आजमगढ़ हत्या के मामले में 2 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा
हत्या के बाद जिला अस्पताल के पीछे बॉक्स में भरकर फेंकी थी लाश
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को पांच पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव शुक्ला ने गुरुवार को सुनाया।
अभियोजन कहानी के अनुसार जिला अस्पताल के कर्मचारी अशफाक ने 16 अगस्त 2014 को शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अशफाक ने जिला अस्पताल के पीछे की तरफ एक बॉक्स देख कर स्थानीय पुलिस चौकी को सूचना दी थी। बक्से को जब खोला गया तब उसमें एक नवयुवक की लाश बरामद हुई। विवेचना के दौरान पुलिस को पता चला कि यह बॉक्स कोट मोहल्ले की सबीना उर्फ मुन्नी पत्नी गुलजार का है।
पुलिस विवेचना शुरू की तब यह जानकारी हुई कि सबीना को उसके पति गुलजार ने घर से निकाल दिया था। इसी का बदला लेने के लिए सबीना ने गुलजार के भाई सोनू की हत्या कर दी। इस हत्या में सबीना का साथ आरिफ उर्फ गामरी पुत्र नियाज़ निवासी अर्दली बाजार वाराणसी ने दिया था। पुलिस ने सबीना तथा आरिफ को गिरफ्तार के चार्जशीट दाखिल की। अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता प्रियदर्शी पियूष त्रिपाठी सहायक शासकीय अधिवक्ता शिवाश्रय राय तथा आनंद सिंह ने वादी मुकदमा समेत कुल 12 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी सबीना उर्फ मुन्नी तथा आरिफ को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को पांच पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
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