आजमगढ़ 219 फर्जी मदरसा संचालकों पर डीएमओ दर्ज कराएंगी मुकदमा, 2017 में हुई थी जांच
हाईकोर्ट ने फर्जी मदरसों की शासन को सौंपी रिपोर्ट को रद्द करने से किया इनकार
बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता और अनुदान देने का मामला
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ हाईकोर्ट ने एसआइटी की जिले के 219 फर्जी मदरसों की शासन को सौंपी रिपोर्ट को रद्द करने से इनकार कर दिया। साथ ही रिपोर्ट पर क्रियान्वयन पर लगाई गई रोक को भी हटाने का निर्देश दिया है। इसके बाद फर्जी मदरसा संचालकों की मुसीबत बढ़ गई है। निदेशालय के आदेश के बाद मिलते ही जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग फर्जी मदरसा संचालकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराएगा। सोमवार को सभी संबंधित फर्जी मदरसा संचालकों की थानावार सूची बनाएगी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मुकदमा दर्ज कराएंगी।
उधर, हाईकोर्ट का फैसला आते ही फर्जी मदरसा संचालकों में हड़कंप मच गया है। वर्ष 2009-10 में बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता और अनुदान देने का मामला प्रकाश में आया था। 2017 में इस बात की शिकायत प्रदेश सरकार से की गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रकरण की जांच एसआइटी के जिम्मे दे दी थी। विशेष जांच दल ने इस प्रकरण में अल्पसंख्यक विभाग के तत्कालीन कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बताई। जिले के 313 में 219 मदरसों में केवल कागजों पर संचालित होते मिले थे। इसमें 39 को तो आधुनिकीकरण के नाम पर भुगतान हो चुका है। 30 नवंबर 2022 को एसआइटी की जांच रिपोर्ट पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने फर्जी मदरसा संचालकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने की संस्तुति की थी। साथ ही तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और रजिस्ट्रार भी दोषी पाए गए थे। जिनके विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद निदेशालय से आदेश मिलते ही संबंधित फर्जी मदरसा संचालकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराया जाएगा। एसआइटी की जांच में फर्जी मिले मदरसों की सूची थानावार सोमवार से निकाली जाएगी। उसके बाद संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। -वर्षा अग्रवाल, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी।
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