आजमगढ़ गैंगस्टर के मुकदमे में अदालत ने दो आरोपियों को 5-5 वर्ष के कठोर कारावास व प्रत्येक को 5-5 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ गैंगस्टर के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने दो आरोपियों को 5 साल के कठोर कारावास तथा प्रत्येक को पांच पाँच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
यह फैसला गैंगस्टर कोर्ट के जज रामानंद ने सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार सरायमीर थाना प्रभारी तेज बहादुर सिंह 5 अगस्त 2014 को अपने क्षेत्र में भ्रमण कर रहे थे। तभी थाना प्रभारी को सूचना मिली कि उनके क्षेत्र के नंदाव (टिकरिया) निवासी मुकेश सरोज पुत्र छोटेलाल, मुकेश का नाबालिग भाई तथा दुर्गेश सरोज पुत्र सरजू एक गैंग बनाकर लड़कियों के साथ छेड़खानी तथा संगठित अपराध करते हैं।
इन तीनों आरोपियों दुर्गेश, मुकेश व मुकेश के नाबालिग भाई ने 28 मई 2014 को एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया था। गैंगस्टर के इस मामले में पुलिस ने जांच करने के बाद तीनों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया।
आरोपी मुकेश सरोज के भाई की पत्रावली नाबालिग होने के कारण किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता विनय मिश्रा तथा संजय कुमार ने वादी मुकदमा तेज बहादुर सिंह समेत पांच गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी मुकेश सरोज तथा दुर्गेश सरोज को पांच पांच वर्ष के कठोर कारावास तथा प्रत्येक को पाँच पाँच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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