आजमगढ़ छेड़खानी का विरोध करने पर जलाकर उतारा था मौत के घाट
कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 20 हजार लगाया अर्थदण्ड
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ छेड़खानी का विरोध करने पर जलाकर महिला की हत्या कर दिए जाने के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को आजीवन कारावास तथा बीस हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 6 संतोष कुमार यादव ने सुनाया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा कैलाश निवासी जगदीशपुर (नरियवां) थाना फूलपुर जनपद आजमगढ़ का बड़ा भाई कृपा रोजी-रोटी के सिलसिले में लुधियाना में रहता था। कैलाश की भाभी गुलाबी देवी अपने बच्चों के साथ गांव में रहते थी। गांव का ही मनबोध पुत्र श्यामलाल की छवि चरित्रहीन व्यक्ति की है। मनबोध 7 फरवरी 2017 की रात लगभग 11.00 बजे गुलाबी के घर में घुस गया और उसके साथ छेड़खानी करने लगा।जब गुलाबी ने विरोध किया तो मनबोध ने मिट्टी का तेल छिड़क कर गुलाबी को जला दिया। बुरी तरह से जली हुई स्थिति में उसे पहले फूलपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया।बाद में जहां इलाज के दौरान सदर अस्पताल जौनपुर में 13 फरवरी 2017 को गुलाबी की मौत हो गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया।
अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिकता श्रीश कुमार चौहान ने कैलाश बिंद, राजाराम, बाजा बिंद,सीता, इंस्पेक्टर अजीत कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल अमरनाथ, नायब तहसीलदार रामकुमार यादव तथा डॉ योगेश प्रताप सिंह को बतौर गवाह न्यायालय में पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी मनबोध को आजीवन कारावास तथा बीस हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
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