Friday, 1 November 2024

देवरिया कुख्यात शराब तस्कर और रॉबिनहुड ग्राम प्रधान अजित सिंह की हत्या गैंगवॉर में शूटरों ने बरसाईं ताबड़तोड़ गोलियां पटाखों की आवाज के बीच दब गई गोलियों की आवाज


 देवरिया कुख्यात शराब तस्कर और रॉबिनहुड ग्राम प्रधान अजित सिंह की हत्या



गैंगवॉर में शूटरों ने बरसाईं ताबड़तोड़ गोलियां


पटाखों की आवाज के बीच दब गई गोलियों की आवाज



उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के कुख्यात शराब तस्कर अजित सिंह उर्फ जड़ी की शूटरों ने दीपावली की देर रात हत्या कर दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हत्या के बाद इलाके में तनावपूर्ण माहौल है। मृतक के दरवाजे पर हजारों लोगों की भीड़ जमा है। पुलिस हत्यारों की गिरफ्तारी में जुटी है। जिले के बिहार बॉर्डर से सटे बनकटा थाना इलाके के जंजीरहा गांव निवासी और ग्राम प्रधान अजीत सिंह उर्फ जड़ी पुत्र ध्रुव सिंह की दीपावली की देर रात सोहनपुर बाजार में शूटरों ने हत्या कर दी। इसके बाद फरार हो गए। परिजनों ने बताया कि अजीत अकेले ही घर से सोहनपुर निकले थे।सोहनपुर बाजार में दुर्गा मंदिर के पास एक मकान में देर रात कुछ लोगों के साथ जुआ खेल रहे थे। 


31 अक्टूबर 2024 को रात मे लगभग 11 बजे तीन की संख्या में आए शूटरों ने गोली बरसा दी। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। सूचना पर बनकटा थानाध्यक्ष संतोष सिंह, सीओ भाटपार रानी शिव प्रताप सिंह पुलिस बल के साथ पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया। शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्मार्टम के लिए भेज दिया। घटना स्थल से नाइन एम एम के कारतूस भी बरामद हुए हैं जिससे हत्यारे प्रोफेशनल लग रहे हैं। 


अजीत सिंह उर्फ जड़ी तीन भाइयों में सबसे छोटा था। बिहार में शराब बंदी के बाद कम समय में ही सिंडीकेट बनाकर अजीत सिंह ने स्थानीय युवाओं को जोड़कर शराब तस्करी का बेताज बादशाह बन गया। रुपए की हनक और युवाओं में लोकप्रियता के बल पर ग्राम प्रधान बन गया। जरूरतमंदों की मदद करने से उसकी छवि राबिनहुड की बन गई थी। हत्या वाली जगह पर जुआ होने की सूचना पर बनकटा पुलिस भी पहुंची थी। पुलिस एक व्यक्ति को पकड़ा। जिस पर जड़ी सिंह ने नाराजगी भी जताई। पुलिस ने उसे छोड़ दिया। पुलिस ने मौके से सभी को जाने की बात कह वापस चली गई।


सोहनपुर बाजार के निकट दीपावली की रात जुआ का खेल हो रहा था। जड़ी सिंह के सटे क्षेत्र के कई दिग्गज जुआ खेलने के लिए उमड़े थे। जड़ी की जिस समय हत्या हुई उसकी भनक किसी को नहीं लगी। यू कहे तो पटाखों की आवाज के बीच जड़ी पर चली गोली की आवाज दब गई।

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