बरेली 24 घंटे तक किया शव का इलाज
परिजनों से मोटी रकम वसूलने के बाद दी मौत की सूचना
उत्तर प्रदेश बरेली “फिल्म ‘गब्बर इज बैक’ में दर्शाए एक सीन में निजी अस्पताल के चिकित्सक रुपयों के लालच में शव का इलाज करते रहते हैं। परिजनों से मोटी रकम वसूलने के बाद डॉक्टर उन्हें मौत की सूचना देते हैं। कुछ इसी तरह का मामला बरेली के दीपमाला अस्पताल में सामने आया है। सभासद ने अस्पताल प्रबंधन पर मृत पत्नी के इलाज के नाम पर रुपये ऐंठने का आरोप लगाया है। पीड़ित ने कोतवाली में तहरीर देने के साथ ही एसएसपी को शिकायती पत्र भेज आरोपी डाक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक नवनीत गंगवार नगर पालिका परिषद के बिजौरिया वार्ड के सभासद हैं। उन्होंने 20 नवंबर 2022 को पत्नी रुबी देवी को इलाज के लिए बरेली के दीपमाला अस्पताल में भर्ती कराया था। उनका आरोप है कि 22 नवंबर की सुबह 6.05 बजे उनकी मौत हो गयी थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी। डॉक्टर इलाज के नाम पर महंगी दवाइयां मंगवाते रहे। अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के बिल के नाम पर उनसे 90 हजार रुपये ऐंठ लिये। अस्पताल प्रबंधन ने 23 नवंबर को पत्नी की मौत होने की बात कहकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
उन्होंने नगर निगम से पत्नी का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कराया तो अस्पताल प्रबंधन की कारगुजारी का पता चला। प्रमाणपत्र के मुताबिक उनकी पत्नी की मौत 22 नवंबर 2022 को सुबह छह बजकर पांच मिनट पर हुई थी। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर धोखाधड़ी कर रुपये ऐंठने का आरोप लगाते हुए बरेली कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। वहीं, उन्होंने एसएसपी को भी शिकायती पत्र भेज कार्रवाई की गुहार लगायी है।
दीपमाला अस्पताल के डॉ. सोमेश मेहरोत्रा ने कहा कि महिला की मौत 23 नवंबर को हुई थी। यही सूचना मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए भेजी गई थी। मुझे यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर किस तरकीब से 22 नवंबर का मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाया गया है। हम इसकी जांच कर रहे हैं। यह मेरे खिलाफ साजिश है और धोखाधड़ी का मामला है। मैं इस धोखाधड़ी के खिलाफ कोर्ट जाऊंगा।
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