आजमगढ़ 4 पुलिसकर्मी किये गये निलम्बित
गंभीर लापरवाही पाये जाने पर एसपी ने की कड़ी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जिले के सिधारी थाने में तैनात उप निरीक्षक सहित चार पुलिस कर्मियों को उच्च न्यायालय सम्बंधी प्रकरणों व चरित्र सत्यापन में लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि जनपद में उच्च न्यायालय सम्बन्धी प्रकरणों व चरित्र सत्यापन में लापरवाही बरतने वाले 04 पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर विभागीय प्रारम्भिक जाँच संस्थापित की गयी है। जिनमें प्रधान लिपिक दुर्गेश सिंह (पुलिस कार्यालय), उप निरीक्षक मेहरे आलम थाना सिधारी, आरक्षी सत्य प्रकाश थाना सिधारी व आरक्षी धीरज गुप्ता थाना बिलरियागंज (तत्कालीन नियुक्ति थाना सिधारी) शामिल है।
ज्ञातव्य है कि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजमगढ़ के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराए जाने पर 22 दिसंबर को स्पष्टीकरण के साथ तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि दोनों अधिकारियों से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करने को कहा है कि वे सरकारी वकील को मांगी गई जानकारी देने में क्यों विफल रहे। उनके इस आचरण से केस की सुनवाई अनावश्यक रूप से टालनी पड़ी। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय एवं न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने ठेकेदार बृजेंद्र यादव की याचिका पर अभिषेक यादव व आरएन यादव को सुनकर दिया है। अधिवक्ता अभिषेक यादव व आरएन यादव का कहना है कि याची जिला पंचायत सहित कई संस्थानों का ठेकेदार है। उसे पंजीकरण का नवीनीकरण करने के लिए चरित्र प्रमाणपत्र की आवश्यकता है। उसके खिलाफ कोई आपराधिक केस नहीं है। उसके भाई के खिलाफ दर्ज आपराधिक केस के कारण उसे प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा रहा है। इससे उसका नुकसान हो रहा है। कोर्ट ने इस मामले में सरकारी वकील से जानकारी हासिल करने को कहा था।
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