Sunday, 23 July 2023

मेरठ धमाके के साथ आग का गोला बना थाना 3 पुलिसकर्मी झुलसे, 39 साल का रिकॉर्ड हुआ राख


 मेरठ धमाके के साथ आग का गोला बना थाना


3 पुलिसकर्मी झुलसे, 39 साल का रिकॉर्ड हुआ राख


उत्तर प्रदेश मेरठ के सरधना थाने में जिस समय आग लगी उस वक्त थाने का अधिकतर स्टाफ बाहर गश्त पर था। आठ बजे ड्यूटी की शिफ्ट बदलनी थी। 10-12 पुलिसकर्मी भी अपने-अपने काम में लगे हुए थे। शाम करीब सात बजे अचानक लगी आग ने कुछ ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया। मेस में रखे सिलिंडर एक के बाद एक फटते रहे और आग पूरे परिसर मे फैलती चली गई।


बाहर खड़े दोपहिया वाहनों में तेज धमाके शुरू हुए तो पुलिसकर्मी भी दहशत में आ गए। धमाकों की आवाज से आसपास के लोग भी दहल उठे। दो घंटे तक लगी आग ने लोगों की सांसे अटका दीं। पुलिस वाले आग बैरक और एसओ कार्यालय के अंदर तक न पहुंचे इसके लिए अपने-अपने तरीके से जुगाड़ करते रहे। कोई मिट्टी डाल रहा था तो कोई पानी डालकर आग पर काबू करने का प्रयास करता रहा।


थाने में तैनात सिपाही सुमित राजौरा पर कंप्यूटर के रिकॉर्ड की जिम्म्मेदारी थी। सुमित राजौरा अपने साथी राजकुमार के साथ मिलकर पिछले कई दिनों से कंप्यूटर के डाटा को रीड कर रहा था, लेकिन आग की चपेट में आने से कंप्यूटर से लेकर हार्ड डिस्क भी जलकर राख हो गई। सुमित ने सीपीयू को वहां से उठाकर भागने की भी कोशिश की, जिससे हार्ड डिस्क बच सके, लेकिन सफल नहीं हो सका, आग में मालखाने के इंचार्ज हेमेंद्र पुण्डीर, कांस्टेबल केशव अत्री और सुमित दुजाना झुलस गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां सुमित की हालत गंभीर बताई जा रही है।


जहां पर आग लगी थी उसके पास में ही महिला पुलिसकर्मियों की बैरक है। यहां हादसे के समय एक एसआई और तीन कांस्टेबल आराम कर रही थीं। जब आग लगी तो वहां पर शोर मच गया। तभी उन्होंने डर की वजह से बैरक के गेट को अंदर से बंद कर लिया। गनीमत रही कि बैरक से चंद कदमों पहले ही आग पर काबू पा लिया गया। वरना बड़ा हादसा हो सकता था।


थाने में लगी आग की घटना में करीब 39 साल का रिकॉर्ड जल गया। थाने में सबसे पुराना रिकॉर्ड 1984 का था, जिसके सभी दस्तावेज मालखाने में रखे हुए थे। आग की चपेट में आने से पूरा मालखाना जलकर राख हो गया। ऐसे में वहां पर रखा पूरा रिकॉर्ड भी जल गया। हालांकि अभी इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई।


थाने में सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज पुराने केसों के होते हैं, जिसमें ज्यादतर मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। थाने में आग क्यों लगी और इसके पीछे क्या कारण रहा इसकी तह तक जाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। जिसमें यह भी देखा जाएगा कि कहीं यह किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं है। फिलहाल मुख्यालय को भी थाने में लगी आग की घटना के बारे में अवगत करा दिया गया है।

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