बस्ती हेड कांस्टेबल का फंदे से लटका मिला शव
बेटे की अप्रत्याशित मौत का मां-बाप को लगा गहरा सदमा
बस्ती, गोरखपुर में तैनात 53 वर्षीय हेड कांस्टेबल का फंदे से लटका शव मिलने से सनसनी फैल गई। कोतवाली क्षेत्र के बेलगड़ी गांव में उनका मकान है, जहां पत्नी, बेटे और बेटी के साथ रहते थे। घर के बाहर के कमरे में पंखे से लटका उनका शव मिला। सूचना पाकर एएसपी दीपेंद्र नाथ चौधरी, सीओ सिटी आलोक प्रसाद, कोतवाल शशांक शेखर राय आदि मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में ले लिया। एएसपी ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या मामला आत्महत्या का लग रहा है। इसकी वजह के बारे में छानबीन की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक बेलगड़ी निवासी राम निहोर शुक्ल पुत्र चंद्र प्रकाश शुक्ल पुलिस विभाग में हेड कांस्टेबल थे। पिता चंद्र प्रकाश शुक्ल के मुताबिक उनकी तैनाती गोरखपुर एएसपी कार्यालय में थी। जहां से गैर हाजिर होने पर उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया था। मौजूदा समय में पुलिस लाइंस गोरखपुर से देवीपाटन मेले में ड्यूटी पर भेजे गए थे।
बुधवार रात नौ बजे ड्यूटी से आने के बाद परिवार के साथ खाना खाकर सो गए। रात साढ़े 11 बजे पत्नी किसी काम से कमरे से बाहर निकलीं तो बरामदे में पंखे से उन्हें लटका देख पांव तले जमीन सरक गई। घर में मौजूद बेटे सौरभ शुक्ल ने पुलिस को सूचना दी। एएसपी ने बताया कि घटना की सूचना गोरखपुर पुलिस को भी दे दी गई है। बताया जा रहा है कि रात साढ़े नौ बजे घर आने पर वह कुछ परेशान लग रहे थे। दिल बहलाने के लिए वह काफी देर तक कुत्तों से खेलते रहे। इसके बाद बाहरी कमरे में आईपीएल का मैच देखने लगे। किसी बात पर उनका मूड कुछ उखड़ा हुआ था। 24 वर्षीय बेटे सौरभ को यह कहते हुए पहली मंजिल पर भेज दिए कि उन्हें मैच देखना है। इसके बाद यह घटना हो गई। मृतक राम निहोर शुक्ल के पिता चंद्र प्रकाश शुक्ल भी पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हैं। उनके तीन बेटों में सबसे बड़े राम निहोर शुक्ल थे। दूसरे बेटे राम नाथ शुक्ल गांव के पूर्व प्रधान हैं। सबसे छोटे बेटे प्रदीप शुक्ल पुलिस विभाग में कांस्टेबल हैं। जिनकी तैनाती अयोध्या में है। सभी का परिवार अलग-अलग रहता है। पिता चंद प्रकाश शुक्ल और माता गांव के दक्षिण मकान बनाकर अलग रहते हैं। इस घटना से पूरे परिवार में मातम पसरा हुआ है।
अधेड़ बेटे की अप्रत्याशित मौत का सबसे गहरा सदमा उनके वृद्ध माता-पिता को लगा है। वह दोनो रो-रोकर बेहाल हैं। पिता कहते हैं कि उनके बेटे ने बहुत कायराना कदम उठा लिया। उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था। न जाने ऐसी क्या मजबूरी थी। माता कहती हैं कि ऊपर जाने का समय उनका आया था मगर चला गया बेटा। पिता कहते हैं कि उनका बेटा राम निहोर उन्हें आदर्श मानता था। मगर उसने मेरी सीख नहीं मानी। उसे ऐसे धीरज नहीं खोना था। 53 वर्षीय राम निहोर शुक्ल की मौत के पीछे की वजह को लेकर कई तरह की बातें की जा रही हैं मगर स्पष्ट तौर पर कोई कुछ नहीं बता पा रहा है। पत्नी पूनम शुक्ल और बेटे सौरभ शुक्ल के मुंह से एक शब्द ही नहीं फूट रहे हैं। कुछ पूछने पर बोल नहीं पा रहे हैं। माना जा रहा है कि उन पर काफी दिनों से ड्यूटी का दबाव था।
गोरखपुर तैनाती के दौरान उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया था। वहां से देवी पाटन मेला ड्यूटी में भेज दिया गया था। जिसके बाद वह काफी तनाव में रहने लगे थे। प्रथम दृष्ट्या माना जा रहा है कि ड्यूटी का दबाव वह नहीं झेल पा रहे थे।
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