Saturday, 15 March 2025

जौनपुर एक साथ सिपाही बनकर 3 सगी बहनों ने रचा इतिहास ढेर सारे आईएएस और पीसीएस अफसरों को देने के कारण हमेशा चर्चा में रहता है यह जिला


 जौनपुर एक साथ सिपाही बनकर 3 सगी बहनों ने रचा इतिहास



ढेर सारे आईएएस और पीसीएस अफसरों को देने के कारण हमेशा चर्चा में रहता है यह जिला


उत्तर प्रदेश का जौनपुर जनपद अधिकतर आईएएस और पीसीएस देने के कारण हमेशा से चर्चा में बना रहता है। जौनपुर के एक गांव में करीब हर घर में कोई न कोई अधिकारी है। इसी जिले की तीन सगी बहनों ने एक साथ सिपाही बनकर इतिहास रच दिया। होली के ठीक पहले जब यूपी पुलिस सिपाही भर्ती का रिजल्ट आया तो इनकी त्योहार की खुशियां दोगुनी हो गई। तीनों बहनों और परिवार को होली की शुभकामनाओं के साथ ही सेलेक्शन की खूब बधाइयां मिल रही हैं। तीनों बहनें जिले के मड़ियाहू तहसील क्षेत्र के महमदपुर अजोशी गांव की रहने वाली हैं।


 स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय इंद्रपाल चौहान के बेटे स्वतंत्र कुमार चौहान की तीनों बेटियां खुशबू चौहान, कविता चौहान और सोनाली चौहान ने एक साथ परीक्षा की तैयारी की और सफलता हासिल की। होलिका के दिन आए यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा परिणाम ने इस घर में त्योहार की खुशियां दोगुनी कर दिया।


जिला कबड्डी एसोसिएशन के सचिव एवं जिला व्यायाम शिक्षक बेसिक शिक्षा रविचंद्र यादव ने बताया कि खुशबू गांव के पास में ही मेहंदीगंज में खो-खो की तैयारी करती थी और अखिल भारतीय स्तर पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर की तरफ से खो-खो प्रतियोगिता में प्रतिनिधत्वि कर चुकी है। कविता जौनपुर कबड्डी टीम की तरफ से उत्तर प्रदेश के लिए मैच खेल चुकी है। इसके साथ ही सोनाली दौड़ में राष्ट्रीय स्तर पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर की तरफ से क्रॉस कंट्री रेस में भाग ले चुकी है।


प्रशिक्षक रविचंद्र यादव ने बताया कि तीनों बहनें बराबर अभ्यास करती रही और इसी का परिणाम है कि यह एक साथ आरक्षी के पद पर नियुक्त की गई है, इनके चयन से क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है।

फतेहपुर एसपी की सुरक्षा में तैनात सिपाही ने खुद को मारी गोली पुलिस महकमे में शोक की लहर, कारण अज्ञात


 फतेहपुर एसपी की सुरक्षा में तैनात सिपाही ने खुद को मारी गोली


पुलिस महकमे में शोक की लहर, कारण अज्ञात



उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में होली के दिन पुलिस महकमे में मातम छा गया। पुलिस कप्तान की सुरक्षा में तैनात सिपाही ने अपने सिर में राइफल सटाकर खुद को गोली मार ली। गोली सिर को पार करते हुए दूसरे तरफ से बाहर निकल गई है। सिपाही ने घटना को किराए के कमरे पर अंजाम दिया। जानकारी मिलते ही आला अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। आत्महत्या का सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि पत्नी से विवाद के बाद घटना घटित हुई है।


प्रयागराज निवासी 32 वर्षीय सिपाही महेंद्र पाल की पुलिस लाइन में तैनाती थी। वह पुलिस कप्तान के गार्द में था। 50 नंबर ओवरब्रिज के पास एक मकान में किराए के कमरे में रहता था। होली के दिन शुक्रवार को वह अपने कमरे पर ही था। इसी बीच सुबह करीब 11 बजे उसके कमरे से गोली चलने की आवाज सुनाई दी। अचानक गोली चलने की आवाज सुनकर पड़ोसी भागकर उसके कमरे पर पहुंचे। सिपाही के कमरे का नजारा देखकर हर कोई दंग रह गया। सिपाही लहूलुहान हालत में पड़ा था। उसका सिर एक तरह से उड़ गया था। उसने राइफल को अपने सिर में सटाकर गोली मारी थी। मामले की जानकारी होते ही पुलिस मौके पर पहुच गई पुलिस महकमे के लोग सिपाही को लेकर तत्काल अस्पताल भागे। रास्ते में ही उसकी मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना से महकमे में हड़कंप मच गया। आला अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे। सीओ सुशील दुबे ने बताया कि सिपाही पुलिस लाइन में तैनात था। खुद से गोली मारकर आत्महत्या की है। परिजनों को सूचना दी गई है। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज रही है। घटना के पीछे के कारणों का पता लगाया जा रहा है।


 उसके पड़ोसियों के अनुसार महेंद्र नाइट शिफ्ट में ड्यूटी करता था। ड्यूटी से आने के बाद पास की एक पान की गुमटी से सिगरेट के दो पैकेट खरीदे और लोगों को होली की शुभकामनाएं भी दीं। बताया जाता है कि 3 साल पहले उसकी शादी हुई थी। महेंद्र प्रयागराज के सोरांव थाना क्षेत्र के बड़ी धारु का पुरवा के निवासी थे। उनकी शादी प्रयागराज के ही फाफामऊ के गोहरी शांति पुरम निवासी रामचंद्र पाल की बेटी अंतिमा पाल से हुई थी। दोनों को एक साल की बेटी है।