प्रयागराज निलंबित आबकारी इंस्पेक्टर ने मांगी इच्छा मृत्यु
पत्र सोशल मीडिया पर वायरल
उत्तर प्रदेश प्रयागराज में आबकारी विभाग के एक निलंबित इंस्पेक्टर ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर इच्छा मृत्यु मांगी है। इंस्पेक्टर ने आरोप लगाया कि उन्हें निलंबित हुए दो वर्ष दो माह और सात दिन हो गए हैं।
विभागीय जांच में उनकी ओर से पूरा सहयोग भी किया गया। ऐसे में अब वह मुख्य सचिव से व्यक्तिगत मिलना चाहते हैं और इच्छा मृत्यु की मांग करते हैं। आबकारी विभाग में तैनात इंस्पेक्टर शंकरलाल को सवा दो साल पहले प्रतापगढ़ में जहरीली शराब के मामले में निलंबित किया गया था। बता दें कि निलंबन से पूर्व शंकरलाल प्रतापगढ़ के कुंडा-2 क्षेत्र में तैनात थे। निलंबन के बाद जांच बैठाई गई। बताया जा रह है कि जांच भी पूरी हो चुकी है। एक दिसंबर 2021 को उनका बयान भी हो चुका है। नियमानुसार जांच पूरी होने के बाद आरोप पत्र के आधार पर कार्रवाई कर वापस ज्वाइनिंग कराई जाती है, लेकिन निलंबित इंस्पेक्टर को अब तक ज्वाइन नहीं कराया गया।
जबकि पूर्व में वह कई बार पत्राचार कर चुके हैं। निलंबित इंस्पेक्टर शंकरलाल का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आबकारी महकमे में हड़कंप मचा है। बुधवार को पूरे दिन मुख्यालय परिसर में इसे लेकर चर्चा चलती रही है। इस दौरान उन सभी अफसरों व कर्मचारियों के नाम दोहराए गए, जिन्हें पिछले कुछ सालों में निलंबित किया गया है। जहरीली शराब के मामले और लापरवाही में आबकारी विभाग के लगभग डेढ़ सौ कर्मचारी व अधिकारी निलंबित चल रहे हैं। इनमें डिप्टी कमिश्नर, जिला आबकारी अधिकारी, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और सिपाही शामिल हैं। इन सभी का निलंबन दो से चार साल पहले तक हुआ है। ऐसे में अब सभी फिर से नियुक्ति पाने की राह देख रहे हैं।
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