Wednesday, 21 December 2022

आजमगढ़ कप्तानगंज फर्जी तरीके से कई असलहों के लाइसेंस लेने वाला गिरफ्तार खुद को अर्द्धसैनिक बल का जवान बन की जाल साजी


 आजमगढ़ कप्तानगंज फर्जी तरीके से कई असलहों के लाइसेंस लेने वाला गिरफ्तार


खुद को अर्द्धसैनिक बल का जवान बन की जाल साजी


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ खुद को सीमा सुरक्षा बल का जवान बता पुलिस एवं प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर तीन असलहों का लाइसेंस जारी कराने वाले की जांच के दौरान पोल खुली और बुधवार को दिन में उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।


बताते हैं कि बीते वर्ष 5 जनवरी को कप्तानगंज थाने पर तैनात उपनिरीक्षक बांके बहादुर सिंह द्वारा लिखित सूचना दी गई कि क्षेत्र के तहर वाजिदपुर ग्राम निवासी आनंद सिंह उर्फ विक्की सिंह एवं अंशदिप सिंह पुत्रगण  स्वर्गीय श्याम बहादुर सिंह द्वारा फर्जी तरीके से बंदूक राइफल तथा रिवाल्वर के लाइसेंस जारी करा लिए गए हैं मामले की विवेचना के दौरान शस्त्र धारक द्वारा पुलिस को उपलब्ध कराए गए लाइसेंसों की छाया प्रति के आधार पर जानकारी हुई थी अंशदिप सिंह ने खुद को सीमा सुरक्षा बल के द्वितीय बटालियन का जवान तथा अपनी तैनाती जनपद किश्तवार, जम्मू-कश्मीर मे दिखा कर फर्जी तरीके से तीन शस्त्रों का लाइसेंस जारी करा लिया है। 


आरोपी के बारे में प्राप्त जानकारी के बाद पता चला कि वह कभी भी सेना अर्धसैनिक बल तथा पुलिस बल के साथ ही किसी भी सरकारी नौकरी में सेवारत नहीं था और उसने कूट रचित दस्तावेज प्रस्तुत कर छल पूर्वक शास्त्रों का लाइसेंस अपने नाम तथा भाई के नाम जारी करा लिया है विवेचना में सारे तथ्य उजागर होने के बाद कप्तानगंज थाने में आरोपी दोनों भाइयों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत किया गया बुधवार को दिन में उपनिरीक्षक विशाल चक्रवर्ती ने अपने हमराहियों के साथ वाजिदपुर गांव निवासी आरोपी भाइयों के घर दबिश देकर आरोपी अंशदिप सिंह पुत्र स्व० श्यामबहादुर सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

आजमगढ़ दीवानी बार के पदाधिकारियों को दिलाई गई शपथ।


 आजमगढ़ दीवानी बार के पदाधिकारियों को दिलाई गई शपथ।



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ दीवानी बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बुधवार को समारोह पूर्वक शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिला जज जितेंद्र कुमार सिंह ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बार और बेंच दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। इन दोनों के सामंजस्य से ही न्यायपालिका की गाड़ी सुचारू रूप से चलती है।


 समारोह की शुरुआत में एल्डर कमेटी के चेयरमैन शिव गोविंद यादव ने अध्यक्ष पद के लिए प्रभाकर सिंह को शपथ दिलाई।प्रभाकर सिंह तीसरी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए हैं। मंत्री पद के लिए जयप्रकाश यादव ने शपथ लिया इसके अलावा वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर रेहान मिर्जा रेहान कैसर उपाध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह तथा नायब यादव,सह मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह , रत्नेश्वर कुमार पांडेय, मोहम्मद मेंहदी ने शपथ ली।


ऑडिटर कुंवर ब्रजेश सिंह ,कोषाध्यक्ष पद पर राम अवध प्रजापति,वरिष्ठ कार्यकारिणी के छह पदों पर राजवीर सिंह , जगदीश यादव , उपेंद्र कुमार मिश्र ,जगदीश प्रसाद सिंह ,विश्वनाथ सिंह तथा मोहम्मद तारिक खान ने शपथ लिया। वही कनिष्ठ कार्यकारिणी के छ पदों के लिए अभीक कुमार गुप्ता,ध्रुव कुमार मिश्र, प्रिंस कुमार श्रीवास्तव,रमेश कुमार, लाल बहादुर चौहान,तथा संजय मिश्र ने शपथ ली।


 इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के दोनों जिलाअध्यक्ष ध्रुव कुमार सिंह तथा ऋषि कांत राय,जिला पंचायत के अध्यक्ष विजय यादव, उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पूर्व सदस्य मधुलिका यादव, लालगंज के विधायक बेचई सरोज,राजेश सिंह महुवारी, कलेक्ट्रेट बार के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह तथा मंत्री अजय ,सेंट्रल बार एसोसिएशन के शत्रुघन सिंह एडवोकेट , आद्या प्रसाद सिंह एडवोकेट विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। समारोह का संचालन निवर्तमान मंत्री राजेश सिंह पराशर तथा नवनिर्वाचित मंत्री जयप्रकाश यादव ने किया।

आजमगढ़ कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यालय 23 तक रहेंगे बंद


 आजमगढ़ कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यालय 23 तक रहेंगे बंद



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ भीषण कोहरे व बढ़ती ठंड को संज्ञान में लेते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार सिंह ने जनपद के सभी परिषदीय विद्यालयों मान्यता प्राप्त विद्यालयों सहायता प्राप्त विद्यालयों आईसीएससी और सीबीएसई बोर्ड से संबंधित विद्यालय के कक्षा 1 से लेकर 8 तक के बच्चों के अवकाश का आदेश दिया है।


 यह आदेश 22 व 23 दिसंबर तक लागू रहेगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अधीनस्थ अधिकारियों को इस आदेश का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है और सभी स्कूलों से इसके पालन का आदेश दिया है।

5 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास, 4 को पांच साल की जेल बेगुनाह का इनकाउंटर करने पर सीबीआई कोर्ट ने सुनाई सजा


 5 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास, 4 को पांच साल की जेल


बेगुनाह का इनकाउंटर करने पर सीबीआई कोर्ट ने सुनाई सजा


गाजियाबाद एटा में 16 साल पहले फर्नीचर कारीगर राजाराम की हत्या कर मुठभेड़ का रूप देने के मामले में दोषी पांच पुलिसकर्मियों को बुधवार को सीबीआई की अदालत ने आजीवन कारावास और 33-33 हजार रुपये अर्थदंड और चार पुलिसकर्मियों को पांच-पांच साल जेल व 11-11 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। एक आरोपी पुलिसकर्मी की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। मिली जानकारी के मुताबिक जिन दोषी पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास और 33-33 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है उनके नाम पंवन सिंह, पाल सिंह ठनवा, सरनाम सिंह, राजेंद्र प्रसाद और मोहकम सिंह है वहीं बलदेव सिंह, अजय कुमार, अवधेश रावत और सुमेर सिंह को 5- 5 वर्ष कारावास और 11- 11 हजार अर्थदण्ड लगाया गया है।


वर्ष 2009 में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद 13 साल चली सुनवाई में 202 लोगों की गवाही के बाद साबित हुआ कि सिपाही राजेंद्र ने राजाराम से अपने घर की रसोई में काम कराया था। राजाराम ने मजदूरी के पैसे मांग लिए थे। सिपाही ने मना किया तो राजाराम अड़ गया था। इसी पर सिपाही ने साजिश रच ली। राजाराम पर एक भी केस दर्ज न होने के बावजूद सिढ़पुरा थाने की पुलिस ने उसे लुटेरा बताया। उसका शव परिवार वालों को देने के बजाय खुद ही अज्ञात में दाह संस्कार कर दिया था। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक अनुराग मोदी ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट में दर्ज परिवाद में राजाराम की पत्नी संतोष कुमारी ने बताया था कि उसके पति को थाना सिढ़पुरा जिला एटा के पुलिसकर्मी पवन सिंह, पालसिंह ठेनुवा, अजंट सिंह, सरनाम सिंह और राजेन्द्र प्रसाद ने 18 अगस्त 2006 को दोपहर तीन बजे उठा लिया था। उस समय वह पति राजाराम, जेठ शिव प्रकाश, देवर अशोक के साथ अपनी बीमार बहन राजेश्वरी देवी को पहलोई गांव में देखने जा रही थी।


उसने बताया कि उसने पति को पुलिस से छुड़ाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने कहा कि पूछताछ के लिए ले जा रहे हैं, अगले दिन छोड़ देंगे। 28 अगस्त 2006 को थाना सिढ़पुरा की पुलिस ने एक लुटेरे की मुठभेड़ में मौत बताई। उसके शव को अज्ञात में जला देने के बाद बताया कि वह राजाराम था। संतोष ने बताया कि वे पहले केस दर्ज कराने के लिए थाने गए तो पुलिस ने भगा दिया। जिला अदालत में प्रार्थना पत्र दिया तो अर्जी खारिज हो गई। इसके बाद वे लोग हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सीबीआई जांच के आदेश दिए। 2007 में जांच शुरु कर सीबीआई ने 2009 में सिढ़पुरा के तत्कालीन थाना प्रभारी पवन कुमार सिंह सहित दस पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।


 सुनवाई के दौरान आरोपी दरोगा अजंट सिंह की मृत्यू हो गई। नौ पुलिसकर्मी हत्या और साक्ष्य मिटाने के दोषी सिद्ध हुए। राजाराम के खिलाफ किसी भी थाने में कोई केस दर्ज नहीं था। वह पुलिसवालों के घर भी फर्नीचर की मरम्मत का काम करता था। इसके बावजूद उसे लुटेरा बताकर मुठभेड़ में उसकी हत्या की। पुलिसवाले उसे पहचानते थे, फिर भी शव की शिनाख्त नहीं की और अज्ञात में दाह संस्कार किया। उसके परिजनों को उसके मर जाने की सूचना भी नहीं दी। कोर्ट में पुलिस न तो उसे लुटेरा साबित कर सकी और न ही मुठभेड़ को असली।



ये पाए गए दोषी-


1 पवन सिंह, तत्कालीन थानाध्यक्ष, थाना सिढ़पुरा, जनपद एटा स्थाई पता-ग्राम बदेहरी थाना छपार, जनपद मुजफ्फरनगर, 2. श्रीपाल ठेनुआ, तत्कालीन उपनिरीक्षक, थाना सिढ़पुरा जनपद एटा, स्थाई निवासी ग्राम बदेहरी थाना छपार, जनपद मुजफ्फरनगर, 3. सरनाम सिंह, तत्कालीन आरक्षी, थाना सिढ़पुरा, एटा, स्थाई निवासी करूणामयी नगरिया, थाना बेवर, मैनपुरी, 4. राजेन्द्र प्रसाद तत्कालीन आरक्षी थाना सिढ़पुरा एटा, स्थाई निवासी-डिनौली, थाना टूंडला फिरोजाबाद, 5. मोहकम सिंह तत्कालीन सरकारी वाहन चालक थाना सिढ़पुरा, निवासी नंगला डला तहसील करहल, मैनपुरी, 6.बलदेव प्रसाद, आरक्षी सिढ़पुरा थाना, निवासी कस्बा व थाना हरपालपुर, हरदोई, 7.अवधेश रावत तत्कालीन आरक्षी सिढ़पुरा, निवासी ग्राम नंगला तेजा पोस्ट रिधौरी कटरा, थाना रूवेन, आगरा, 8. अजय कुमार तत्कालीन आरक्षी सिढ़पुरा थाना, निवासी ग्राम धीप, थाना घिरौर मैनपुरी, 9. सुमेर सिंह आरक्षी, सिढ़पुरा, निवासी नंगला तेजा पोस्ट रिधौरी कटरा थाना रूवेन, आगरा।


बेगुनाह के खून से सनी खाकी

18 अगस्त 2006-दोपहर तीन बजे रिश्तेदारी में जाते समय उठाया गया था राजाराम को।

18 अगस्त 2006-रात पौने आठ बजे सुनहरा गांव के जंगल में गोली मारकर कर दी थी हत्या।

एक जून 2007-हाईकोर्ट ने केस दर्ज कर सीबीआई जांच का आदेश दिया।


22 जून 2009-सीबीआई कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।


चार दिसंबर 2015-गवाही शुरु हुई, कुल 202 गवाह पेश किए सीबीआई ने।

आगरा प्यार में मिला धोखा, बुझ गई 'ज्योति' पति ने गला दबाकर मार डाला, तीन साल पहले किया था प्रेम विवाह


 आगरा प्यार में मिला धोखा, बुझ गई 'ज्योति'


पति ने गला दबाकर मार डाला, तीन साल पहले किया था प्रेम विवाह



उत्तर प्रदेश आगरा के थाना सिकंदरा क्षेत्र के पश्चिमपुरी में ज्योति को उसके पति उदय सिंह ने मार डाला। उसने मंगलवार दोपहर में वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद थाने पहुंचा। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। ज्योति ने तीन साल पहले उदय सिंह से प्रेम विवाह किया था। प्रेम विवाह के बाद खुशहाल जिंदगी के सपने संजोए थे, लेकिन उसके सपने शादी के कुछ ही दिनों बाद चकनाचूर हो गए, जब उसे पता चला कि उदय पहले से ही शादीशुदा है। उसे धोखे में रखकर उससे प्रेम विवाह किया। वह तीन साल तक इस धोखे को बर्दाश्त करती रही, लेकिन कभी सपने यह नहीं सोचा होगा कि उदय उसकी जान ले लेगा। मंगलवार को पति-पत्नी में झगड़ा हुआ था। इसी दौरान उदय ने गला दबाकर ज्योति की हत्या कर दी। इसके बाद थाने पहुंचकर खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। मृतका के भाई ने आरोपी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है।


सिक्योरिटी एजेंसी में नौकरी के दौरान ही ज्योति की दोस्ती उदय से हो गई। दोनों के बीच प्रेम संबंध हो गए। वर्ष 2019 में कोर्ट मैरिज करने के बाद उदय और ज्योति शेखर एन्क्लेव में साथ रहने लगे। शादी के बाद ज्योति को पता चला कि उदय पहले से शादीशुदा है। इसको लेकर दोनों के बीच झगड़े शुरू हो गए। मारपीट भी होती थी। ज्योति का डेढ़ साल का बेटा भी है।


मंगलवार सुबह लगभग 11 बजे पति-पत्नी में झगड़ा हो गया था। दोपहर में उदय ने ज्योति की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद थाना सिकंदरा पहुंच गया। हालांकि पुलिस का कहना है कि सूचना पर उसे गिरफ्तार किया गया है। उदय ने बताया कि वह ज्योति को अपने घर ले जाकर रहना चाहता था। मगर, वो गांव में जाने के लिए तैयार नहीं हुई। इसको लेकर विवाद होता था। इसलिए हत्या कर दी।


घटना की जानकारी पर मृतका की मां सोना और भाई निखिल पहुंच गए। उनका कहना था कि ज्योति के साथ उदय सिंह ने धोखा किया था। इस वजह से वो विरोध करती थी। उदय ज्योति के साथ आए दिन मारपीट करता था। वह शिकायत करती थी। पुलिस से शिकायत करने पर उदय माफी मांग लेता था। उसे अपने घर ले जाता था।