आजमगढ़ ज्ञानवापी का फैसला आज, प्रशासन हुआ अलर्ट
संवेदनशील स्थानों पर भारी फोर्स तैनात
इन मुद्दों पर फैसला सुना सकती है कोर्ट
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ काशी से सटा जिला होने के कारण आज होने वाले ज्ञानवापी के फैसले को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। जिला मुख्यालय के संवेदनशील माने जाने वाले स्थानों पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई, ताकि कोई अनहोनी होने से बचाया जा सके। जिले के सभी थानों और चौकियों को अलर्ट रहने का निर्देश पुलिस प्रशासन द्वारा जारी कर दिया गया है। इस दौरान कोट, तकिया, पहाड़पुर, गुलामी का पूरा, बरदका सहित अन्य क्षेत्रों में भी पुलिस अलर्ट मूड में रही। कोतवाल शशि चन्द्र संवेदनशील क्षेत्रों में दौरा करते नजर आये। वहीं तकिया, पहाड़पुर पर इंसपेक्टर राजेश कुमार ने अपने हमराहियों के साथ स्थिति का जायजा लिया।
वाराणसी जिला अदालत आज इस मुद्दे पर अपना फैसला सुना सकती है कि ज्ञानवापी का मुकदमा चलने योग्य है या नहीं? मुस्लिम पक्ष की याचिका पर फैसला आएगा, जिसमें मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि ज्ञानवापी का वाद (मुकदमा) 1991 के पूजा स्थल विधेयक का उल्लंघन है. इसलिए यह मुकदमा नहीं चल सकता है. जबकि, हिंदू पक्ष ने कहा कि ज्ञानवापी का मुकदमा 1991 के पूजा स्थल विधेयक कानून का उल्लंघन नहीं है, पहले धार्मिक स्वरूप तय हो तब पता चलेगा कि पूजा स्थल विधेयक इस पर लागू होता है या नहीं।
काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे अलग-अलग अदालतों में लंबित हैं, लेकिन, यह मामला बेहद खास है, क्योंकि तत्कालीन सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने इसी मामले पर सर्वे के आदेश दिए थे, जिसमें मस्जिद के वुजूखाने में शिवलिंग होने का दावा किया गया था. हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था और आज भी अपने दावे पर कायम है. वहीं, हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद का पूरा ढांचा मंदिर को तोड़कर बनाया गया है।
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