अलीगढ़ ट्रैफिक इंस्पेक्टर को पीटने वाले कथित पार्टी के कार्यकर्ताओं पर 15 घंटे में चार्जशीट दायर
आज न्यायालय में पेश किया जाएगा
उत्तर प्रदेश अलीगढ़ ट्रैफिक इंस्पेक्टर को पीटने की घटना के मुकदमे में पुलिस ने महज 15 घंटे में चार्जशीट दायर कर दी। जिन दो आरोपियों को हिरासत में लिया गया है, उनके खिलाफ यह चार्जशीट दायर की गई है। अज्ञातों के खिलाफ विवेचना जारी है। वहीं, दोनों आरोपियों को 27 अक्तूबर को न्यायालय में पेश किया जाएगा। 25 अक्तूबर की रात हुई घटना में ट्रैफिक इंस्पेक्टर कमलेश कुमार के साथ मारपीट करते हुए उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए। इसी मामले में पुलिस ने तड़के चार बजे मुकदमा दर्ज किया। शाम सात बजे विवेचना पूर्ण करते हुए दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी। हालांकि देर शाम तक उन दोनों आरोपियों को छुड़ाने के तमाम राजनीतिक प्रयास होते रहे। मगर सफल नहीं हुए। अब 27 अक्तूबर को उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार इस घटना को लेकर रात में टीआई ने कहा कि मेरे ऊपर झूठा आरोप लगाया गया है। मैंने अपने जीवन में शराब की एक बूंद आज तक नहीं पी। मैं सिर्फ बाइक माडीफाइड साइलेंसर पर चेक कर रहा था। उन्होंने अपने साथी बुला लिए। फिर मेरे साथ इंस्पेक्टर बन्नादेवी व सीओ की मौजूदगी में मारपीट की घटना कथित पार्टी के कार्यकर्ताओं ने की है। मेरे कपड़े फाड़ दिए और मारपीट की गई। मुझ पर झूठे आरोप लगाकर बदनाम किया जा रहा है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर ही इस वीडियो को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सूबे में पुलिस ही सुरक्षित नहीं है।
सपा अध्यक्ष की प्रतिक्रिया आने के बाद सपा के पूर्व विधायक जमीरउल्लाह ने कहा कि ये चंद लोग लगातार पुलिस को शहर में निशाना बना रहे हैं। अब से पहले अब तक ये दस घटनाएं कर चुके हैं। जिसमें एसपी सिटी, कोतवाली थाने तक में अभद्रता शामिल है। अपने शहर में जब पुलिस ही सुरक्षित नहीं है तो बाकी समाज की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा। अब तो लोगों को खुद ही अपनी सुरक्षा का जिम्मा उठाना होगा। इस घटना में पुलिस अगर सत्ता के दबाव में लीपापोती करती है तो यह जानबूझकर व दबाव में किया गया काम होगा।
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