आजमगढ़ कोर्ट में दारा सिंह चौहान, रामदर्शन और दरोगा सरोज की हुई पेशी
सरकारी कार्य में बाधा डालने का है आरोप
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के एमपी-एमएलए कोर्ट में सोमवार को भाजपा के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान, पूर्व विधायक रहे रामदर्शन यादव और लोकसभा लालगंज के सांसद दरोगा सरोज की पेशी हुई, जिसमें सुनवाई के बाद कोर्ट ने 24 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है। उक्त लोगों पर वर्ष 2001 में जहानागंज थाने के सामने उपद्रव के दौरान ईंट-पत्थर चलाने व सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप है। जानकारी के अनुसार, वर्ष 2001 में जहानागंज थाने के सामने समाजवादी पार्टी की सभा चल रही थी। सुरक्षा में पुलिसकर्मियों की भी तैनाती थी। जिसमें सपा के लोकसभा लालगंज के सांसद दरोगा सरोज, भाजपा सरकार के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान एवं सपा के पूर्व विधायक रहे रामदर्शन यादव सहित करीब 300 की संख्या में समर्थक शामिल हुए थे।
इसी बीच, पुलिस प्रशासन के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग करते हुए नारेबाजी करते हुए थाने के गेट तक पहुंच गए। भीड़ द्वारा ईंट-पत्थर चलाए गए थे। इसी बीच रोडवेज की बस गुजर रही थी। तभी अफरा-तरफरी हो गई और बस से उतरकर सवारियां इधर-उधर भागने लगी। इस उपद्रव में कई पुलिसकर्मियों समेत आम जनता भी घायल हुई थी। इस मामले में पुलिस ने लोकसभा लालगंज के सांसद दरोगा सरोज, भाजपा के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान, सपा के पूर्व विधायक रहे रामदर्शन यादव, नंदलाल चौहान, कैलाश यादव, रामबृक्ष यादव व शिवबचन पासवान समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। उक्त मामले में सोमवार को एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश अनुपम त्रिपाठी ने सुनवाई करते हुए 24 अक्टूबर 2024 की तिथि मुकर्रर की है।
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