Wednesday, 6 November 2024

लखनऊ डीजीपी के चयन और नियुक्ति को लेकर कई आईपीएस अफसरों की उम्मीदों पर फिरा पानी कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को लेकर योगी सरकार उठा सकती है यह कदम कैबिनेट के फैसले ने बदल दिए समीकरण


 लखनऊ डीजीपी के चयन और नियुक्ति को लेकर कई आईपीएस अफसरों की उम्मीदों पर फिरा पानी


कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को लेकर योगी सरकार उठा सकती है यह कदम


कैबिनेट के फैसले ने बदल दिए समीकरण





उत्तर प्रदेश लखनऊ डीजीपी के चयन और नियुक्ति के लिए कैबिनेट के फैसले ने कई आईपीएस अफसरों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। मनोनयन समिति के गठन के बाद मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को स्थायी करने पर मुहर लग सकती है। इससे उन्हें दो वर्ष तक डीजीपी की कुर्सी संभालने का मौका मिल सकता है। इससे वे 30 मई 2025 के बजाय 31 जनवरी 2026 को सेवानिवृत्त होंगे। उनकी सेवानिवृत्ति की अवधि पूरी होने के बाद 8 माह का अतिरिक्त समय मिलेगा।


 दरअसल, प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद 8 डीजीपी तैनात किए जा चुके हैं। इनमें चार स्थायी थे। स्थायी में ओपी सिंह सर्वाधिक दो वर्ष तक डीजीपी रहे। अब कैबिनेट के हालिया फैसले से सीएम योगी के भरोसेमंद अफसरों में शामिल प्रशांत कुमार को भी 2 वर्ष तक डीजीपी की कुर्सी संभालने का मौका मिल सकता है। हालांकि इससे कई आईपीएस अफसर बिना डीजीपी बने सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इनमें पीवी रामाशास्त्री, आदित्य मिश्रा, संदीप सालुंके, दलजीत सिंह चौधरी, बिजय कुमार मौर्या, एमके बशाल, तिलोत्तमा वर्मा, आलोक शर्मा, अभय कुमार प्रसाद, दीपेश जुनेजा और नीरा रावत शामिल हैं। प्रशांत की सेवानिवृत्ति के बाद नए डीजीपी का चयन करने के लिए जुलाई 2026 के बाद ही सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों के नाम पर विचार किया जाएगा।


31 जनवरी 2024 को विजय कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था। वे 16 आईपीएस अफसरों को सुपरसीड करके कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए थे। इनमें मुकुल गोयल, आनंद कुमार, शफी अहसान रिजवी, आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्रा, पीवी रामाशास्त्री, संदीप सालुंके, दलजीत सिंह चौधरी, रेणुका मिश्रा, बिजय कुमार मौर्या, सत्य नारायन साबत, अविनाश चंद्रा, संजय एम. तरडे, एमके बशाल, तनूजा श्रीवास्तव, सुभाष चंद्रा शामिल थे।

आजमगढ़ उपनिरीक्षक भगत सिंह बने निरीक्षक थाना सिधारी पदोन्नति के बाद अधिकारियों ने कंधे पर 3 स्टार लगाकर दी बधाई


 आजमगढ़ उपनिरीक्षक भगत सिंह बने निरीक्षक थाना सिधारी


पदोन्नति के बाद अधिकारियों ने कंधे पर 3 स्टार लगाकर दी बधाई



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ मे पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा अनुमोदित किये जाने के फल स्वरूप जनपद आजमगढ़ के पुलिस उप-निरीक्षक भगत सिंह थाना सिधारी आजमगढ़ को पुलिस निरीक्षक थाना सिधारी आजमगढ़ के पद पर पदोन्नति प्रदान की गयी।


जिसके क्रम में आज 6 नवम्बर 2024 को पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ हेमराज मीना व अपर पुलिस अधीक्षक यातायात विवेक त्रिपाठी द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय आजमगढ़ में उप-निरीक्षक (थाना सिधारी) भगत सिंह के कंधों पर तीन स्टार लगाकर बधाई दी गयी।

हरदोई पुलिस चौकी के बाथरूम में घिनौनी हरकत बेहद शर्मसार करने वाला वीडियो हुआ वायरल एसपी ने कोतवाल और चौकी प्रभारी को किया निलंबित


 हरदोई पुलिस चौकी के बाथरूम में घिनौनी हरकत



बेहद शर्मसार करने वाला वीडियो हुआ वायरल


एसपी ने कोतवाल और चौकी प्रभारी को किया निलंबित


उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले से एक बेहद ही शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। पुलिस चौकी के बाथरूम के अंदर अपने से छोटे उम्र के लड़के संग महिला अय्याशी मनाते नजर आई। इसका वीडियो भी वायरल हो गया। हालांकि वायरल इस अश्लील वीडियो की न्यूज़9यू0पी0 पुष्टि नहीं करता। इस मामले में एसपी ने कोतवाल और चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया है। 


पूरा मामला मल्लावां कोतवाली क्षेत्र स्थित राघोपुर चौकी परिसर में बने बाथरूम का है। 1.40 मिनट का वायरल वीडियो काफी पुराना बताया जा रहा है। यहां एक अधेड़ उम्र की महिला और एक युवक बाथरूम में पहुंच गया। दोनों बाथरूम तक कैसे पहुंचे इसकी किसी को भी जानकारी नहीं है। वीडियो में दोनों संबंध बना रहे हैं। दूसरे किसी व्यक्ति ने दोनों का वीडियो अपने मोबाइल में कैद कर लिया। वीडियो देखने से साफ पता चल रहा है कि महिला और युवक की जानकारी में ये वीडियो बनाया गया है।


वीडियो बनाने वाले ने सबसे पहले चौकी का बोर्ड दिखाया फिर वह बाथरूम में गया और वहां पर महिला और युवक की हरकतों को मोबाइल में कैद किया। कोतवाल ने इसे पुलिस को बदनाम करने के लिए षड़यंत्र करार दिया है। दावा किया गया कि मल्लावां कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत राघोपुर चौकी परिसर में बने बाथरूम का यह वीडियो है।


 हरदोई जिले की राघोपुर पुलिस चौकी के बाथरूम में एक अधेड़ उम्र की महिला के साथ संबंध बनाते युवक का वीडियो वायरल होने के मामले में बड़ा ऐक्शन हुआ है। एसपी ने मंगलवार को मल्लावां कोतवाल अनिल कुमार सैनी और राघोपुर पुलिस चौकी इंचार्ज संजय राय को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। यह कार्रवाई अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी की जांच रिपोर्ट आने के बाद की गई है। वहीं इस पूरे प्रकरण की जांच अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी को सौंपी गई है।

गाजीपुर भ्रष्टाचार में नप गईं ARTO सौम्या पांडेय, मुख्यालय की गईं अटैच ट्रकों से अवैध वसूली, ड्राइवरों से जबरदस्ती पैसे लेना समेत किए थे कई गलत काम


 गाजीपुर भ्रष्टाचार में नप गईं ARTO सौम्या पांडेय, मुख्यालय की गईं अटैच



ट्रकों से अवैध वसूली, ड्राइवरों से जबरदस्ती पैसे लेना समेत किए थे कई गलत काम




उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एआरटीओ के पद पर रही सौम्या पांडे को विभागीय जांच और भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी पाया गया, जिसके बाद उन्हें लखनऊ मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिलाधिकारी और एडीएम, एसपी सिटी की तरफ से किए गए जांच रिपोर्ट के बाद किया गया है.एआरटीओ सौम्या पांडे को पिछले दिनों प्रशासन और परिवर्तन का प्रभाव मिला हुआ था, जिसको लेकर उन्होंने खूब मनमानी की थी।


मिली जानकारी के अनुसार सौम्या पांडे ने इस दौरान ट्रकों से अवैध वसूली करना, ड्राइवरों से जबरदस्ती पैसे लेना समेत कई गलत काम किए थे. इसे लेकर बिहार के बक्सर निवासी पंकज सिंह और लखनऊ के विपिन बाबू ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव से की थी. ऐसे में शासन के निर्देश पर डीएम ने एडीएम , एसपी सिटी व आरटीओ वाराणसी से पूरे मामले की जांच कराई और जांच में पूरा मामला सही पाया गया, जिसके बाद सौम्या पांडे पर ये कार्रवाई की गई. एआरटीओ सौम्या पांडे ने अगस्त महीने में कई ट्रकों के ओवरलोडिंग में चालान किया. इस दौरान सौम्या ने अपने ड्राइवर और एक अन्य व्यक्ति के माध्यम से 50000 से ऊपर का डिमांड किया था. हालांकि जब ड्राइवर ने पैसा नहीं दिया तब एआरटीओ के कहने पर ड्राइवर और उनके सहयोगी ने ट्रक के एक्सेल तक खोलकर आरटीओ कार्यालय में जमा कर दिए थे. इसके बाद ड्राइवर जब आरटीओ कार्यालय पहुंचा था तो उनके कार्यालय में एक्सेल रखा हुआ पाया था और उस वक्त पीआरबी 112 के पुलिसकर्मी भी मौजूद थे।


इसके अलावा पिछले दिनों परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह जब बलिया से लखनऊ जा रहे थे तब उन्होंने कासिमाबाद के पास खुद ओवरलोड ट्रकों को पकड़ा था. ऐसे में कार्रवाई करने के लिए उन्होंने एआरटीओ सौम्या पांडे को फोन कर कर बुलाया, लेकिन कई घंटा बीत जाने के बाद भी वह नहीं पहुंची. इसके बाद परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बलिया के एआरटीओ को बुलाकर उन ट्रकों पर कार्रवाई कराया था. सौम्या पांडे अपना एक पर्सनल ड्राइवर रखे हुई थीं, जो ट्रक मालिकों से अवैध वसूली का पैसा फोन पे और नगद लिया करता था। मामले में सौम्या पांडे का ड्राइवर सत्येंद्र यादव और आउटसाइडर कन्हैया भी दोषी पाए गए।


 शिकायतकर्ता के अनुसार 2 फरवरी 2024 को बक्सर से आजमगढ़ जा रहे हैं ट्रक को एआरटीओ और चालक ने रोका सभी कागजात सही पाए जाने के बाद ओवरलोड दिखाकर उसे पुलिस चौकी पर खड़ा कर दिया गया. एआरटीओ के चालक की मांग पर पंकज सिंह ने फोनपे पर ₹50000 भेजवाया इसके बाद 250 रुपए का रसीद काटकर वाहन को छोड़ा गया था. इस तरह के दर्जन मामले गाजीपुर के एआरटीओ को लेकर की गई थी, जिसकी शिकायत लगातार शासन से की जा रही थी. सौम्या पांडे पिछले डेढ़ महीने से लगातार मेडिकल लेकर छुट्टी पर भी चल रही हैं।