Monday, 4 September 2023

आजमगढ़ एटीएस ने रविवार को मिर्जापुर और आजमगढ़ के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में छापा मारकर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे गिरोह का पर्दाफाश करते हुए। छापा मारकर 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायालय भेजा


 आजमगढ़ एटीएस ने रविवार को मिर्जापुर और आजमगढ़ के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में छापा मारकर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे गिरोह का पर्दाफाश करते हुए। छापा मारकर 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायालय भेजा



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ एटीएस ने रविवार को मिर्जापुर और आजमगढ़ के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में छापा मारकर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे गिरोह का पर्दाफाश करते हुए। छापा मारकर छः अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायालय भेजा।इस दौरान सिम बॉक्स के अलावा बड़ी मात्रा में भारतीय व नेपाली सिम, लैपटॉप व अन्य उपकरण बरामद हुए हैं।


 यह गिरोह अंतर्राष्ट्रीय गेटवे को बाइपास करते हुए इंटरनेट कॉल को लोकल वॉइस कॉल में परिवर्तित कर कॉलिंग कराता था। एटीएस की वाराणसी, एवं मिर्जापुर के कोतवाली तथा आजमगढ़ के कोतवाली, सरायमीर, निजामाबाद व सिधारी थाना क्षेत्रों में जिला पुलिस के सहयोग से छापा मारकर नदीम अहमद, दीवान बसर खां, मुन्ना कुरैशी, शमीम, कलीम अहमद और फारूख करीम को गिरफ्तार किया। सभी आजमगढ़ जनपद के ही रहने वाले हैं। इन अभियुक्तों के विरुद्ध अलग-अलग थाना क्षेत्रों में एफआईआर दर्ज कराया गया है। इन्हें आईपीसी की धारा 420 व 120 बी के अलावा इंडियन वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट 1933, इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 तथा आईटी एक्ट की धाराओं में आरोपित किया गया है। एटीएस को पिछले कुछ समय से प्रदेश के कुछ जिलों में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाये जाने का खुफिया इनपुट मिल रहा था।


 स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के निर्देश पर एडीजी एटीएस ने सभी फील्ड इकाइयों को सक्रिय किया तो आजमगढ़ व मिर्जापुर में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के संचालन की जानकारी मिली। पता चला कि वर्चुअल नंबरों के माध्यम से इंटरनेशनल गेटवे को बाइपास करा कर विभिन्न देशों से अन्तर्राष्ट्रीय कॉल कराई जा रही है, जिससे कॉलर की पहचान नहीं हो पाती है और सरकार को राजस्व की हानि भी होती है। आजमगढ़ से गिरफ्तार नदीम अहमद वर्ष 2019 में मऊ आइमा (प्रयागराज) से गिरफ्तार हुआ था। वह उस समय भी अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालित कर रहा था। गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि अवैध कॉलिंग के लिए भारत में प्रतिबंधित एप्लीकेशन्स को वीपीएन के माध्यम से मोबाइल पर डाउनलोड किया जाता है। इसके बाद भारतीय मोबाइल नंबरों से वर्चुअल नंबर जनरेट करते हैं।


 इन वर्चुअल नंबरों के माध्यम से इंटरनेट के द्वारा अपने मोबाइल को नोड बनाकर अन्तर्राष्ट्रीय कॉल्स कराने की सेवा उपलब्ध कराई जाती है। इस प्रकार की अन्तर्राष्ट्रीय कॉल किसी भी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के गेटवे पर दर्ज नहीं होती है, जिससे कॉलर व कॉल रिसीव करने वाली पार्टी की पहचान नहीं हो सकती है, जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।


 गिरफ्तार अभियुक्तों के पास कोई टेक्निकल योग्यता न होने के बावजूद वे सभी तकनीकी रूप से टेलीफोन एक्सचेंज चलाने एवं वीपीएन के माध्यम से वर्चुअल नंबर बनाकर इंटरनेट कॉलिंग कराने में सक्षम हैं। अभियुक्तों के कब्जे से सात सिम बॉक्स, कुल 234 प्री-एक्टीवेटेड भारतीय सिम, नौ प्री-एक्टीवेटेड नेपाली सिम, 79 मोबाइल फोन, तीन लैपटॉप, एक टैबलेट, एक सीपीयू तथा 21 राउटर/मोडम बरामद हुए हैं।

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