Tuesday, 1 April 2025

सीतापुर कार में खून से लथपथ मिला इंस्पेक्टर का शव कनपटी पर लगी थी गोली, पत्नी भी हैं सहायक आबकारी आयुक्त


 सीतापुर कार में खून से लथपथ मिला इंस्पेक्टर का शव


कनपटी पर लगी थी गोली, पत्नी भी हैं सहायक आबकारी आयुक्त



उत्तर प्रदेश के सीतापुर में आबकारी इंस्पेक्टर आलोक श्रीवास्तव की कार के अंदर खून से लथपथ लाश मिली है। उनकी कनपटी पर गोली लगी थी। कार में ही लाइसेंसी रिवाल्वर भी मिली है। ऐसे में आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है। इंस्पेक्टर की इन दिनों बांदा में तैनाती थी। उनकी पत्नी भी सहायक आबकारी आयुक्त हैं। शहर कोतवाली क्षेत्र में वैदेही वाटिका के निकट खड़ी कार में आबकारी इंस्पेक्टर की लाश को सबसे पहले बेटे और उनकी पारिवारिक महिला मित्र ने देखा। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और आबकारी विभाग के अफसर मौके पर पहुंचे। पुलिस ने रिवाल्वर व कार को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।


आबकारी निरीक्षक आलोक श्रीवास्तव (45) पुत्र ईश्वर दयाल शहर के शिवपुरी मोहल्ले के निवासी थे। कोतवाली निरीक्षक अनूप शुक्ला ने बताया कि उनकी पारिवारिक मित्र पूनम ने पुलिस टीम को आलोक श्रीवास्तव की आत्महत्या के बारे में बताया और सुसाइड नोट दिया है। पूनम का मोबाइल जब्त कर उससे पूछताछ की जा रही है, गोली किन परिस्थितियों में चली, इसकी भी जांच की जा रही है। इसके साथ ही सुसाइड नोट की राइटिंग का भी मिलान कराया जा रहा है।

आजमगढ़ तरवां थानाध्यक्ष सहित 3 पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज पुलिस हिरासत में युवक की संदिग्ध मौत मामले में हुई कारवाई


 आजमगढ़ तरवां थानाध्यक्ष सहित 3 पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज


पुलिस हिरासत में युवक की संदिग्ध मौत मामले में हुई कारवाई


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के तरवां थाना क्षेत्र में एक युवक की पुलिस अभिरक्षा में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने तनाव पैदा कर दिया है। मृतक की मां की तहरीर पर थानाध्यक्ष कमलेश कुमार पटेल सहित तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने थाने पर तोड़फोड़ और पथराव किया, जिसके चलते स्थिति को नियंत्रित करने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।


तरवां थाना क्षेत्र के उमरी गांव की रहने वाली कुसुम देवी ने अपनी तहरीर में बताया कि 29 मार्च 2025 को सुबह करीब 7 बजे थानाध्यक्ष कमलेश कुमार पटेल कुछ पुलिसकर्मियों के साथ उनके घर पहुंचे। कुसुम देवी ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उनके बेटे सन्नी कुमार से पूछताछ के दौरान जातिसूचक गालियां दीं और परिवार के सवाल करने पर उसकी पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद सन्नी को जीप में डालकर थाने ले जाया गया।


कुसुम देवी के मुताबिक, जब वह परिवार और गांव वालों के साथ थाने पहुंचीं तो थानाध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि सन्नी को शाम तक छोड़ दिया जाएगा। लेकिन रात 11 बजे तक कोई जानकारी नहीं मिली। अगली सुबह गांव वालों ने सूचना दी कि थाने में सन्नी के साथ कुछ गलत हुआ है। थाने पहुंचने पर पता चला कि सन्नी की मौत हो चुकी है और उसका शव पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है।


पुलिस का कहना है कि सन्नी ने थाने के शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हालांकि, इस दावे पर मृतक के परिजन और ग्रामीणों को भरोसा नहीं है। उनका आरोप है कि पुलिस ने सन्नी की हत्या की और मामले को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की।


सन्नी की मौत की खबर फैलते ही ग्रामीणों में आक्रोश भड़क उठा। गुस्साई भीड़ ने तरवां थाने पर जमकर हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों ने थाने में तोड़फोड़ की और पथराव शुरू कर दिया। स्थिति को काबू करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करना पड़ा।


कुसुम देवी ने पुलिस अधीक्षक से निष्पक्ष जांच और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। शिकायत के आधार पर थानाध्यक्ष कमलेश कुमार पटेल और दो अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

आजमगढ़ दीदारगंज शमशान के पास मिला अधजला शव पुलिस मौके पर पहुंची, शव को लिया कब्जे में, नहीं हो सकी शिनाख्त


 आजमगढ़ दीदारगंज शमशान के पास मिला अधजला शव



पुलिस मौके पर पहुंची, शव को लिया कब्जे में, नहीं हो सकी शिनाख्त



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के दीदारगंज थाना क्षेत्र के मीरअहमदपुर शाहजादा गांव के दक्षिण-पश्चिम में स्थित शमशान के समीप सूखी धोबी पोखरी की तलहटी में मंगलवार सुबह एक अज्ञात झुलसा हुआ शव पुलिस ने बरामद किया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया गया है।


जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह गांव का एक व्यक्ति पोखरी के पास से गुजर रहा था, तभी उसकी नजर झुलसे हुए शव पर पड़ी। उसने तत्काल डायल 112 और दीदारगंज थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव की शिनाख्त करने का प्रयास किया, लेकिन पहचान नहीं हो सकी। इसके बाद पुलिस ने पंचनामा तैयार कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया।


अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि दीदारगंज थाना क्षेत्र अन्तर्गत शमशान के पास एक जला हुआ अज्ञात शव मिलने की सूचना प्राप्त हुई, शव करीब 80 प्रतिशत जल चुका है। शव के शिनाख्त का काफी प्रयास किया गया लेकिन उसकी पहचान नहीं हो पाई। मामले के खुलासे के लिए चार टीमों का गठन किया गया है। आस-पास के सभी थानों को सूचना भी दे दी गयी है, जिससे कि जल्द से जल्द मामले का खुलासा किया जा सके।

आजमगढ़ दीदारगंज ट्रक चालक से 50 हजार रुपये की लूट, ट्रक भी साथ ले गए बदमाश पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने 7 लोगों खिलाफ दर्ज किया मुकदमा


 आजमगढ़ दीदारगंज ट्रक चालक से 50 हजार रुपये की लूट, ट्रक भी साथ ले गए बदमाश



पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने 7 लोगों खिलाफ दर्ज किया मुकदमा



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के दीदारगंज थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है, जिसमें एक ट्रक चालक से नकदी लूटने के साथ-साथ उसकी ट्रक भी छीन ली गई। पीड़ित चालक मुन्ना यादव ने थानाध्यक्ष दीदारगंज को दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि यह घटना 30 मार्च को दोपहर करीब 3 बजे कुशलगाँव बाजार में हुई।


मुन्ना यादव, जो दुबरा बेलहरी हसनपुर, थाना बरदह, आजमगढ़ का निवासी है, ने बताया कि वह अपने साले हरेन्द्र यादव की ट्रक चलाता है। घटना के दिन वह सोनभद्र से बालू लाकर कुशलगाँव बाजार में एक व्यापारी के यहाँ उतार रहा था। बालू का भाड़ा लेकर वह अपनी जेब में रखकर ट्रक स्टार्ट करने वाला था, तभी सुरहन गाँव के राणा सिंह अपने साथियों के साथ कई मोटरसाइकिलों से वहाँ पहुँचा।


मुन्ना के अनुसार, राणा सिंह ने उसके साथ आए दिनेश सिंह, शेरू सिंह, मुन्ना सिंह, लहुरी यादव, गोविन्द सिंह और भानू प्रताप के साथ मिलकर उसकी जेब से 50 हजार रुपये जबरन निकाल लिए। इसके बाद उसे धक्का देकर ट्रक से नीचे उतारा गया और लहुरी यादव ट्रक को चलाकर सुरहन की ओर ले गए।


 पीड़ित ने आरोपियों को अपराधिक प्रवृत्ति का बताया और पुलिस से जाँच व उचित कार्रवाई की गुहार लगाई है। पीड़ित की तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी राणा सिंह, दिनेश सिंह, शेरू सिंह, मुन्ना सिंह, लहुरी यादव, गोविंद सिंह, भानु प्रताप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

Sunday, 30 March 2025

जालौन प्रेमिका पहुंची प्रेमी के घर, दोनों ने खाया जहर , हुई मौत परिजनों ने मोबाइल रखने पर लगाई थी पाबंदी


 जालौन प्रेमिका पहुंची प्रेमी के घर, दोनों ने खाया जहर , हुई मौत



परिजनों ने मोबाइल रखने पर लगाई थी पाबंदी



उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में प्रेमी के घर पर प्रेमी और प्रेमिका जहर खा लिए। परिजनों ने दोनों को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने प्रेमिका को मृत घोषित कर दिया। बाद में प्रेमी की भी मौत हो गई। डेढ़ वर्ष पहले ही प्रेमिका की शादी हुई थी। वह पांच दिन पहले ही मायके आई थी। डकोर कोतवाली क्षेत्र के ऐर गांव निवासी राहुल राजपूत (23) का अपनी पड़ोसी मोहिनी दुबे (22) से करीब तीन वर्ष से प्रेम प्रसंग था।


डेढ़ वर्ष पहले मोहिनी की शादी परिजनों ने उरई के पटेल नगर निवासी अवनीश से कर दी थी। पांच दिन पहले ही मोहिनी गांव आई थी। शुक्रवार रात तीन बजे अपने घर की दीवार फांदकर राहुल के पास पहुंची। इसके बाद दोनों ने जहर खा लिया। हालत बिगड़ने पर मोहिनी ने शोर मचाकर राहुल के परिजनों को जहर खाने की जानकारी दी।


इस पर परिजन दोनों को मेडिकल कॉलेज ले गए। जहां डॉक्टर ने मोहिनी को मृत घोषित कर दिया। राहुल की हालत गंभीर होने पर झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। लेकिन वहां पहुंचने से पहले उसने भी दम तोड़ दिया। एक साथ दोनों की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों का कहना है पड़ोसी होने के नाते दोनों का एक दूसरे के घर आना-जाना था।


शादी होने पर अलगाव से दोनों दुखी थे। शादी होने के बाद दोनों के प्रेम संबंध की जानकारी परिजनों को हुई थी। मोहिनी पांच बहनों में सबसे छोटी थी। उसके पिता ने आठ वर्ष पहले जहर खाकर जान दी थी। वहीं, राहुल दो भाइयों में बड़ा था। उसकी मां का निधन हो चुका है। वह घर पर रहकर खेती किसानी का काम करता था। सीओ अर्चना सिंह ने बताया कि दोनों में प्रेम प्रसंग था।


डकोर कोतवाली क्षेत्र के ऐर गांव में मोहिनी व राहुल की जहर खाने से हुई मौत पर गांव का माहौल गमगीन है। पुलिस पूछताछ में परिजनों ने बताया कि दोनों के घर आसपास हैं। बिरादरी अलग होने के बाद भी दोनों के घरों में परिवार जैसा माहौल है।


मोहिनी व राहुल के बीच तीन साल से प्रेम संबंध था, लेकिन उन्होंने यह बात किसी के सामने उजागर नहीं होने दी। परिजनों ने डेढ़ वर्ष पहले मोहिनी की शादी कर दी थी। शादी के कुछ माह बाद ही मोहिनी मायके ऐर आ गई। जब ससुरालीजन उसे लेने आए, तो उसने जाने से मना कर दिया। वह छह माह तक मायके में ही रही।


इसी बीच मोहिनी के परिजनों को जानकारी हुई कि राहुल के साथ उसका प्रेम प्रसंग है। इस पर परिजनों ने मोहिनी का मोबाइल छीनकर उसे ससुराल भेज दिया था। इसके बाद वह वहां ठीक से रहने लगी, लेकिन पांच दिन पहले ही वह गांव पहुंची थी। शनिवार की भोर राहुल के घर पहुंच गई और दोनों ने जहर खा लिया।


ऐर गांव निवासी राहुल शुक्रवार की रात करीब दस बजे खाना खाकर छत पर टहल रहा था, जबकि मोहिनी अपने घर पर थी। रात में दोनों के बीच बात हुई और मोहिनी दीवार फांदकर राहुल के पास आ गई। इसके बाद दोनों ने बातचीत के बाद जहर खाकर जान दे दी।

Saturday, 29 March 2025

आजमगढ़ मुबारकपुर गैंगस्टर एक्ट में वांछित शातिर अभियुक्त रामाश्रय चौरसिया गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ विभिन्न थानों में कुल 9 मुकदमे हैं दर्ज


 आजमगढ़ मुबारकपुर गैंगस्टर एक्ट में वांछित शातिर अभियुक्त रामाश्रय चौरसिया गिरफ्तार



अभियुक्त के खिलाफ विभिन्न थानों में कुल 9 मुकदमे हैं दर्ज



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के थाना मुबारकपुर पुलिस ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए गैंगस्टर एक्ट के तहत वांछित शातिर अपराधी रामाश्रय चौरसिया उर्फ मुल्ला को गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्त के खिलाफ विभिन्न थानों में कुल 9 मुकदमे दर्ज बताए गए हैं, जिनमें गंभीर अपराध शामिल होना बताया गया हैं। यह गिरफ्तारी आज दोपहर करीब 12:50 बजे इब्राहिमपुर स्थित उसके घर से की गई। मुबारकपुर थाना प्रभारी निरीक्षक निहार नंदन कुमार ने अपनी टीम के साथ क्षेत्र भ्रमण और अभिलेखों की जांच के दौरान इस संगठित अपराधी गिरोह की जानकारी प्राप्त की थी।


 जांच में पता चला कि गैंग लीडर सुरेश दुबे अपने सह-अभियुक्तों रणजीत दुबे उर्फ बबलू, प्रवीण दुबे, विनीत दुबे और रामाश्रय चौरसिया के साथ मिलकर एक संगठित आपराधिक गिरोह संचालित कर रहा था। यह गिरोह जनपद स्तर पर सक्रिय था और आर्थिक व भौतिक लाभ के लिए गंभीर अपराधों को अंजाम दे रहा था। इस गिरोह के खिलाफ थाना मुबारकपुर पर मुकदमा दर्ज है। जिसकी जांच थाना जहानागंज के प्रभारी निरीक्षक द्वारा की जा रही है।


पुलिस के अनुसार, इस गिरोह की दहशत के कारण आम लोग इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने या गवाही देने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। जनहित में इस गिरोह पर अंकुश लगाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ की संयुक्त बैठक में 20 मार्च को गैंग चार्ट को अनुमोदित किया गया था। गिरफ्तार अभियुक्त रामाश्रय चौरसिया उर्फ मुल्ला का आपराधिक इतिहास लंबा बताया गया है।

आजमगढ़ एक हत्यारोपी को आजीवन कारावास, 2 बरी लूट की घटना को अंजाम देने के बाद मारी थी गोली

आजमगढ़ एक हत्यारोपी को आजीवन कारावास, 2 बरी



लूट की घटना को अंजाम देने के बाद मारी थी गोली



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले मे लूट के बाद हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को आजीवन कारावास तथा चालीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि पर्याप्त सबूत के अभाव में दो आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 3 जैनेंद्र कुमार पांडेय ने शनिवार को सुनाया। 


अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा सुनील तिवारी निवासी मुड़हर ने 12 सितंबर 2006 को थाना गंभीरपुर पर सूचना दी की उनके पिता बनारसी तिवारी को महेंद्र यादव निवासी बिजौली थाना बरदह ने गोली मार दी है। उन्हें ठेकमा ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया है।


 इस सूचना पर तत्कालीन थानाध्यक्ष कृष्ण मोहन सिंह तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे। बनारसी तिवारी ने थानाध्यक्ष कृष्णमोहन सिंह को बताया कि महेंद्र यादव को उन्होंने कुछ रुपए उधार दिए थे महेंद्र यादव ने जानबूझकर देर से पैसा उन्हें दिया जब मैं अपने गांव की सरहद में प्रवेश कर रहा था तब दो लोगों ने रास्ता रोक लिया और कट्टा सटा कर रुपया छीनने लगे। जब मैं उन दोनों को देखा तो पहचान गया कि यह शिवानंद राय निवासी हरिश्चंदपट्टी थाना गंभीरपुर और मिजार्पुर के प्रधान अजय राय उर्फ शुद्धू राय थे। पहचान लिए जाने के बाद शिवानंद ने बनारसी तिवारी को गोली मार दी। इसके बाद घायल बनारसी तिवारी को बेहतर इलाज के लिए वाराणसी रेफर कर दिया गया। वाराणसी ले जाते समय बनारसी तिवारी की मौत हो गयी।


पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद अजय राय तथा शिवानंद राय के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत किया। बाद में अदालत में महेंद्र यादव को भी बतौर मुलजिम विचारण के लिए तलब किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता अश्विनी राय ने कुल आठ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया दोनों पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी शिवानंद राय को आजीवन कारावास तथा चालीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि पर्याप्त सबूत के अभाव में अजय राय उर्फ शुद्धू राय तथा महेंद्र यादव को दोष मुक्त कर दिया।