आजमगढ़ 7 एसडीएम को भेजा गया रिमाइंडर
फंसी मदरसों की जांच में दिखाई सुस्ती, लालगंज के डिप्टी कलेक्टर जांच में निकल गए सबसे आगे
शासन के निर्देश पर 255 मदरसों का भौतिक सत्यापन कर देनी है आख्या
आजमगढ़ आधुनिकीकरण योजना के तहत की जाने वाली मदरसों की जांच में सात एसडीएम की प्रगति शून्य से आगे नहीं बढ़ पा रही है। डीएम की समीक्षा में लालगंज के डिप्टी कलेक्टर की रिपोर्ट ही संतोषजनक मिली। शासन की प्राथमिकता वाली जांच में उपजिलाधिकारियों की अरुचि पर गंभीरता दिखाई है। उनके निर्देश पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने संबंधित एसडीएम को रिमाइंडर भेजा है। जबकि लालगंज तहसील से मिली पांच मदरसों की जांच रिपोर्ट को निदेशालय अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को भेज दिया गया है।
जनपद में संचालित 387 मदरसों में 255 अनुदानित हैं। सरकार इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ ही अन्य सुविधाएं देने के लिए हर साल बजट देती है। जिले में कुछ मदरसे ऐसे हैं, कागजों में चल रहे या फिर गैर मान्यता प्राप्त हैं। ऐसे में कागजों पर संचालित मदरसों के जरिए सरकारी बजट का दुरुपयोग हो रहा है। ऐसे मदरसों की जमीनी पड़ताल की जांच के लिए शासन के निर्देश पर डीएम ने एक रोडमैप तैयार किया है। नगर क्षेत्र में एसडीएम के नेतृत्व में नगर शिक्षा अधिकारी, अधिशासी अधिकारी के नामित एई व ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम के नेतृत्व में बीईओ और बीडीओ के नामित एई की टीम गठित की गई है।
इसी तरह लालगंज, मेंहनगर, मार्टीनगंज, फूलपुर, सदर, निजामाबाद, बूढ़नपुर व सगड़ी तहसील में संचालित मदरसों की जांच के लिए कमेटी अस्तित्व में है। समीक्षा शुरू हुई तो लालगंज को छोड़ किसी डिप्टी कलेक्टर ने जांच में रुचि नहीं दिखाई। वक्फ निरीक्षक मनोज कुमार राय ने बताया कि लालगंज तहसील के पांच मदरसों जांच पूरी हो चुकी है। रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी गई है। डीएम के निर्देश पर सात तहसीलों के एसडीएम को रिमाइंडर भेजा गया है। सत्यापन का कार्य जल्द पूरा करने को विशेष तौर पर कहा भी गया है।
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