हरदोई बीच सड़क लगा लाशों का ढेर, खून से लाल हुई सड़क
कोई मायके जाने को निकला तो कोई दवा लेने
मौत ने चीखने तक का मौका न दिया
उत्तर प्रदेश के हरदोई के बिल्हौर-कटरा राज्य राजमार्ग पर बुधवार दोपहर में हुआ हादसा इतना भीषण था कि ऑटो सवार ज्यादातर लोगों को चीखने का भी मौका नहीं मिला। ऑटो पलटा और दबकर 11 लोगों की जान चली गई। इनमें से सात लोगों की मौत मौके पर ही हो गई। मरने वाले सभी ऑटो में सवार थे। कोई अपने करीबी की मौत की सूचना पर दुख व्यक्त कर घर जा रहा था तो कोई महिला मायके जा रही थी। एक परिवार का इकलौता बेटा दवा लेने के लिए निकला था, लेकिन मौत ने रास्ते में ही दबोच लिया। बीच सड़क लाशों का ढेर लग गया, हर तरफ खून ही खून नजर आ रहा था।
मिली जानकारी के अनुसार माधौगंज कस्बे के पटेल नगर पूर्वी निवासी सत्यम कुशवाहा (20) बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र था। उसके पिता पप्पू पुताई का काम करते हैं, जबकि मां ज्ञानवती आशा कार्यकर्ता हैं। सत्यम माता-पिता का इकलौता पुत्र था। उसे दो दिन से बुखार आ रहा था। राहत न मिलने पर वह दवा लेने के लिए हरदोई जा रहा था। ऑटो से बिलग्राम में उतरकर उसे हरदोई के लिए बस लेनी थी। बिलग्राम पहुंचने से पहले ही सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई। मां ज्ञानवती और पिता पप्पू शव देखकर बदहवास हो गए।
हादसे के मृतकों में बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र की इटौली गांव निवासी राजाराम की पत्नी नीलम (60) और उनके भतीजे राकेश की पत्नी राधा (30), राधा की बहन निर्मला (40), मल्लावां कोतवाली क्षेत्र के मझिगवां गांव निवासी माधुरी (37), माधौगंज थाना क्षेत्र के पटियनपुरवा निवासी आलोक की पत्नी सुनीता (35) और उनकी पुत्री आशी (11), माधौगंज कस्बे के पटेलनगर पूर्वी निवासी सत्यम कुशवाहा (20), सुरसा थाना क्षेत्र के सर्रा सथरा निवासी विमलेश (17), सांडी थाना क्षेत्र के गुर्रा गांव निवासी रोशनी (26) और उनकी पुत्री वंशिका (5) और बेटा प्रांशु शामिल हैं। रोशनी के पति गंभीर रूप से घायल हैं।
उधर, हादसे की जानकारी होने पर एसपी नीरज कुमार जादौन और अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी नृपेंद्र घटनास्थल और सीएचसी पहुंचे। डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर घायलों से जानकारी ली। डीएम पहले मेडिकल कॉलेज और फिर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
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