आज़मगढ़ मौत के सौदागरों पर लगा रासुका
जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी ने की कार्यवाही
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जनपद के माहुल कस्बे के सरकारी मदिरा दुकान से बीते फरवरी माह में बेची गई देसी मदिरा का सेवन करने से दर्जन भर लोग असमय काल कवलित हो गए।
जबकि 4 दर्जन से ज्यादा लोगों की हालत गंभीर होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यह घटना उस दौरान पूरे प्रदेश में सुर्खियों में रही। हालांकि प्रशासन ने इस घटना में सात लोगों के मौत की पुष्टि की।
इस मामले में शासन के निर्देश पर मौत के सौदागरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश मिलने पर जिला प्रशासन ने देसी शराब दुकान के अनुज्ञापी रंगेश यादव व उसके सहयोगियों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए लोगों से की गई पूछताछ के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि अहरौला क्षेत्र के रूपाईपुर ग्राम निवासी एक परिवार के सदस्यों द्वारा तैयार की गई नकली शराब व कफसिरप आपूर्ति जनपद के अलावा पूर्वांचल के कई हिस्सों में की जाती है।
जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य की अगुवाई में रूपाईपुर ग्राम निवासी मोहम्मद सईद के घर छापेमारी कर पुलिस ने भारी मात्रा में तैयार नकली शराब और कफसिरप बरामद किया। नकली शराब के कारोबारियों की गिरफ्तारी की गई। इस मामले में दर्जन भर से ज्यादा लोग अभी भी जिला कारागार में निरुद्ध हैं।
पुलिस द्वारा की गई जांच पड़ताल में रूपाईपुर ग्राम निवासी मोहम्मद नईम व मोहम्मद फहीम पुत्रगण मोहम्मद सईद तथा माहुल कस्बा निवासी शाहबाज पुत्र रियाज की संलिप्तता नकली शराब के कारोबार में उजागर हुई। इन आरोपियों द्वारा अवैध कारोबार से अर्जित की गई संपत्ति के जब्तीकरण की भी कार्रवाई की गई। साथ ही पुलिस अधीक्षक ने उक्त तीनों आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3(2) के अधीन कार्रवाई करने की संस्तुति करते हुए जिला प्रशासन को रिपोर्ट प्रेषित की।
पुलिस अधीक्षक के पत्र पर विचार करते हुए जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने शनिवार को चिन्हित किए गए अभियुक्तों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने की अनुमति प्रदान कर दी। तीनों आरोपी वर्तमान समय में जिला कारागार में निरुद्ध हैं।
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