बिजनौर सीमा विवाद आमने-सामने आए यूपी-उत्तराखंड के किसान
चलीं ताबड़तोड़ गोलियां, गांवों में तनाव की स्थिति बरकरार
बिजनौर सीमा विवाद के चलते उत्तर प्रदेश बिजनौर जनपद के ग्राम हिम्मतपुर बेला और उत्तराखंड ग्राम बादशाहपुर के किसान आमने-सामने आ गए। दोनों गांवों के किसानों की ओर से कई राउंड गोलियां चलीं। वहीं एक किसान के 40 बीघा गन्ने के खेत में आग लगा दी। गांवों में तनाव की स्थिति बनी हुई है। थाना मंडावर की पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। मंडावर गंगा खादर क्षेत्र में सीमा विवाद एक बार फिर तूल पकड़ने लगा है। सर्वे में कोई हल नहीं निकलने के बाद किसान आमने-सामने आने लगे हैं। शुक्रवार की देर शाम किसानों के बीच कई राउंड फायरिंग हुई तो आसपास के गांव के लोग सहम गए। गनीमत रही कि किसी को गोली नहीं लगी। मामला यहीं नहीं थमा, मंडावर क्षेत्र के किसानों का आरोप है कि उत्तराखंड के किसानों ने करीब 40 बीघा गन्ने के खेत में आग भी लगा दी।
ग्रामीणों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले की बात करें तो उत्तराखंड के ग्राम बादशाहपुर और यूपी के ग्राम हिम्मतपुर बेला में सीमा विवाद के निपटारे को लेकर वर्ष 2019 में सर्वे हुआ था। इस सर्वे के दौरान दोनों गांव के लोग भिड़ गए थे और गोली चल गई थी। यह दूसरी बार है जब किसानों के बीच गोली चली। बिजनौर और उत्तराखंड की सीमा विवाद निपटाने के लिए पिछले सप्ताह दोनों ओर से अफसर जुटे थे। सर्वे भी हुआ, लेकिन लक्सर उत्तराखंड के एसडीएम गोपालराम बिनवाल आदि अफसर सहमत नहीं हुए और अपनी टीम के साथ वापस लौट गए थे। हालांकि बिजनौर के अधिकारियों ने इसे लेकर हरिद्वार प्रशासन को पत्र भी लिखा है। पिछले सप्ताह सर्वे को लेकर दो अफसर भी आपस में भिड़ गए थे।
इस समस्या के स्थाई समाधान को किसी व्यक्ति ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि बाण गंगा की भूमि पर माफिया ने कब्जा कर रखा है। याचिका में उक्त भूमि को कब्जा मुक्त कराए जाने की मांग की गई थी। उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर लक्सर एसडीएम गोपालराम बिनवाल व यूपी के बिजनौर एसडीएम सदर मोहित कुमार के नेतृत्व में दोनों तहसीलों की टीमें गठित कर दी गई। टीम ने जो सर्वे किया, उस पर सहमति ही नहीं बन रही। पिछले करीब 24 साल से यूपी ग्राम हिम्मतपुर बेला और उत्तराखंड के ग्राम बादशाहपुर में सीमा विवाद चल रहा है। पिछले तीन वर्षो में कई बार दोनों गांवों के बीच चल रहे सीमा विवाद के निपटारे को लेकर लक्सर और बिजनौर सदर तहसील की टीमें पैमाइश करने मौके पर गई। अभी आम सहमति नहीं बनी।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर तहसील के एसडीएम मोहित कुमार का मानना है कि यह सिहदे और 1990 में चकबंदी संपन्न हुई थी। उसी के मानचित्र के आधार पर सिर्फ 200 मीटर जमीन पर किसी भी स्टेट का हक नहीं पाएगा। बिजनौर तहसीलदार अनुराग सिंह ने बताया कि शुक्रवार को दोनों सीमाओं के किसानों के बीच क्या हुआ है। उसकी जानकारी के लिए लेखपाल सहित टीम को मौके पर भेजा गया है। उनकी रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। मंडवार थानाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि किसानों द्वारा कोई भी तहरीर पुलिस को नहीं दी गई है, मामले की जांच कराई जा रही है।
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