आजमगढ़ बदलते मौसम में हार्ट अटैक का खतरा रहें सतर्क – सीएमओ
सर्दियों में हार्ट अटैक रोकने के लिए सुबह पियें कम पानी कम लें नमक तथा वॉक करने से बचें।
आजमगढ़ से तनवीर आलम की रिपोर्ट।
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ बदलते मौसम में तापमान में गिरावट आ जाती है और मनोवैज्ञानिक रूप से शरीर को गर्म रखने का संकेत मिलता है। जिससे हृदय गति, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है। रक्त वाहिकाएं संकुचित होने पर रक्त के थक्के जमने की आशंका बढ़ जाती है।
ये सभी चीजें दिल के दौरे का खतरा बढ़ाती हैं।
यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी का।
डा0 तिवारी ने बताया कि बदलता मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर भी आता है। खासतौर से दिल के मरीजों के लिए बदलता मौसम खतरनाक माना जाता है। इस मौसम में हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इस मौसम में सावधान रहने की जरूरत है। किसी भी समस्या से निपटने के लिए अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में तत्काल संपर्क करें और इलाज करायें।
मंडलीय जिला चिकित्सालय में तैनात भूतपूर्व सीएमओ, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ ए.के. मिश्रा ने बताया कि कम तापमान नर्वस सिस्टम को एक्टिव करता है जिससे कैटेकोलामाइन का स्तर बढ़ जाता है। ये रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है इस मौसम में हमारे शरीर और हृदय को शरीर के सही तापमान को बनाए रखने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसकी वजह से हमारे दिल पर ज्यादा दबाव पड़ता है और कमजोर दिल वालों में हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सतर्क रहने की आवश्यकता है।
डॉ मिश्रा ने बताया कि चिकित्सालय में प्रतिदिन सात विशेषज्ञ डाक्टरों की ओपीडी होती है, जिसमें प्रत्येक डाक्टर की ओपीडी 60 से 70 मरीजों की होती है, इस तरह से कुल लगभग 400 से 500 मरीज रोज देखे जाते हैं। जिसमें 15 से 20 मरीज हार्ट के होते हैं। ब्लड-प्रेसर और सांस के मरीज के साथ-साथ वाइरल फीवर और डायबिटीज़ के भी मरीज होते हैं। जिसके कारण हृदय संबंधी परेशानी बढ़ जाती है। उन्होने बताया कि वर्तमान में हृदय संबंधी समस्या के तीन मरीज आईसीयू में भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है। कुल भर्ती मरीजों के परिप्रेक्ष्य में अगर बात करें तो नवम्बर माह में 44 मरीज, दिसंबर में 42 और जनवरी में कुल 28 मरीज भर्ती हुये थे।
कैसे करें बचाव
ठंड में खुद को गर्म रखने की कोशिश करें। शरीर को अच्छी तरह गर्म कपड़ों से ढँककर रखें। ठंडा खाना और ठंडे पेय पदार्थों से परहेज करें। ताजे और गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन करें। यह धारणा गलत है की अल्कोहल और धूम्रपान का सेवन आंतरिक गर्माहट देता है। इन मादक पदार्थो से दूर रहें। संयमित भोजन करें और फास्ट फूड खाने से बचें। इस तरह के भोजन से वजन भी तेजी से बढ़ता है। यदि पहले से ही हृदय संबंधी बीमारी है तो सर्दी के मौसम में अधिक सजग रहने की जरूरत है। बुजुर्ग व बीमार लोगों को भी इस मौसम में हृदय की सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए।
आईसीयू में भर्ती डाही निवासी 57 वर्षीय गुलाबी देवी की बहू पूनम ने बताया कि ब्लड-प्रेसर की समस्या होने पर माताजी को तीन दिन पहले भर्ती कराया था। माताजी को अब आराम है। जांच और इलाज निःशुल्क हो रहा है।
हूँसेपुर, महराजगंज निवासी 80 वर्षीय सुभा देवी के पुत्र शिव शंकर ने बताया कि पिछले हफ्ते माताजी को डाक्टर मिश्रा को दिखाया था, उन्होने जांच करवाई थी और दवा लिखा था। माताजी को अब काफी आराम है।
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