आजमगढ़ प्रधानाचार्य पद के विवाद में हत्या में 1 को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास, ₹50 हजार आर्थिक दण्ड की सजा, 28 वर्ष पूर्व का मामला
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ में लगभग अट्ठाईस वर्ष पूर्व प्रधानाचार्य पद के विवाद को लेकर हुई हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को आजीवन कारावास तथा पचास हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर तीन ओम प्रकाश वर्मा ने सोमवार को सुनाया अभियोजन कहानी के अनुसार वादी मुकदमा रामजन्म यादव पुत्र सुखदेव यादव निवासी बालीपुर थाना जीयनपुर के भाई रामकवल यादव मुबारकपुर इंटर कॉलेज, मुबारकपुर में अर्थशास्त्र के प्रवक्ता थे।
राम कवल यादव विद्यालय में प्रधानाचार्य पद के प्रथम दावेदार थे।इस विद्यालय के पूर्व प्रबंधक मोहम्मद इमरान अहमद पुत्र अब्दुल हुई निवासी रसूलपुर थाना मुबारकपुर ने राम कवल यादव को प्रधानाचार्य पद से की दावेदारी से हट जाने के लिए धमकी दी थी।इसी विवाद को लेकर 21 दिसंबर 1994 की रात आठ बजे अजमतगढ़ के समीप राम कवल यादव की गोली मारकर हत्या कर उनकी मोटरसाइकिल लूट ली गई।
इस हत्या में मृतक रामकवल के भाई ने मोहम्मद इमरान तथा अन्य के विरुद्ध जीयनपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद मोहम्मद इमरान,अफ्फान, हम्माद तथा मोहम्मद रिजवान के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया।
दौरान मुकदमा हम्माद के फरार हो जाने की के कारण उसकी पत्रावली अलग कर दी गई।जबकि रिजवान तथा अफ्फान की मृत्यु हो गई।सहायक शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्र ने भृगुनाथ यादव समेत कुल आठ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया।दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी मोहम्मद इमरान को आजीवन कारावास तथा पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
अदालत में जुर्माने की राशि में से चालीस हजार रुपये मृतक रामकवल के परिवार को देने का आदेश दिया।
No comments:
Post a Comment