Tuesday, 15 February 2022

आजमगढ़ बाहुबली पूर्व सांसद के खिलाफ ताल ठोकने के लिए चुनाव मैदान में कूदी एक महिला।


 बाहुबली पूर्व सांसद के खिलाफ ताल ठोकने के लिए चुनाव मैदान में कूदी एक महिला।


आप ने फूलपुर पवई विधानसभा के घोषित प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के जगह पर किरन जायसवाल को बनाया उम्मीदवार।



सपा, भाजपा के राह में बन सकती है किरन रोड़ा, महिला के आने से दिग्गजों के छूट रहे पसीने।


गुरुवार को किरन जायसवाल करेंगी अपना नाम नेशन।



आजमगढ़ फूलपुर से इन्द्रराज यादव की रिपोर्ट।




उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जिले के फूलपुर- पवई विधानसभा इस बार के चुनाव में हार सीट बन गई है। सपा के बाहुबली प्रत्याशी के खिलाफ आप आम आदमी पार्टी के घोषित प्रत्याशी किरणन जायसवाल ने इस बार ताल ठोक है। 




किरन के चुनाव मैदान में आ जाने से फूलपुर- पवई विधानसभा का चुनाव जहां रोचक हो गया है, वहीं दिग्गजों के अभी से ही पसीने छूटने लगे हैं।

आम आदमी पार्टी ने फूलपुर पवई विधानसभा से पूर्व में दुर्ग विजय सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। इधर सपा से बाहुबली पूर्व सांसद व चार बार के विधायक रहे रमाकांत यादव चुनाव मैदान में उतर आए हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने रामसूरत राजभर पर दांव आजमाया है।



 बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व ब्लाक प्रमुख शकील अहमद को प्रत्याशी बनाया है। इस बीच आम आदमी पार्टी ने फूलपुर-पवई से पूर्व में घोषित अपने प्रत्याशी दुर्ग विजय सिंह को बदलकर किरन जायसवाल को प्रत्याशी घोषित कर दिया। दिग्गजों के बीच आप से महिला उम्मीदवार किरन जायसवाल के चुनाव मैदान में आ जाने से फूलपुर-पवई विधानसभा का चुनाव जहां अब रोचक हो गया, वहीं पूरी तरह से चुनावी समीकरण ही बदल गया है।

बता दें कि फूलपुर-पवई विधानसभा क्षेत्र हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है। 




इस सीट पर हमेशा एक बाहुबली परिवार का ही दबदबा रहा है। वहीं बाहुबली के मुकाबले में फूलपुर कस्बे के ही बहू किरन जायसवाल के चुनाव मैदान में उतर जाने से दिग्गजों के पसीने छूटने लगे हैं। किरन जायसवाल  फूलपुर कस्बा की ही निवासिनी हैं।शैक्षिक योग्यता स्नातक 2016 व 21 मे जिला पंचायत सदस्य का चुनवा भी इसी क्षेत्र लड़ा। उनके पति संतोष जायसवाल पेशे से पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।




 आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी किरन जायसवाल ने बताया कि वह अपना पर्चा दाखिला गुरुवार को करेंगी। आप द्वारा किरन जायसवाल को प्रत्याशी बनाए जाने से चर्चाओं का बाजार गर्म है, कि कहीं वह सपा भाजपा की राह में रोड़ा ना बन जाए। 

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