आजमगढ़ मारपीट के 27 वर्ष पुराने मुकदमे में दो आरोपियों को चार चार साल की कठोर कारावास, प्रत्येक को ₹8 हजार जुर्माना की सजा
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ मारपीट के 27 साल पुराने मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने दो आरोपियों को चार चार साल की कठोर कारावास तथा प्रत्येक को आठ हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई।
अदालत ने जुर्माने की आधी राशि वादी मुकदमा को बतौर मुआवजा देने का आदेश दिया। यह फैसला फास्ट ट्रेक कोर्ट सीनियर डिवीजन के जज देवेंद्र प्रताप सिंह ने गुरुवार को सुनाया।
अभियोजन कहानी के अनुसार जहानागंज थाना क्षेत्र के कडासर गांव में 17 मार्च 1995 की शाम सात बजे वादी मुकदमा महावीर के पड़ोसी संतू पुत्र विश्राम व मोहन पुत्र प्रभु शराब के नशे में वादी के दरवाजे पर चढ़ आए। आरोपी मोहन और संतू ने लाठी और डंडे से वादी के लड़के चंद्रभान को मारापीटा। वादी का भाई रघुवीर जब झगड़ा शांत कराने पंहुचा तो उसे भी आरोपियों ने बुरी तरह से मारा पीटा।
अभियोजन पक्ष की तरफ से अभियोजन अधिकारी महेंद्र गुप्ता ने वादी महावीर, चंद्रभान ,रघुवीर ,एसपी सिंह, विवेकानंद द्विवेदी तथा राम लखन यादव को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया।
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत में आरोपी मोहन तथा संतू को चार चार वर्ष के कठोर कारावास तथा प्रत्येक को आठ हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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