पंजाब के सीएम ने अग्निपथ के खिलाफ पास किया प्रस्ताव, सेना में भर्ती की नई योजना को बताया ‘बेतुका
केंद्र सरकार द्वारा सेना में लागू नई भर्ती योजना यानि अग्निपथ योजना का विरोध बदस्तूर जारी है। अग्निपथ योजना और पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के दखल और उसे केंद्र के अधीन करने के विरोध में एक प्रस्ताव पारित कर दिया।
जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी को केंद्र के अधीन न करने को लेकर सदन में शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने एक प्रस्ताव पेश किया, जिस पर विचार करने के बाद इसे पारित कर दिया गया। वहीं पंजाब के सीएम भगवंत मान ने अग्निपथ योजना यानि अनुबंध पर सेना के जवानों की भर्ती के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से अग्निपथ योजना को वापस लेने की अपील की है।
पंजाब विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के दो सदस्यों ने पंजाब सरकार द्वारा पीयू और अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रस्ताव लाने का विरोध किया। जबकि अन्य विपक्षी दलों ने भी प्रस्ताव पारित करने का समर्थन किया। आप, कांग्रेस और अकाली दल सहित अन्य सभी सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने अग्निपथ योजना को केंद्र सरकार का तर्कहीन कदम करार दिया है। वह केंद्र पर जमकर बरसे थे। उन्होंने यह भी कहा था कि अग्निपथ योजना भारतीय सशस्त्र बलों के मूल ताने-बाने को नष्ट कर देगा। सीएम मान ने कहा कि इस योजना से सेना के जवानों का भी हौसला कम होगा। इस प्रस्ताव पर सदन में चर्चा भी हुई।
बता दें कि 14 जून को इस योजना Agnipath Scheme की शुरूआत की गई थी। इसके तहत सेना में साढ़े 17 से 21 साल तक के युवाओं की भर्ती की जाएगी। चार साल के बाद 25 फीसदी युवाओं को सेना में स्थायी कर दिया जाएगा। सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अब तक 2 लाख युवाओं ने अग्निपथ योजना में नामांकन कराया है, जो पहले की तुलना में बहुत कम है।
सरकार द्वारा योजना शुरू किए जाने के बाद पंजाब और हरियाणा सहित देश के अन्य हिस्सों में कई विरोध प्रदर्शन किए गए। पंजाब के विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाया है और सभी दलों ने मिलकर केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने का फैसला किया।
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