आजमगढ़ गम्भीरपुर गोमडीह घर पहुंचा एनएसजी कमांडो का पार्थिव शरीर, नम हो गईं हर आंखें
एनएसजी कैंप में लकड़ी हटाते समय करेंट की चपेट में आने से हुआ था हादसा
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ ,गुरुग्राम के मानेसर थाना क्षेत्र में एनएसजी कैंपस के अंदर मंदिर में पूजा करने के दौरान मंदिर के पीछे लकड़ी हटाते समय फेंसिंग (जानवरों से बचाने के लिए गए तार) में हाथ लगने से करंट से एनएसजी कमांडो आजमगढ़ जिले के लालगंज तहसील के गोमडीह गांव निवासी मधुसूदन दूबे की मौत हो गई थी।
29 जून 2024 की देर रात जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो कोहराम मच गया। श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे लोगों की आंखें नम हो गईं। थानाध्यक्ष गम्भीरपुर बसंतलाल, राकेश चंद त्रिपाठी के साथ वाराणसी व लखनऊ से आई टीम अधिकारियों ने पार्थिव शरीर पर तिरंगा रखा और पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। अंतिम संस्कार सैनिक सम्मान के साथ जौनपुर के सूरज घाट पर किया गया।
गम्भीरपुर थाना के ग्राम गोमड़ीह निवासी लाल बहादुर दुबे के 42 वर्षीय पुत्र मधुसूदन दुबे 2005 में बीएसएफ में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए थे। 2020 में पदोन्नति करके वह डेपुटेशन पर मानेसर एनएसजी में बतौर कामांडो आए थे। 28 जून 2024 को मधुसूदन दुबे सुबह लगभग आठ बजे मंदिर में पूजा पाठ करने के बाद वापस आते समय बारिश के कारण मंदिर के पीछे रखीं लकड़ियों को हटा रहे थे। इसी बीच उनका हाथ फेंसिंग से लग गया। करंट लगने से बेहोश हो गए। आसपास के लोग तत्काल अस्पताल ले गए, जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
पुलिस की सूचना पर स्वजन शनिवार को ही गुरुग्राम पहुंच गए थे। इसके बाद शव लेकर गांव के लिए रवाना हो गए थे। रात में ही शव घर पहुंचते ही स्वजन में कोहराम मच गया। घर पर अंतिम दर्शन करने वालों का तांता लगा था। मधुसूदन दुबे के पिता के अलावा पत्नी सिंधु दुबे, पुत्र प्रियांशु दुबे, पुत्रियां अनामिका व अनुष्का हैं। दोनों बहनें जुड़वा पैदा हुई थीं। स्वजन का रो- रोकर बुरा हाल है।
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