उत्तर प्रदेश के समीकरणों में अखिलेश-मायावती की हालत खराब
भाजपा को बंपर फायदा, केशव प्रसाद मौर्य के दावे से खलबली
लखनऊ उत्तर प्रदेश में आए दिन बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन की बात हो रही है. कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद पहले समाजवादी पार्टी और फिर आरएलडी ने कांग्रेस के साथ जाने के संकेत मिलने लगे हैं राज्य की बीएसपी समेत कुछ अन्य पार्टियों ने भी इस गठबंधन में शामिल होने की बात कही लेकिन इस बीच डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया दी है।
डिप्टी सीएम ने कहा, “राजनीति की सबसे बड़ी प्रयोगशाला है उत्तर प्रदेश 2014 के बाद चुनावों में सपा ने कभी कांग्रेस, तो कभी बसपा समेत छोटे दलों से कई गठबंधन किए लेकिन यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की लोकप्रियता के सामने सब गौण साबित हुए.“ दरअसल, केशव प्रसाद मौर्य ने सपा को 2017 और 2019 की याद दिलाई है।
दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी गठबंधन ने 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है लेकिन पार्टी को इस चुनाव में बड़ा हार का सामना करना पड़ा बीजेपी गठबंधन ने तीन सौ से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की थी हालांकि इसके बाद ये गठबंधन टूट गया 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव और मायावती साथ आए लेकिन फिर बीजेपी गठबंधन ने रिकार्ड जीत दर्ज की अब इसी जीत को याद दिलाते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया है कि राज्य के नए समीकरणों में अखिलेश यादव और मायावती की हालत खराब है।
इस वजह से आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी फिर एक बार बड़ी जीत दर्ज करने जा रही है गौरतलब है कि यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं, अभी बीजेपी गठबंधन के पास 66 सीटें हैं जबकि 10 बीएसपी के सीट हैं वहीं समाजवादी पार्टी के पास तीन सीटें हैं ऐसे में 2024 का लोकसभा चुनाव फिर से हर दल के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है।
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