Monday, 29 May 2023

आजमगढ़ बैनामा के 24 घंटे के भीतर खतौनी पर चढ़ेगा नाम भूमि का बैनामा कराने के बाद अब नहीं लगाना होगा तहसीलों का चक्कर


 आजमगढ़ बैनामा के 24 घंटे के भीतर खतौनी पर चढ़ेगा नाम


भूमि का बैनामा कराने के बाद अब नहीं लगाना होगा तहसीलों का चक्कर


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ भूमि का बैनामा कराने के बाद अब जल्द ही तहसीलों का चक्कर काटने से मुक्ति मिल जाएगी। क्योंकि प्रशासन की ओर से रियल टाइम खतौली जारी करने की तैयारी तेज कर दी है। इसके बाद बैनामा होने के 24 घंटे के भीतर ही खतौनी पर बैनामा लेने वाले व्यक्ति का नाम चढ़ जाएगा। इसके लिए तहसीलों में तैयारियां तेजी से चल रही हैं। उधर शासन ने नई व्यवस्था लागू होने के पहले 31 जुलाई तक खतौनी से जुड़ी सभी खामियां दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। रियल टाइम सिस्टम इस प्रकार कार्य करेगा कि संपत्ति का बैनामा कराने के बाद नामांतरण के लिए विलेख की एक प्रति तहसील चली जाती है। वहां 45 दिनों में नामांतरण की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। यानी विक्रेता का नाम काटकर क्रेता का नाम चढ़ता है। इसके बाद अमल दरामद के लिए फाइल जाती है और खतौनी में नाम चढ़ने पर भी दो से तीन महीने का समय लग जाता है। नाम जल्द चढ़वाने के लिए आवेदकों को चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है।


 लेकिन रियल टाइम खतौनी व्यवस्था लागू होने के बाद बैनामा होने के 24 घंटे के भीतर ही क्रेता का नाम मेन खतौनी पर चढ़ जाएगा। बीच की सभी तरह की उलझाऊ प्रक्रिया से निजात मिल जाएगी। भूमि के विक्रेता का नाम हटाकर उसकी जगह क्रेता का नाम चढ़ाने के लिए तहसील में फाइल जाती है। तब इसकी जांच लेखपाल करते हैं। लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर नामांतरण की प्रक्रिया होती है। तमाम लोग शिकायत कर चुके हैं कि इस दौरान जिसने चढ़ावा दे दिया, उसके खारिज दाखिल में कोई दिक्कत नहीं आती। आसानी से उसका नाम खतौनी में चढ़ जाता है। यदि किसी ने भेंट देने में कोई चूक की तो उसे तहसील का चक्कर लगाना ही पड़ता है। कभी लेखपाल की रिपोर्ट नहीं लग पाती है, तो कभी अधिकारी नहीं मिलते हैं। अधिकांश मामलों में लेखपाल की रिपोर्ट लगाने में विलंब होता है। इस चक्कर में 45 दिन के बजाय तीन से चार महीने लगते हैं।


 एसडीएम सदर ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि रियल टाइम खतौनी व्यवस्था लागू होने से क्रेता का नाम 24 घंटे में मेन खतौनी में जुड़ जाएगा। जबकि पहले इस कार्य में सालों लग जाते थे। हमारी तहसील में 31 मई तक 109 रियल टाइम खतौनी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लेकिन अभी 60 ही हो पाई हैं। शेष कार्य को जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

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