Wednesday, 12 April 2023

आजमगढ़ हाईकोर्ट ने एसडीएम सगड़ी के आदेश को किया खारिज जिलाधिकारी को 2 माह के अंदर किसी अन्य अधिकारी के समक्ष भेजकर विधि अनुसार निस्तारण का दिया आदेश न्यायमूर्ति ने प्रदेश सरकार को एसडीएम को अर्ध-न्यायिक प्रदान करने की दी सलाह खैरघाट गांव के प्रधान पद की दुबारा मतगणना कराने के आदेश का मामला


 आजमगढ़ हाईकोर्ट ने एसडीएम सगड़ी के आदेश को किया खारिज


जिलाधिकारी को 2 माह के अंदर किसी अन्य अधिकारी के समक्ष भेजकर विधि अनुसार निस्तारण का दिया आदेश


न्यायमूर्ति ने प्रदेश सरकार को एसडीएम को अर्ध-न्यायिक प्रदान करने की दी सलाह


खैरघाट गांव के प्रधान पद की दुबारा मतगणना कराने के आदेश का मामला


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने एक चुनाव याचिका का निस्तारण करते हुए उप जिलाधिकारी सगड़ी के 21 मार्च 2023 के हरैया ब्लॉक के खैरघाट गांव के प्रधान पद की दुबारा मतगणना कराने के आदेश को निरस्त कर दिया। साथ ही जिलाधिकारी को आदेश दिया कि वह किसी अन्य मजिस्ट्रेट के समक्ष मामले को भेजकर उसका दो माह के अंदर विधि अनुसार निस्तारण कराएं। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश मे लिखा कि एसडीएम राजीव रत्न सिंह द्वारा पारित दूसरा आदेश स्पष्ट रूप से शासनादेश और पंचायत राज एक्ट के विपरीत है। ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त आदेश एक ऐसे व्यक्ति द्वारा पारित किया गया है, जिसके पास न्यायिक रुप से प्रशिक्षित दिमाग नहीं है। राज्य सरकार को अर्ध-न्यायिक प्रदान करने की सलाह दी जाती हैं।


मामले के अनुसार उप जिलाधिकारी सगड़ी के न्यायालय में हरैया ब्लाक के ग्राम पंचायत खैरघाट गांव निवासी बहादुर सिंह पुत्र स्वर्गीय बलिहारी सिंह ने चुनाव याचिका दाखिल किया। इसमें ग्राम प्रधान के पद पर निर्वाचित पनवा देवी और एक अन्य को विपक्षी बनाया। तथा न्यायालय से पनवा देवी के निर्वाचन को अवैध करार देते हुए पुनः मतगणना कराए जाने की मांग की गई। सुनवाई के बाद एसडीएम सगड़ी राजीव रत्न सिंह ने 21 मार्च 23 को बहादुर सिंह की याचिका को स्वीकार कर लिया। तथा खैरघाट के प्रधान पद हेतु पुनर्मतगणना कराए जाने का आदेश दिया। उक्त आदेश के विरुद्ध पनवा देवी ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दाखिल करते हुए एसडीएम के आदेश को निरस्त करने की मांग की। सुनवाई के बाद 10 अप्रैल को उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ने उप जिलाधिकारी सगडी के आदेश दिनांक 21 मार्च 23 को निरस्त कर दिया तथा जिलाधिकारी आजमगढ़ को निर्देश दिया कि वह चुनाव याचिका को दूसरे अधिकारी के समक्ष भेजकर उसे दो माह मे विधि अनुसार निस्तारण कराएं।

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