वाराणसी 42.5 लाख की लूट मामले में दरोगा सहित 3 गिरफ्तार
फर्जी क्राइम ब्रांच के नाम पर दिया गया था लूट की घटना को अंजाम
उत्तर प्रदेश वाराणसी में लूट की सनसनी खेज वारदात सामने आई है जिसमें एक व्यापारी से फर्जी क्राइम ब्रांच के नाम पर 42.5 लाख रुपये लूट लिए गए. इस घटना में सबसे हैरान करने वाली बात तो यह रही की वाराणसी के स्थानीय दरोगा की भी इसमें भूमिका पाई गई है, जिसकी मदद से इस घटना को अंजाम दिया गया। वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के सीनियर अधिकारियों की तरफ से जब इस मामले की जानकारी दी गई तो मानो वहां मौजूद सभी मीडियाकर्मी अवाक रह गए. इस घटना में शामिल दरोगा सूर्य प्रकाश पांडे सहित विकास मिश्रा और अजय गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है. वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि बीते 22 जून 2024 को वाराणसी के रामनगर थाना अंतर्गत बस में सफर कर रहें सर्राफा व्यापारी जिसके पास 93 लाख थे उसे फर्जी क्राइम ब्रांच के नाम पर रोक कर डराया धमकाया जाता है और बेहद शातिराना ढंग से 42.5 लाख रुपये लूट लिए जाते हैं. इस मामले में तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है जिसमें वाराणसी जनपद के ही एक चौकी का सब इंस्पेक्टर भी शामिल रहता है। गिरफ्तार अभियुक्त में विकास मिश्रा, अजय गुप्ता के अलावा दरोगा सूर्य प्रकाश पांडे भी घटना के दौरान निरंतर संपर्क में रहता है. इनके पास से तकरीबन 8 लाख रुपए नगद, असलहा, जिंदा कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद किए गए हैं।
इसके अलावा इस घटना में शामिल तीन अन्य अभियुक्त नीलेश यादव, मुकेश दुबे उर्फ हनी, योगेश पाठक उर्फ सोनू पाठक की तलाश की जा रही है। उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में वाराणसी एक हाई प्रोफाइल प्रशासनिक व्यवस्था के दायरे में आता है. खासतौर पर वाराणसी में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद अपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने में बहुत हद तक पुलिस ने सफलता भी पाई है. बीते वर्षों में खासतौर पर वाराणसी जनपद में तेज तर्रार और सीनियर पुलिस अधिकारियों की तैनाती रही है लेकिन रामनगर थाना अंतर्गत हुए इस लूट कांड में शामिल दरोगा ने खाकी वर्दी को मानो आज शर्मसार कर दिया. हद तो तब हो गई जब कोर्ट में पेशी के बाद दरोगा सूर्य प्रकाश पांडे मुस्कुराते हुए कोर्ट रूम से बाहर निकला. जिससे जुड़ा वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालांकि इस घटना की जांच के दौरान जब दरोगा के संलिप्त होने की बात सामने आई इसके बाद तत्काल ही वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने जांच कर रहे अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के दिशा निर्देश दिए और स्पष्ट किया की किसी भी हाल में दोषियों को बक्शा नहीं जाना चाहिए।
22 जून 2024 को वाराणसी के इस चर्चित लूट कांड में शामिल अभियुक्तो द्वारा बेहद शातिराना ढंग से घटना को अंजाम दिया गया था. व्यापारी के आवागमन से लेकर उनके धनराशि ले जाने की पूरी जानकारी मुखबिर द्वारा प्रदान की गई थी. फर्जी क्राइम ब्रांच के नाम पर व्यापारी जयपाल को धमकाया गया, जिसके बाद उससे तकरीबन 42.5 लाख रुपये लूट लिए गए. आज व्यापारी समाज के बीच खासतौर पर इस घटना को लेकर चर्चाओं का दौर भी देखा गया।
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