Wednesday, 8 May 2024

लखनऊ आकाश आनंद पर गाज गिरने की ये थी बड़ी वजह पलट दिया था मायावती का यह फैसला उत्तराधिकार से हटाने की पूरी कहानी


 लखनऊ आकाश आनंद पर गाज गिरने की ये थी बड़ी वजह


पलट दिया था मायावती का यह फैसला


उत्तराधिकार से हटाने की पूरी कहानी



उत्तर प्रदेश लखनऊ बहुजन समाज पार्टी की नई पीढ़ी के तौर पर पार्टी में अहम पदों पर काबिज किए गए आकाश आनंद महज पांच महीने ही नेशनल कोआर्डिटनेटर रह पाए। आकाश को बीते वर्ष दिसंबर में लखनऊ में हुए पदाधिकारियों के सम्मेलन में मायावती ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। हालांकि, उन्होंने आकाश को यूपी और उत्तराखंड से दूर रखने का निर्णय भी लिया था। इसके बावजूद लोकसभा चुनाव आने पर आकाश आनंद ने बसपा की जनसभाओं की शुरुआत नगीना से की।


 जानकारों की मानें तो इस जनसभा में उन्होंने आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं नगीना के प्रत्याशी चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण पर सीधा हमला बोला, जो बसपा नेतृत्व को रास नहीं आया। आकाश के इस रुख का सियासी फायदा चंद्रशेखर को मिलने की संभावना जताई जाने लगी। इसके बाद उन्होंने सीतापुर में दिए अपने भड़काऊ भाषण से पार्टी नेतृत्व को नाराज करने मे कोई कसर बाकी नहीं रखी। दरअसल, उनके भाषण की वजह से बसपा के जिलाध्यक्ष विकास राजवंशी, लखीमपुर के प्रत्याशी अंशय कालरा, धौरहरा के प्रत्याशी श्याम किशोर अवस्थी, सीतापुर के प्रत्याशी महेंद्र सिंह यादव पर भी मुकदमा हो गया। सूत्रों की मानें तो बसपा सुप्रीमो ने सीतापुर के प्रकरण के बाद आकाश आनंद के प्रचार पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद वह लगातार दिल्ली में रहकर प्रचार-प्रसार कर रहे थे। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विदेश में बसे बहुजन समाज के लोगों के साथ संपर्क करते हुए बसपा का प्रचार करते रहे।

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