मैनपुरी सहेली के प्यार में पड़ी 3 बच्चों की मां
पहुंची थाने, बोली साहब, पति के साथ नहीं रहना है
उत्तर प्रदेश मैनपुरी एक शादीशुदा महिला और उसकी सहेली के बीच समलैंगिक संबंधों का मामला सामने आया है। तीन बच्चों की मां यह महिला अपने पति को छोड़ सहेली के साथ ही रहने की जिद पर अड़ी है। तीन माह से गायब विवाहिता अपनी महिला दोस्त के साथ शुक्रवार को अचानक थाने पहुंची और पुलिस से मदद की गुहार लगाने लगी। समलैंगिक संबंधों से जुड़े इस मामले को सुलझाने में पुलिस के पसीने छूट गए।
मिली जानकारी के अनुसार विवाहित महिला ने थाने जाकर पुलिस ले कहा, 'साहब, मैं पति के साथ नहीं रहना चाहती। मेरी दोस्त मुझे बहुत चाहती है, मैं भी उसे पसंद करती हूं' । महिला पति के बजाय अपनी दोस्त के साथ ही रहने का राग अलापने लगी। महिला की गुमशुदगी के संबंध में पति द्वारा मैनपुरी जिले के बिछवां थाने में तीन माह पहले एफआईआर दर्ज कराई थी। थाने में पति और परिवारीजन आए तो उनके साथ जाने से इनकार कर दिया। काफी समझाने पर भी जब वो नहीं मानी तो परिजन उसे थाने में ही छोड़कर लौट गए।
मामला थाना क्षेत्र के ग्राम नेकपुरा से जुड़ा है। यहां की निवासी वंदना पुत्री अशोक कुमार की दोस्ती कुरावली के ग्राम हविलिया निवासी खुशबू पत्नी संजीव कुमार से हो गई। वंदना बाइक से अक्सर खुशबू से मिलने हविलिया आती और उसे अपने साथ बाजार भी ले जाती। खुशबू और वंदना की दोस्ती पति संजीव को पसंद नहीं थी और उसने रोक-टोक शुरू कर दी। 27 अप्रैल को खुशबू अपने तीन बच्चों शालू, कनक और आर्यन के साथ गायब हो गई। वंदना की गुमशुदगी पिता ने और खुशबू की गुमशुदगी पति ने दर्ज कराई।
दोनों की गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। शुक्रवार को अचानक वंदना, खुशबू और उसके तीन बच्चों के साथ थाने पहुंच गईं। उन दोनों ने बताया कि वो नोएडा के सूरजपुर के मोहल्ला मलकपुर में रहने लगी हैं और वहीं एक कंपनी में काम कर रही हैं। जानकारी पाकर परिजन थाने आ गए। जहां पति को देखकर खुशबू ने उसके साथ जाने से इनकार कर दिया। वंदना और खुशबू ने लिखकर दिया कि वे दोनों अपनी मर्जी से गई थीं और अब एक- दूसरे के साथ ही जिंदगी बिताएंगी।
बच्चों ने भी मां खुशबू की बात का समर्थन कर कहा कि पिता उनके साथ मारपीट करते हैं। चूंकि दोनों महिलाएं बालिग हैं, इसलिए पुलिस ने दोनों की बातें लिखित में लेकर उन्हें छोड़ दिया और वे दोनों फिर से नोएडा के लिए रवाना हो गईं। परिवार के लोग भी थाने से निराश होकर लौट आए।
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