आजमगढ़ भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश हुआ माफिया अखण्ड प्रताप सिंह
आधा दर्जन थानों की फोर्स के साथ इंटेलीजेंस की टीम रही मौजूद
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ बरेली जेल में बंद माफिया अखंड प्रताप सिंह की मंगलवार को गैंगस्टर कोर्ट में पेशी हुई। इस दौरान उन्होंने जज से दवा और खाने की मांग रखी। जिसे मानवीयता के आधार पर जज ने स्वीकार कर लिया। वहीं कोर्ट ने चुनाव के कारण नौ जनवरी को अगली सुनवाई की तिथि मुकर्रर की।
बताते चलें कि तरवां ब्लाक प्रमुख रहे अखंड प्रताप सिंह के ऊपर मशहूर ट्रांसपोर्टर धनराज यादव की हत्या का आरोप है। अखंड प्रताप सिंह ने 11 मई 2013 की देर शाम को धनराज यादव के वाहन पर हमला बोल दिया था। ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर न केवल उसकी हत्या कर दी, बल्कि उसकी राइफल आदि लूटकर फरार हो गया। उसके ऊपर करीब 35 मामले दर्ज बताए गए हैं। 2017 में वह बसपा के टिकट पर अतरौलिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा। इसके बाद पुलिस की नजरों से ओझल हो गया। काफी दिनों तक फरार रहने के कारण पुलिस ने उसके ऊपर ढ़ाई लाख का इनाम घोषित करते हुए गैंगस्टर लगा दिया। इनाम घोषित होने के बाद अखंड प्रताप सिंह ने पुलिस को चकमा देते हुए 2019 में कोर्ट में समर्पण कर दिया। वर्तमान में वह बरेली कारागार में निरुद्ध है। मंगलवार को गैंगस्टर कोर्ट ने उसे तलब किया। कोर्ट में उसने 113 का बयान दर्ज कराया। अगली तारीख नौ जनवरी मुकर्रर कर दी गई। इस दौरान माफिया अखंड प्रताप सिंह ने जज से दवा खिलाने की व्यस्था कराए जाने की मांग की। जिसे मानवीयता के आधार पर जज ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद वह कड़ी सुरक्षा के बीच फिर बरेली जेल के लिए रवाना कर दिया गया।
ट्रासंपोर्टर धनराज यादव की हत्या के साथ ही अखंड प्रताप सिंह छह जनवरी 2021 को लखनऊ के कठौता चौराहे पर हुई अजीत सिंह की हत्या में भी ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह के साथ संयुक्त आरोपी है। ट्रांसपोर्टर हत्याकांड में भी उसके साथ एक और व्यक्ति आरोपी था। चार्जशीट दाखिल होने से पहले ही उक्त व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी।
माफिया अखंड प्रताप सिंह की पेशी को लेकर पुलिस प्रशासन काफी मुस्तैद नजर आया। दीवानी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इतना ही नहीं माफिया अखंड प्रताप सिंह को भी पुलिस द्वारा बुलेट प्रूफ जैकेट पहनाई गई थी।
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