आजमगढ़ अपहरण व हत्या मामले में 3 आरोपियों को आजीवन कारावास
प्रत्येक पर लगा 50 हजार रुपए अर्थदंड, साक्ष्य के अभाव में 3 अन्य आरोपी दोषमुक्त
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ अपहरण तथा हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने तीन आरोपियों को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक पर पचास हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में तीन आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 6 रामानंद ने शनिवार को सुनाया।
अभियोजन कहानी के अनुसार सिधारी थाना क्षेत्र के बागलखराव निवासी रामचंद्र की गांव के सुखनंदन पुत्र झुलई के परिवार से पुरानी रंजिश चली आ रही थी।इसी रंजिश के कारण दो नवंबर 2005 को सुखनंदन का लड़का लल्लू यादव तथा आनंद उर्फ बबलू पुत्र रामअवध तथा अजय विश्वकर्मा पुत्र राजू विश्वकर्मा वादी मुकदमा रामचंद्र के लड़के अमरजीत को गाय की दवा लेने के बहाने घर से बुलाकर ले गए। दूसरे दिन सुबह अमरजीत की लाश तमसा नदी के उस पार अजमतपुर कोडर में मिली। मृतक अमरजीत के पिता रामचंद्र ने इस हत्या के लिए लल्लू,आनंद तथा सुखनंदन समेत 8 लोगों के विरुद्ध नामजद रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज कराई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद सभी आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया। दौरान मुकदमा सुखनंदन तथा बंशराज की मृत्यु हो गई।
अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता श्रीश कुमार चौहान ने रामचंद्र, राजबली, शिवनाथ, रामदुलारे, अशोक मौर्य, डॉक्टर प्रेमनाथ नाडर, रिटायर्ड सी ओ शंकरदत्त शुक्ला को बतौर गवाह न्यायालय में परीक्षित कराया।दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी लल्लू, आनंद तथा अजय विश्वकर्मा को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को पचास हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।जबकि पर्याप्त सबूतों के अभाव में आरोपी लहरु ,बुद्धू तथा छन्नू को दोष मुक्त कर दिया।
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