आजमगढ़ गैर इरादतन हत्या में 2 आरोपितों को 10-10 वर्ष के कठोर कारावास व प्रत्येक को ₹15 हजार जुर्माने की कोर्ट ने सुनाई सजा।
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ गैर इरादतन हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने दो आरोपियों को दस दस वर्ष के कठोर कारावास तथा प्रत्येक को पन्द्रह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर एक बी.डी. भारती ने गुरुवार को सुनाया।अभियोजन कहानी के अनुसार वादी मुकदमा मोनू निवासी मेघई खास थाना जीयनपुर के पिता दूधनाथ गांव के ही अजय पुत्र शिवचंद के यहां मजदूरी करते थे। अजय के यहाँ सेफ्टी टैंक बनाने का काम होता था।
जिसमें दूधनाथ मजदूरी करते थे। दूधनाथ का पन्द्रह दिन की मजदूरी का पैसा अजय के यहां बाकी था। दूधनाथ ने पांच जनवरी2015 को अजय के भाई विजय से मजदूरी का पैसा मांगा तो विजय ने दूधनाथ को भद्दी भद्दी गालियां दी तथा अजय ने लोहे के रम्मा से दूधनाथ के सर पर प्रहार कर दिया।बुरी तरह से घायल दूधनाथ की 7 जनवरी को अस्पताल में मृत्यु हो गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद दोनों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया। शासकीय अधिवक्ता जगदंबा पांडेय तथा विक्रम सिंह पटेल ने वादी मुकदमा मोनू,सोनू ,सुरजन राम, रमाकांत भारती, डॉ राजनाथ ,मोहम्मद असरार खान, विवेचक अशेषनाथ सिंह, डॉक्टर साहिद जमाल, बेचू राम तथा विवेचक वीरेंद्र बहादुर सिंह को बतौर साक्षी न्यायालय में परिक्षित कराया। दोनों पक्षो कीदलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी अजय तथा विजय को दस दस वर्ष के कठोर कारावास तथा प्रत्येक को पन्द्रह हजार रुपयेअर्थदंड की सजा सुनाई।
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