विनय कुमार सिंह पर स्थानीय थाना क्षेत्र निवासिनी ने डीआईजी कार्यालय में उपस्थित होकर अपने पुत्र के खिलाफ फर्जी बलात्कार का मुकदमा दर्ज करने की शिकायत की थी।


 शिकायतकर्ता के अनुसार बड़े पुत्र ने पत्नी को तलाक का नोटिस भेजा था नोटिस भेजने के कुछ दिन बाद ही बहू ने फर्जी तरीके से बिलरियागंज प्रभारी व पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से देवर पर बलात्कार का मुकदमा दर्ज करा दिया था। पुलिस उपमहानिरीक्षक वैभव कृष्ण ने पुलिस अधीक्षक को इस मामले की जांच एसपी ग्रामीण से कराने का निर्देश दिये। जांच में पाया गया कि मामला संदिग्ध है। क्योंकि थानाध्यक्ष ने मुकदमा दर्ज करने के चार दिन बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस मामले में न ही किसी का बयान लिया गया न ही फॉरेंसिक साक्ष्य ही जुटाए। इतना ही नहीं घटना स्थल का निरीक्षण भी नहीं किया गया। मुकदमें में पति-पत्नी के तलाक का कोई भी जिक्र नहीं किया गया है। गिरफ्तारी भी साक्ष्यों के आधार पर नहीं की गई है। रिपोर्ट आने के बाद डीआईजी के निर्देश पर एसपी हेमराज मीना ने थानाध्यक्ष विनय कुमार सिंह को निलम्बित कर दिया है। वहीं इस मुकदमे की जांच पुलिस उपमहानिरीक्षक ने मऊ जिले की पुलिस से कराने का निर्देश दिया है।


https://youtu.be/y70tpO-AXRE?si=Ju7SLaYuyCmHzLBg

आजमगढ़ सरायमीर रेलवे ट्रैक पर ईयर फोन लगाकर दौड़ रहा था किशोर नहीं सुन पाया ट्रेन का हार्न, कटकर हुई मौत


 आजमगढ़ सरायमीर रेलवे ट्रैक पर ईयर फोन लगाकर दौड़ रहा था किशोर


नहीं सुन पाया ट्रेन का हार्न, कटकर हुई मौत




उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के सरायमीर थाना क्षेत्र के संजरपुर में किशोर की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। किशोर की पहचान संजरपुर निवासी 17 वर्षीय मोहम्मद रेहान के रूप में हुई है।

 संजरपुर स्थित रेलवे फाटक के पास कान में इयर फोन लगा कर रेलवे ट्रैक पर दौड़ रहा था। इसी दौरान पीछे से आसनसोल-गोंडा एक्सप्रेस हार्न बजाते हुए आ रही थी। ट्रेन आता देख साथियों और स्थानीय लोगों ने काफी आवाज लगाई लेकिन इयर फोन की वजह से उसको कुछ सुनाई नहीं दिया। जबतक उसे आभास होता तबतक बहुत देर हो चुकी थी। ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची सरायमीर थाना की पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।


 स्थानीय लोगों ने बताया कि सरायमीर स्टेशन से फरीहा तक रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण कार्य किया जा रहा है। जिस वजह से मौजूदा रेलवे ट्रैक के दोनों ओर जमीन साफ कर मिट्टी डाल कर समतलीकरण किया जा रहा है। वहीं रेहान के साथियों ने बताया कि वे लोग प्रतिदिन रेलवे ट्रेक के किनारे खाली जमीन पर टहलने आते थे। लेकिन आज पता नहीं क्यों रेहान रेलवे ट्रैक के बीच दौड़ लगा रहा था। इयर फोन लगे होने की वजह से उसे हमलोगों की आवाज सुनाई नहीं दी। घटना के बाद परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।

आगरा पॉश एरिया और आलीशान कोठी का काला सच नाबालिग लड़कियों के जिस्म का सौदा, हकीकत कर देगी शर्मसार


 आगरा पॉश एरिया और आलीशान कोठी का काला सच



नाबालिग लड़कियों के जिस्म का सौदा, हकीकत कर देगी शर्मसार



उत्तर प्रदेश के आगरा में पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र से नाबालिग लड़कियों को काम दिलाने का लालच देकर फंसाया जाता है और देह व्यापार के धंधे में धकेला जा रहा है। एक बार इस धंधे में आने के बाद उन्हें लाैटने का माैका नहीं दिया जाता। दलदल में फंसी लड़कियां घरवालों को बताती थीं कि सितारा होटल में काम करतीं हैं। बसई खुद स्थित एक मकान से मुक्त कराई गईं तीन युवती और दो किशोरियों ने पुलिस को काउंसिलिंग में यह जानकारी दी है। लड़कियों को वन स्टाप सेंटर भेजा गया है। वहीं पकड़े गए आठ ग्राहकों और तीन संचालिका को जेल भेजा गया।


बसई खुद स्थित मुकुंद विहार में सोमवार रात पुलिस ने छापा मारा था। एक घर से आठ युवक के साथ पांच लड़कियों और तीन संचालिका पकड़ी गईं थीं। इन पांच लड़कियों में दो नाबालिग हैं। इनमें दो सगी बहनें भी हैं। नाबालिगों में एक मुंबई की जबकि दूसरी धाैलपुर की है। दोनों एक सप्ताह पहले आगरा आई थीं। उन्हें काम दिलाने के बहाने फंसा कर बुलाया गया था। वहीं तीन अन्य दो महीने से इस धंधे में लगी थीं।


 पुलिस ने पकड़ी गईं युवतियों और किशोरियों की काउंसिलिंग की। उनका कहना था कि परिवार काफी गरीब है। पिता ज्यादा कमा नहीं पाते हैं। परिवार का खर्च नहीं चल पाता है। इस कारण परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई है। इस कारण काम की तलाश में थीं। तभी उन्हें देह व्यापार में लगा दिया गया। इस बारे में परिवार के लोगों को जानकारी नहीं है। जब भी परिवार के लोग फोन पर कामकाज के बारे में पूछते थे, वो यही कहती थीं कि सितारा होटल में काम करतीं हैं। इससे परिवार वाले भी आश्वस्त रहते थे। जिस मकान में उन्हें रखा गया, वहां से बिना बताए कहीं नहीं जा सकती हैं। फोन करने की भी इजाजत नहीं थी। संचालिका परिवार के लोगों से बात कराती थी। इस दाैरान वह उनकी सारी बातें भी सुनतीं थी। 


एसीपी ताज सुरक्षा सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि मामले में अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। 3 संचालिका के साथ 8 ग्राहक पकड़े गए। सभी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को जेल भेजा गया। वहीं दो नाबालिगों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। सभी को वन स्टाप सेंटर में रखा गया है।पुलिस ने जिस मोहल्ले में छापा मारा, वहां पर पहले भी कार्रवाई की गई थी। एक युवती को मुक्त कराया गया था। अब छापा मारा तो आरोपी संचालिका के मकान पर एक कागज पर प्रिंट कराकर लिखा गया था कि यहां पर फैमिली रहती है, ताकि पुलिस चेकिंग न करे।

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