गोरखपुर मुठभेड़ करने वाली पुलिस टीम पर दर्ज होगा हत्या का मुकदमा
बदमाश विपिन सिंह की मां की अर्जी पर कोर्ट ने दिया आदेश
9 जून 2020 को मुठभेड़ दिखाकर मारी गई थी गोली
गोरखपुर जिले के शाहपुर इलाके में मुठभेड़ में ढेर बदमाश विपिन सिंह के मामले में पुलिस कर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज होगा। विपिन की मां की अर्जी पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने तत्कालीन सीओ प्रवीण सिंह (वर्तमान में वाराणसी में तैनात), थाना प्रभारी गुलरिया मनोज राय सहित अन्य पुलिस वालों और प्रॉपर्टी डीलर, उसके साथियों पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है। जानकारी के मुताबिक, शाहपुर थाना क्षेत्र के पादरी बाजार निवासी विपिन सिंह को 9 जून 2020 को पिपराइच के जंगल छत्रधारी में पुलिस से हुई मुठभेड़ में गोली लग गई थी। मेडिकल कॉलेज ले जाते समय उसकी मौत हो गई थी। पुलिस के अधिकारियों ने बताया था कि विपिन सिंह अपने साथियों संग प्रापर्टी डीलर छोटू प्रजापति व उसके साथियों की हत्या करने आया था। पुलिस के घेराबंदी करने पर फायरिंग करते हुए भागने लगा। जवाबी कार्रवाई में लगी गोली से मौत हो गई।
विपिन सिंह की मां ने सीजेएम कोर्ट में दी अर्जी में लिखा है कि प्रापर्टी डीलर छोटू प्रजापति से सांठगांठ कर क्राइम ब्रांच व गुलरिहा थाना पुलिस की टीम ने योजना के तहत हत्या की है। पहले उसे फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भेजा गया। जमानत पर छूटने के बाद विपिन बाइक से अपने साथी को घर छोड़ने जंगल छत्रधारी गांव में गया था। रास्ते में छोटू प्रजापति ने देख लिया और अपने साथियों संग घेरकर फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें दो लोगों को गोली लगी थी। जान बचाने के लिए भागे विपिन को पुलिस व छोटू प्रजापति ने अपने साथियों संग घेरकर गोली मार दी। सीजेएम ने गुलरिहा थाना पुलिस को आदेश दिया है कि आरोपितों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर विवेचना करें।
जिस मुठभेड़ में विपिन सिंह मारा गया था, उसमें ग्रामीणों ने पुलिस की मदद की थी। लंबे समय बाद यह पहली मुठभेड़ थी, जिसमें पुलिस का आमना-सामना बदमाशों से हुआ था। दरअसल, विपिन सिंह प्रॉपर्टी डीलर छोटू प्रजापति को मारने गया था और उसके ना मिलने पर उसके दोस्त के भाई जंगल छात्रधारी निवासी दीपचद (35) को गोली मार दी थी। भागते समय अंधाधुंध फायरिंग की थी जिसमें 10 साल का आदित्य शर्मा भी गोली से घायल हो गया था। ताबड़तोड़ फायरिंग की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी और ग्रामीणों की मदद से घेराबंदी की थी। जानकारी के मुताबिक, गोरखपुर सहित आसपास के जिलों में अपराध की दुनिया में बदमाश विपिन सिंह बड़ा नाम था। वह अपने गोली चलाने के अंदाज के लिए भी जाना जाता था। आलम यह था कि जब भी वारदात करने जाता था तो दोनों हाथों से गोली चलाता था।
11 जून 2020 को शाहपुर क्षेत्र के जंगल सालिकराम, बधिक टोला का रहने वाला हिस्ट्रीशीटर विपिन सिंह लॉकडाउन में जमानत पर जेल से छूटा था। वह तभी से पिपराइच इलाके के जंगल छत्रधारी निवासी प्रॉपर्टी डीलर छोटू और अरुण की हत्या के फिराक में था। बताया जाता है कि उसे सूचना मिली कि एक दावत में छोटू प्रजापति और अरुण मौजूद हैं। वहीं से विपिन सिंह दो दोस्तों के साथ छोटू के घर पहुंच गया। उनके घर पर न मिलने पर हवाई फायरिंग करते हुए वहां से भाग निकला और शाहगंज निवासी उनके दोस्त अरुण निषाद के घर पहुंच गया। उस समय अरुण का छोटा भाई दीपचंद घर के बाहर बैठा हुआ था। विपिन और उसके साथियों ने उस पर गोली चला दी। हाथ में एक गोली लगने से वह घायल हो गया। इस बीच ग्रामीणों ने बदमाशों को दौड़ा लिया। भागने के दौरान कार सवार युवकों ने बदमाशों की बाइक में टक्कर मार दी, जिससे वे गिर गए और तीनों बदमाश फायरिंग करते हुए पैदल भागने लगे।
इस दौरान गोली लगने से शाहगंज का एक दस वर्षीय बच्चा भी घायल हो गया था। ग्रामीणों ने बदमाशों का पीछा करना जारी रखा। इसी बीच क्राइम ब्रांच और गुलरिहा थाने की पुलिस ने नौतन गांव के पास बदमाशों को घेर लिया। मुठभेड़ के दौरान पेट में गोली लगने से विपिन सिंह घायल हो गया था उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां से डॉक्टरों ने उसे केजीएमयू, लखनऊ रेफर कर दिया। उसे केजीएमयू में भर्ती कराया गया। जहां अगले दिन सुबह उसने दम तोड़ दिया था।