Tuesday, 22 March 2022

आज़मगढ़ तरवां लेखपाल दंपती हत्याकांड में शामिल थी बहू विवेचना के बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार।


 आज़मगढ़ तरवां लेखपाल दंपती हत्याकांड में शामिल थी बहू



विवेचना के बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार।




उत्तर प्रदेश आजमगढ़ तरवां थाना पुलिस ने मंगलवार को क्षेत्र के खरिहानी दुर्गा मंदिर के पास से लेखपाल दंपती हत्याकांड की आरोपित बहू को गिरफ्तार किया है। वह हत्या की साजिश में न्यायालय से जमानत पर थी।




 पुलिस की विवेचना में हत्या में भी इसका नाम प्रकाश में आया।

28 नवंबर 2021 की रात को लेखपाल रामनगीना राम व मंशा देवी की धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी गई थी। उनके बेटे उदय प्रताप उर्फ प्रधान ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उस समय पुलिस ने मृतक दंपती की बहू को साजिशकर्ता में गिरफ्तार कर  न्यायालय भेजा था। 




उसके बाद वह जमानत पर रिहा हो गई थी। पुलिस विवेचना में 10 दिसंबर 2021 को आरोपित पंकज यादव निवासी कोठिया थाना रानी की सराय तथा ज्योति पत्नी कौशल प्रताप निवासी पित्थौरपुर समेत 12 का नाम प्रकाश में आया था। 




थानाध्यक्ष तरवां रत्नेश कुमार दूबे ने आरोपित लेखपाल दंपती की बहू ज्योति को खरिहानी दुर्गा मंदिर के पास से गिरफ्तार कर लिया। घटना के पीछे आरोपित पंकज यादव से प्रेम प्रपंच बताया जा रहा है।

मऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नोटिस जारी


 मऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नोटिस जारी



एसीजेएम/ एमपी एम एल कोर्ट के आदेश के विरूद्ध जिला जज की कोर्ट मे निगरानी दाखिल, सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तिथि नियत।




उत्तर प्रदेश मऊ जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामेश्वर ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपीएमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी के आदेश के विरुद्ध दाखिल निगरानी को एडमिट करते हुए विपक्षी संख्या दो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी किया। साथ ही मामले मे सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तिथि नियत किया। 




जानकारी के अनुसार मामले के अनुसार दोहरीघाट थाना क्षेत्र के कस्बा दोहरीघाट निवासी नवल किशोर शर्मा पुत्र देवनाथ शर्मा ने एक परिवाद दाखिल किया था। इसमें मुख्यमंत्री अजय सिंह विष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ महंत गोरक्षपीठ को आरोपी बनाते हुए विचारण के लिए तलब करने का अनुरोध किया था। उसका कथन है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति एवं देश के गौरव मुख्यमंत्री एवं हिंदुओं के आस्था के केंद्र गोरक्षपीठ के महंत हैं।



 उनका बोलना भाषण देना वक्तव्य देना देश, प्रदेश तथा प्रत्येक धर्म, जाति वर्ग एवं समुदाय में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। साथ ही लोग इस पर आस्था व विश्वास भी रखते है। आरोप है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजस्थान प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान सार्वजनिक सभा में 28 नवंबर 2018 को अलवर जिले के मालाखेड़ा में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बजरंगबली ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं बनवासी हैं, गिरवासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं। इनके इस भाषण से परिवादी के धार्मिक भावनाओं को ठेस एवं आघात पहुंचा है। साथही इष्ट देव श्री बजरंगबली में श्रद्धा रखने वाले समुदायों की आस्था को उनके द्वारा आहत पहुंचाई गई है।





 सुनवाई के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपीएमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी ने सुनवाई के बाद 11 मार्च को परिवाद खारिज कर दिया। अपने आदेश में लिखा कि विपक्षी द्वारा राजस्थान राज्य के अलवर जिले के मालाखेड़ा स्थान पर वक्तव्य दिया गया है। घटना का स्थल राजस्थान राज्य में स्थित है। जनपद मऊ में इस न्यायालय को प्रस्तुत परिवाद को सुनने का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। इस आदेश के विरूद्ध नवलकिशोर शर्मा ने मंगलवार को जिला जज की कोर्ट मे निगरानी दाखिल किया।

सपा को बड़ा झटका, दो एमएलसी प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त


 सपा को बड़ा झटका, दो एमएलसी प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त


 


उत्तर प्रदेश  एटा में एमएलसी चुनाव को लेकर दो दिन से चल रही हंगामेदार स्थिति के बीच मंगलवार दोपहर को जिला प्रशासन ने सपा के दोनों प्रत्याशियों के शपथ पत्रों में कमी बताते हुए नामांकन पत्रों को निरस्त कर दिया है। इनके अलावा सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अनुज कुमार के नामांकन पत्र को भी खारिज किया गया है।




 इसके साथ ही भाजपा के प्रत्याशी ओमप्रकाश सिंह और आशीष यादव का निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है। दो सदस्य पदों वाली मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकरण सीट के लिए सोमवार को अंतिम दिन भाजपा, सपा सहित पांच प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र जमा किए थे। सपा से प्रत्याशी उदयवीर सिंह और राकेश सिंह यादव ने एक-एक सेट में रिटर्निंग अधिकारी डीएम अंकित अग्रवाल को अपने नामांकन पत्र जमा किए। वहीं भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश सिंह और आशीष यादव ने पर्चा दाखिल किए। मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच हुई। नामांकन पत्रों की जांच के बाद जिला प्रशासन ने सपा के उदयवीर सिंह और राकेश सिंह यादव के शपथ पत्रों में कमी बताते हुए नामांकन पत्रों को निरस्त कर दिया। वहीं सुभासपा प्रत्याशी अनुज कुमार का नामांकन भी खारिज हो गया है।




 ऐसे में अब दो सदस्य पदों वाली मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट पर भाजपा प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय है। वहीं मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान बवाल भी हुआ। सपा प्रत्याशियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर मारपीट करने का आरोप लगाया।




 आरोप है कि कलक्ट्रेट पहुंचे सपा प्रत्याशी उदयवीर सिंह और राकेश यादव को वहां पहले से मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं ने घेर लिया और उनके साथ मारपीट कर दी। इस दौरान सपा प्रत्याशियों के कपड़े भी फट गए। उनकी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई। घटना से कलक्ट्रेट में अफरातफरी मच गई। इससे पूर्व नामांकन के अंतिम दिन भी सपा और भाजपा के लोग भिड़ गए थे।

आजमगढ़ एसडीएम कार्यालय में विवाहिता ने किया आत्मदाह का प्रयास


 आजमगढ़ एसडीएम कार्यालय में विवाहिता ने किया आत्मदाह का प्रयास


छेड़खानी का विरोध करने पर पीड़िता का जेठ पुलिस हिरासत में।



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ मार्टिनगंज तहसील परिसर में सोमवार की शाम न्याय की गुहार लगाने पहुंची विवाहिता ने उप जिलाधिकारी कक्ष में आत्मदाह की कोशिश कर सबको सकते में डाल दिया।




 समय रहते वहां मौजूद लोगों ने उसे बचा लिया। पीड़िता द्वारा छेड़खानी का आरोप लगाने पर पुलिस ने उसके जेठ को हिरासत में ले लिया है।




दीदारगंज थाना अंतर्गत लारपुर जोखू ग्राम निवासी राजपाल गौतम दो वर्ष पूर्व अपनी प्रेमिका अनीता को भगाकर घर ले आया। मामला पुलिस तक पहुंचने पर दोनों पक्षों की रजामंदी से दीदारगंज थाने में उनकी शादी संपन्न करा दी गई। शादी के बाद अनीता अपने ससुराल में रहने लगी।



 वहीं उसका पति राजपाल कमाने की गरज से मुंबई चला गया। बताते हैं कि प्रेम विवाह के कुछ समय बाद ही दोनों के रिश्ते में खटास आने लगी। पीड़ित अनीता ने इस मामले में स्थानीय थाना व पुलिस अधीक्षक के यहां न्याय की गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी। सोमवार की शाम अनीता न्याय की गुहार लगाने मार्टिनगंज तहसील परिसर पहुंची और वहां एसडीएम कार्यालय में वह अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास करने लगी। 




समय रहते वहां मौजूद लोगों ने उसे ऐसा करते देख लिया और उसे बचा लिया गया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि ससुराल वाले उसके पति को हमेशा उससे अलग रखने की कोशिश करते हैं। साथ ही पीड़िता का आशिक मिजाज जेठ उसके साथ अश्लील हरकत करता है। इसकी शिकायत उसने कई बार थाना व पुलिस अधीक्षक से की लेकिन न्याय नहीं मिला। मजबूर होकर उसे आत्महत्या के लिए कदम उठाना पड़ा।




 इस मामले में पुलिस ने पीड़िता के जेठ धर्मपाल को हिरासत में ले लिया है। समाचार लिखे जाने तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हो सकी थी।

अखिलेश यादव ने लोकसभा से दिया इस्तीफा

अखिलेश यादव ने लोकसभा से दिया इस्तीफा


2019 में आजमगढ़ से बने थे सांसद।




नई दिल्ली  समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपने के लिए संसद परिसर में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। अखिलेश आजमगढ़ से लोकसभा सांसद हैं। 




उन्होंने उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव जीता। अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट 67,504 मतों के अंतर से जीते। उन्हें 1,48,196 वोट मिले थे, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को 80,692 वोट मिले थे।



 करहल को सपा का गढ़ माना जाता है। यादव को 60.12 फीसदी वोट मिले, जबकि बघेल को 32.74 फीसदी वोट मिले। अखिलेश यादव ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, अखिलेश यादव विधान परिषद के सदस्य थे। 



भाजपा ने उत्तर प्रदेश में सत्ता बरकरार रखी है, राज्य की 403 सीटों में से बहुमत हासिल किया है और एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के साथ जारी रखने के लिए तैयार है। अकेले भगवा पार्टी ने 255 सीटें जीतीं और उसके सहयोगी अपना दल (एस) और निषाद ने क्रमशः 12 और 6 सीटें जीतीं। समाजवादी पार्टी 111 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही।

 

पीएम किसान सम्मान निधि योजना में बड़ा बदलाव


 पीएम किसान सम्मान निधि योजना में बड़ा बदलाव



अभी कर लें यह काम वरना जाना पड़ सकता है जेल।




नई दिल्ली पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत से लेकर अब तक इसमें 8 बदलाव हो चुके हैं। कुछ दिन पहले लाभार्थियों के लिए को e-KYC करना जरूरी कर दिया गया है।



 अब जो बदलाव हुआ है, उसके जरिए अपात्र लाभार्थियों से पैसे वसूल किए जाएंगे और साथ ही आप यह जान पाएंगे कि आप जो किस्त उठा रहे हैं, उसके पात्र हैं और इसे लौटानी नहीं पड़ेगी।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत लााखों किसानों ने फर्जी तरीके से 2000-2000 रुपये की कई किस्तें डकार लीं। कोई आयकरदाता होते भी किस्त पा रहा है तो किसी के परिवार में पति-पत्नी दोनों किस्त उठा रहे हैं। 



भले से खेत पति और पत्नी के नाम हों, लेकिन अगर एक ही साथ रहते हैं और परिवार में बच्चे नाबालिग हैं तो केवल एक ही व्यक्ति को इस योजना का लाभ मिलेगा। सरकार ने ऐसे अपात्रों पर शिकंजा कसने के लिए वसूली का नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। कई जगहों पर तो लोगों के जेल जाने की भी नौबत आ गई है।




अगर आप जेल नहीं जाना चाहते हैं तो गलत तरीके से लिए गए पीएम किसान का पैसा वापस कर दें। इसके लिए सरकार ने पीएम किसान पोर्टल पर एक सुविधा दी है। आप ऑनलाइन पैसा रिफंड कर सकते हैं। इसके लिए आपको केवल यह करना है।




सबसे पहले https://pmkisan.gov.in/ पोर्टल पर जाएं। दायीं तरफ छोट-छोटे बॉक्स बने हैं। सबसे नीचे आपको Refund Online का बॉक्स मिलेगा। इस पर क्लिक करें।




इसमें दो ऑप्शन दिखेंगे। पहला अगर आपने पीएम किसान का पैसा वापस कर दिया है तो पहले को चेक कर सबमिट बटन पर क्लिक करें अन्यथा दूसरे ऑप्शन का चेक कर सबमिट करें।

इसके बाद आधार नंबर, मोबाइल नंबर या बैंक खाता नंबर डालें। इमेज टेक्स्ट टाइप करें और गेट डेटा पर क्लिक करें।

अगर आप पात्र हैं तो You are not eligible for any refund Amount यह मैसेज आएगा अन्यथा रिफ्ड अमांट शो करेगा।

भाजपा विधायक दयाशंकर सिंह के खिलाफ कोर्ट पहुंची पत्नी स्वाति सिंह


 भाजपा विधायक दयाशंकर सिंह के खिलाफ कोर्ट पहुंची पत्नी स्वाति सिंह



मुकदमा दोबारा खोलने के लिए दी अर्जी।




लखनऊ योगी सरकार में मंत्री रहीं स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। तलाक का मामला दोबारा खोलने के लिए स्वाति सिंह सोमवार को फैमिली कोर्ट पहुंचीं। चुनाव से ठीक पहले स्वाति सिंह का एक ऑडियो वायरल होने के बाद पति-पत्नी का विवाद चर्चाओं में आ गया था।



इसी के बाद भाजपा ने स्वाति सिंह का टिकट काट दिया और दयाशंकर सिंह को बलिया नगर से मैदान में उतारा। दयाशंकर सिंह चुनाव जीतकर विधायक भी बन गए हैं। उनके मंत्री बनने के भी प्रबल आसार हैं। ऐसे में स्वाति सिंह के फैमिली कोर्ट पहुंचने से दयाशंकर सिंह की राहें एक बार फिर मुश्किल होने की आशंका जताई जाने लगी है।




स्वाति सिंह ने 2012 में दयाशंकर से तलाक लेने की अर्जी कोर्ट में दी थी। लेकिन मंत्री बनने के बाद केस की पैरवी बंद कर दी। 2018 में फैमिली कोर्ट ने दोनों पक्षों के कोर्ट नहीं पहुंचने पर केस ही बंद कर दिया था।




सोमवार को स्वाति सिंह दोबारा केस खोलने के लिए फैमिली कोर्ट पहुंचीं। उनकी अर्जी पर एडिशनल प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट श्रुति श्रीवास्तव ने आर्डर रिजर्व कर लिया है। अब अगली सुनवाई 5 मई को होगी।

फैमिली कोर्ट से बाहर आने पर मीडिया से बातचीत में स्वाति सिंह ने कहा कि 2012 से हमारा विवाद चल रहा है। तलाक की अर्जी पहले से दाखिल की गई है। उसी के सिलसिले में यहां आई थी।




 तलाक के बाद बच्चों का क्या होगा? इस सवाल पर स्वाति सिंह ने कहा कि बच्चे तो मेरे साथ ही रहेंगे। दयाशंकर सिंह के मंत्री बनने पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? इस सवाल पर स्वाति सिंह ने कहा कि देश में मोदी जी और प्रदेश में योगी जी हैं। ऐसे में किसी महिला का उत्पीड़न नहीं हो सकता है।