आजमगढ़ क्षय रोगी बीच में नहीं छोड़ें दवा: डॉ धनंजय
आजमगढ़ से तनवीर आलम की रिपोर्ट।
सलाह
टीबी और फेफड़े के मरीज बरतें अतिरिक्त सावधानी
नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर निःशुल्क जांच व इलाज उपलब्ध
उत्तर प्रदेश आजमगढ़, 04 फरवरी 2022
कोरोना काल में सभी को स्वास्थ्य के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। खासकर क्षय रोग व फेफड़े के मरीज अतिरिक्त सावधानी बरतें। इन मरीजों में कोरोना के संक्रमण का खतरा सामान्य मरीजों की तुलना में कई गुना बढ़ जाता है। यह कहना हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोल्हू खोर, जहानागंज प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ धनंजय कुमार पांडेय का। उन्होने बताया कि कोरोना की प्रथम लहर से तीसरी लहर के दौरान प्राथमिक स्तर पर टीबी मरीजों की बलगम/एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड के जरिए निःशुल्क जांच व उपचार उपलब्ध है।
डॉ धनंजय ने कहा की अगर किसी भी सामान्य व्यक्ति में एक सप्ताह तक लगातार खांसी, रात्रिकालीन तेज बुखार, पसीना आना, कमजोरी,भूख न लगना,अनियमित माहवारी, बच्चा न ठहरना,वजन का लगातार कम होना इत्यादि लक्षण आ रहे हों तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर बलगम/ एक्स-रे अथवा अल्ट्रासाउंड के माध्यम से निःशुल्क जांच व इलाज अवश्य करायें। सामान्य क्षय रोग का इलाज एक निर्धारित अवधि लगभग 6 से 9 महीने तक लगातार किया जाता है।
क्षय रोगियों को बीच में दवा छोड देने से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न ना होने के कारण गम्भीर क्षयरोग हो सकता है। टीबी शरीर के लगभग सभी अंगो जैसे हड्डी,आंत,फेफड़ा,चमडी,बच्चेदानी,गले की गिल्टी इत्यादि को प्रभावित करता है। बच्चों में रोग होने पर उनका विकास रूकने के साथ-साथ उनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है।
डा धनंजय पांडेय ने बताया कि कोविड की तीसरी लहर के आने तक ब्लॉक में लगभग सभी टीबी के मरीजों को प्राथमिकता के स्तर पर टीकाकरण करा दिया गया है। वर्ष 2019 कुल 245 टीबी के मरीजों,वर्ष 2020 में कुल 188 टीबी के मरीजों का इलाज किया गया। वर्ष 2021 में कुल 246 टीबी के मरीजों को आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से चिन्हित कर निःशुल्क जांच कराते हुए निःशुल्क इलाज कर स्वास्थ्य लाभ दिया गया।
कुछ मरीजों को शासन की पहल पर चिकित्सक तथा अन्य अधिकारियों ने गोद भी लिया था। उनकी समय से सम्पूर्ण जांच, इलाज एवं पुष्टाहार इत्यादि की जिम्मेदारी भी उठाई गई। वर्तमान में टीबी के मरीज को प्रतिमाह शासन की तरफ से 500 रूपये पोषण प्रोत्साहन राशि उनके खाते में जमा कराई जाती है। साथ ही ब्लॉक स्तर पर दस्तक अभियान एवं संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के दौरान भी आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से टीबी के मरीज के चिन्हीकरण एवं जांच के साथ ही इलाज का कार्य शुरू किया है।
जिससे आमजन में भी टीबी के प्रति जागरूकता बढी है। और लोग अब खुलकर उपचार के लिए आ रहे हैं।
कुल बलगम की जांच -
वर्ष 2019- 1045 - पॉजिटिव- 55
वर्ष 2020- 163 - पॉजिटिव- 3
वर्ष 2021- 485 - पॉजिटिव- 24
शासन द्वारा पोषण प्रोत्साहन राशि-
वर्ष 2019- रुपये 410500
वर्ष 2020- रुपये 250000
वर्ष 2021- रुपये 310500
सुझाव- कोविड की तीसरी लहर एवं ठंढ को देखते हुए घर से कम से कम बाहर निकलें। हमेशा साफ सुथरे दोहरे मास्क का प्रयोग करें। यहां-वहां ना थूकें। सामाजिक दूरी का पालन करें। भीड-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। मास्क का प्रयोग करें। हमेशा गरम चीजों का सेवन करें तथा नशा इत्यादि से दूर रहें।