उत्तर प्रदेश के 6 अफसरों पर सीएम योगी का एक्शन
एक को किया बर्खास्त, 3 सस्पेंड, 2 पर मुकदमा दर्ज
लखनऊ उत्तर प्रदेश के छह चकबंदी अफसरों पर सीएम योगी ने बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी ने बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी बलिया अनिल कुमार व बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी सीतापुर सन्तोष कुमार को निलंबित कर दिया गया है। इन दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश शासन को भेजी गयी है। इसके अलावा एक अफसर को बर्खास्त कर दिया गया, जबकि दो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। चकबंदी आयुक्त जी.एस.नवीन कुमार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया चकबन्दी अधिकारी मऊ अशफाक आलम अन्सारी को मानक के अनुसार कार्य न करने एवं शिथिलता बरतने के कारण निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। तत्कालीन चकबन्दी अधिकारी सम्प्रति सहायक चकबन्दी अधिकारी कामता प्रसाद को जनपद सिद्धार्थनगर के ग्राम गढावर में शासकीय भूमि को क्षति पहुंचाने के कारण विभागीय कार्रवाई की गई और आरोप सिद्ध हो जाने की दशा में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
इसी तरह चकबन्दी अधिकारी अलीगढ़ बृजेश कुमार शर्मा व चकबन्दी अधिकारी महराजगंज ऐश मुहम्मद को चकबन्दी क्रियाओं के दौरान गम्भीर अनियमितता करने के कारण उनके विरुद्ध संबंधित जनपदों में प्रथम सूचना प्रतिवेदन भी अंकित कराया गया है। मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार चकबन्दी विभाग को पारदर्शी तथा जन सामान्य के प्रति उत्तरदायी बनाने के उद्देश्य से चकबन्दी प्रक्रिया में गुणात्मक सुधार के मद्देनज़र अपर मुख्य सचिव राजस्व, उत्तर प्रदेश शासन व चकबन्दी आयुक्त के समक्ष गुरुवार को प्रस्तुतीकरण किया गया। इसमें निर्णय लेते हुए अपर मुख्य सचिव राजस्व ने निर्देश दिए कि चकबन्दी प्रक्रिया को पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत करते हुए इसके लिए कार्यदायी संस्था को चयनित किया जाए। साथ ही कम समय में पूरी पारदर्शिता एवं जन सहभागीदारी के साथ चकबन्दी कार्य पूर्ण किया जाए। वर्तमान में चकबन्दी क्रियाओं में अपनाये जाने वाली प्रक्रिया को सहज, सरल व प्रक्रिया को न्यूनतम कर इसकी कमियों को दूर किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि चकबन्दी कियाओं में व्याप्त व्यापक त्रुटियों/कमियों तकनीकी सहायकता के माध्यम से दूर कर सभी आकड़ों एवं भू-चित्र को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाए। चकबन्दी आयुक्त ने कहा कि इन कार्य के लिए इच्छुक कंपनियों को आमन्त्रित करते हुए उनके विचार ई-टेण्डर के माध्यम से नवीनतम तकनीक जैसे एआई / एमएल / ब्लाक चेन / ड्रोन रोवर आधारित सर्वेक्षण के आधार पर प्राप्त किया जाए और उसके आधार पर टेस्टिंग के रूप में एक-एक ग्राम आवंटित किया जाए। यह कार्य अपनी पूर्णावस्था में आ चुके हैं और सभी बिन्दुओं पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है। अब चकबन्दी प्रक्रिया में लगने वाला समय तीन से पांच वर्ष से घट कर एक से डेढ़ वर्ष में होगा। चकबंदी आयुक्त ने बताया कि इस दौरान चकबन्दी कार्यों की निरन्तर समीक्षा एवं अनुश्रवण से यह स्थिति स्पष्ट हुई कि अधिकारी व कर्मचारी चकबन्दी कार्यों में शिथिलता बरत रहे हैं और उनके द्वारा मानक के अनुसार कार्य नहीं किया जा रहा है।
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