Tuesday 9 July 2024

जौनपुर महिला प्रिंसिपल और प्रबंधक स्कूल के ऑफिस में ही मनाने लगे रंगरेलियां प्रेमालाप का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल


 जौनपुर महिला प्रिंसिपल और प्रबंधक स्कूल के ऑफिस में ही मनाने लगे रंगरेलियां



प्रेमालाप का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल




उत्तर प्रदेश जौनपुर गर्मी की छुट्टियों के बाद सभी जिलों में स्कूल अब खुलने लगे हैं। यूपी के जौनपुर में स्कूल खुलते ही एक स्कूल का ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जिसे देखकर हर कोई हैरान है। यहां के एक प्राइवेट स्कूल में महिला प्रिंसिपल और प्रबंधक विद्यालय के ऑफिस में ही रंगरलियां मना रहे हैं। वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि महिला प्रिंसिपल के साथ किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती भी नहीं हो रही है। ऐसे में लगता है कि दोनों में प्रेम प्रपंच पहले से चल रहा है। सवाल यही है कि वीडियो कैसे रिकॉर्ड हो गया और किसने वायरल कर दिया।


 प्रबंधक ने वीडियो को पुराना बताया है। उसने वीडियो को एडिट करके वायरल करने का आरोप भी लगाया है। कहा कि मुझे बदनाम करने के लिए साजिश रची गई है। प्रबंधक क्षेत्र के एक प्रतिष्ठिक इंटर कॉलेज में कम्प्यूटर का टीचर भी है। मामला सरपतहा थाना क्षेत्र के प्राइवेट स्कूल का है। बताया जाता है कि इलाके के एक गांव का 49 वर्षीय प्रबंधक ने अपने गांव में एक कान्वेंट स्कूल खोल रखा है। स्कूल में बच्चो की भी काफी संख्या है। रविवार को अचानक प्रबंधक और उसके कान्वेंट स्कूल की महिला प्रिंसिपल का वीडियो तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में दिख रहा है कि प्रबंधक महिला प्रिंसिपल के साथ स्कूल के ही ऑफिस में मौजूद है। दीवारों पर देश के महापुरुषों की तस्वीरें लगी हैं। वहां रखी आलमारी और मेज-कुर्सी बता रही हैं कि कमरा स्कूल का ही ऑफिस है। मेज पर रखे मोबाइल या स्पाई कैमरे से दोनों के प्रेमालाप को रिकॉर्ड किया गया है। वीडियो किसने रिकार्ड किया यह पता नहीं चल पाया है। चर्चा है कि प्रबंधक ने ही इसे रिकॉर्ड किया है। ऑफिस भी प्रबंधक का ही है।

गाजीपुर प्यार में बना कातिल, प्रेमिका की खातिर मां-बाप, भाई को दी दर्दनाक मौत रूह कंपा देगी तिहरे हत्याकाण्ड की ‘खूनी’ कहानी


 गाजीपुर प्यार में बना कातिल, प्रेमिका की खातिर मां-बाप, भाई को दी दर्दनाक मौत



रूह कंपा देगी तिहरे हत्याकाण्ड की ‘खूनी’ कहानी




उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में तिहरे हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा मंगलवार को हुआ। घटना के बाद से ही सक्रिय हुई पुलिस ने छानबीन के दौरान कड़ी से कड़ी मिलाते हुए हत्याकांड का खुलासा करने में कामयाबी हासिल की। चौंकाने वाली बात तो ये है कि मां-बाप और बड़े भाई की हत्या के बाद जो बेटा बिलखते हुए बता रहा था कि वह देर रात में आर्केस्ट्रा देखकर वापस लौटा तो घर के बाहर मां-बाप और अंदर भाई का खून से लथपथ शव पड़ा था वही बेटा हत्यारा निकला।


 आइए जानते हैं कि महज 16 वर्ष की उम्र में किशोर द्वारा परिवार का कत्ल करने की क्या वजह रही होगी... माता-पिता और बड़े भाई को मौत की नींद सुलाने वाले 16 साल के किशोर ने अपने प्यार की खातिर परिवार खत्म कर दिया। दरअसल, गांव की ही एक किशोरी से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। वह घरवालों से शादी के लिए बोल रहा था। वहीं लड़की के घरवाले भी शादी के लिए दबाव बना रहे थे, लेकिन दोनों की उम्र कम होने की वजह से लड़के के परिवार वाले शादी से इनकार कर रहे थे। इसी बात से किशोर नाराज चल रहा था। उधर, रविवार की रात में गांव में मांगलिक कार्यक्रम के दौरान आर्केस्ट्रा आया था, जहां डीजे चल रहा था। इसी दौरान वहां से वापस लौटने के बाद मौका पाते ही किशोर ने वारदात को अंजाम दिया। खुरपी से उसने पहले चारपाई पर सो रही मां का गला काटा, फिर पिता का गला रेत दिया। इससे भी उसका मन नहीं भरा तो उसने घर के अंदर सो रहे बड़े भाई को भी गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया। 


घटना के बाद किशोर खुद भागते हुए गांव में चल रहे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर डीजे बंद करवाया और घटना की जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू किया। आरोप लगा कि मृतक के छोटे बेटे के प्रेम प्रसंग में लड़की के घरवालों ने वारदात को अंजाम दिया है, लेकिन जब पुलिस जांच में जुटी तो कड़ी नहीं मिली। तीनों शवों का दाह संस्कार करने के बाद पुलिस ने परिवार में जिंदा बचे छोटे बेटे से पूछताछ की तो वह टूट गया और अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि घरवाले उसकी शादी नहीं करा रहे थे, इसी वजह से उसने पूरे परिवार को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। गाजीपुर जिले के नंदगंज थाना क्षेत्र के कुसुम्हीं कला (खिलवां) गांव में रविवार की रात 2 बजे पुलिस को सूचना मिली की तीन लोगों की हत्या हुई है। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो पता चला कि पति-पत्नी घर के बाहर और बड़ा बेटा घर के अंदर सो रहे थे। जबकि छोटा बेटा गांव में आर्केस्ट्रा देखने के लिए गया था। जब वापस आया तो मां-बाप और भाई का शव पड़ा देख चीखने- पुकारने लगा। जिसके बाद ग्रामीणों की भीड़ जुट गई।

आजमगढ़ 3 ग्राम विकास अधिकारी किये गये निलम्बित धन गबन एवं शासन द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन न करने का आरोप


 आजमगढ़ 3 ग्राम विकास अधिकारी किये गये निलम्बित



धन गबन एवं शासन द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन न करने का आरोप



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जिला विकास अधिकारी ने बताया कि जनपद के विकास खण्डों में कार्यरत तीन ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा निम्न विवरण के अनुसार शासन द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन न करने के आरोप में अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए निलम्बित किया गया।


 निलम्बित ग्राम विकास अधिकारियों में विशाल चन्द्रा ग्राम विकास अधिकारी विकास खण्ड मेंहनगर को गोवंश आश्रय स्थल में संरक्षित गोवंश के भरण-पोषण में लापरवाही बरते जाने के दृष्टिगत, विनोद कुमार ग्राम विकास अधिकारी विकास खण्ड-तरवां को आवंटित ग्राम पंचायत-रसड़ा व परसीनिया में पंचायत भवन का निर्माण में शासकीय धनराशि का गबन करने व ग्राम पंचायत परसीनिया के पंचायत सहायक का मानदेय भुगतान न करने एवं अन्य विकास कार्यों के सम्पादन न करने के दृष्टिगत तथा यशवन्त कुमार ग्राम विकास अधिकारी विकास खण्ड-तहबरपुर को कार्यक्षेत्र से पलायित रहते हुए विकास कार्यों को प्रभावित करने एवं जन मानस को परिवार रजिस्टर की प्रति न उपलब्ध करने के तथा शासकीय धनराशि का दुरूपयोग के दृष्टिगत कार्रवाई की गयी है।

आजमगढ़ नगर कोतवाली नदी में नहाते समय डूबा युवक, तलाश जारी साथी के संग तैरकर नदी पार करते समय हुआ हादसा


 आजमगढ़ नगर कोतवाली नदी में नहाते समय डूबा युवक, तलाश जारी



साथी के संग तैरकर नदी पार करते समय हुआ हादसा




उत्तर प्रदेश आजमगढ़ नगर कोतवाली के धर्मूनाला के समीप तसमा नदी के आत्माघाट के सामने मंगलवार की सुबह नहाते समय धर्मू नाला निवासी 18 वर्षीय अरमान डूब गया। उसके साथ रहा 17 वर्षीय बादल तैर कर बाहर आ गया। गोताखोर डूबे युवक की तलाश में लगे हैं। सज्जाद अहमद का पुत्र अरमान व अपने मोहल्ले के साथी 17 वर्षीय बादल के साथ सुबह तमसा नदी में आत्माघाट पर नहाने गया था। 


पचरूखवा घाट के सामने दोनों नहाते समय नदी के उस पार तैरते हुए चले गए। उसके बाद दोनों आगे-पीछे इस पार आ रहे थे। इसी बीच अरमान तेज धार में फंस गया और बहने लगा। यह देख बादल ने उसे बचाने का काफी प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सका। देखते ही देखते अरमान पानी में समा गया। बादल किसी तरह तैरकर बाहर आया। इसके बाद उसने लोगों को अरमान के डूबने की जानकारी दी। इस पर काफी संख्या में लोग जुटकर तलाश में जुट गए। फायर ब्रिगेड के जवान भी मौके पर पहुंच कर तलाश में जुट गए। स्थानीय गोताखोर के माध्यम से उसकी तलाश की जा रही है। खबर पाते ही अरमान के स्वजन भी पहुंच गए।

एटा/आगरा प्रेमिका की हैवानियत,आरी से कई टुकड़े में काटी प्रेमी की लाश सिर का कंकाल मिला...चेहरा भी न देख सके घरवाले


 एटा/आगरा प्रेमिका की हैवानियत,आरी से कई टुकड़े में काटी प्रेमी की लाश



सिर का कंकाल मिला...चेहरा भी न देख सके घरवाले



आगरा/ एटा के थाना सकीट के मोहल्ला खरा निवासी युवक को आगरा में प्रेमिका के पति ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद शव को दफना भी दिया। लगभग एक माह बाद जब राज खुला तो शरीर कंकाल हो चुका था। रोते हुए परिजन का कहना था कि चेहरा तक देखना नसीब नहीं हुआ। पुलिस द्वारा दिखाए गए कपड़ों से पहचान की है। मोहल्ला खरा निवासी दिलीप कुमार ने 2020 में हाईस्कूल की परीक्षा दी थी। जिसमें वह फेल हो गया था। घरेलू समस्याओं के कारण आगे नहीं पढ़ पाया। सकीट में एक फोटोग्राफी की दुकान पर काम करने लगा। मोहल्ले की ही एक युवती से उसके प्रेम संबंध कई साल से चल रहे थे, लेकिन युवती के परिजन ने उसकी शादी आगरा में कर दी। 


मृतक के तहेरे भाई योगेश ने बताया कि दिलीप को आगरा बुलाने के लिए खेमा से पति गोविंदा ने फोन कराया। दिलीप ने रुपये न होने की बात कही तो गोविंदा ने 4 जून 2024 को 400 रुपये उसके खाते में डलवाए थे। इस पर दिलीप खेमा से मिलने आगरा चला गया। जहां उसकी हत्या कर दी गई। रविवार रात को सकीट थाने की पुलिस आगरा आई। युवती को हिरासत में ले लिया। उसके पति गोविंदा को पकड़ा। वह ई-रिक्शा चालक है। पहले तो उसने कुछ नहीं बताया। बाद में सख्ती करने पर सच उगल दिया। गोविंदा ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी को दिलीप परेशान कर रहा था। आए दिन फोन करता था। समझाने पर भी नहीं मान रहा था। धमकी भी देने लगा। दिलीप ने अपने साथी उखर्रा, सदर निवासी योगेश और हेमंत से बात की। हत्या की साजिश रची। उसे बुलाने के लिए पत्नी से फोन कराया। 


दिलीप गांव अकबरपुर के बाहर पहुंच गया। वह पहले से तैयार थे। दिलीप को पीछे से पकड़ लिया। एक ने उसके गले में चाकू घोंप दिया, जिससे वह गिर गया। बाद में आरी से उसका गला काटकर धड़ से अलग कर दिया। गांव के पास ही दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का वितरण कार्यालय है। उसके आसपास झाडिय़ों में शव को ले गए। पाइपलाइन के लिए खोदे गए गड्ढे की मिट्टी को हाथों से हटाया। इसके बाद एक जगह सिर तो दूसरी जगह धड़ दबा दिया। थाना ताजगंज के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि एटा पुलिस घटनास्थल पर आरोपी गोविंदा के साथ पहुंची। पहले सिर का कंकाल बरामद किया। वहीं धड़ के कुछ अवशेष मिले। इसके अलावा जूते, शर्ट और बेल्ट भी बरामद की। खुदाई भी कराई गई, जिससे शरीर के बाकी अवशेष मिल जाएं। मगर, कुछ नहीं मिला।


 थाना सकीट पुलिस आरोपियों को अपने साथ ले गई। कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। घटनास्थल पर फोरेंसिक एक्सपर्ट और खोजी कुत्ते को बुलाकर भी साक्ष्य संकलन किया गया। उधर, थाना सकीट के प्रभारी का कहना है कि आशिकी में प्रेमिका के पति ने हत्या की है। प्रेमिका, उसके पति सहित चार को हिरासत में लिया गया है। दिलीप चार भाइयों में तीसरे नंबर के थे। वह मजदूरी करते थे। वह अक्सर काम के लिए एटा से बाहर भी जाया करते थे। इस कारण पहले यही लगा कि काम से गया होगा। मगर, लगातार मोबाइल बंद होने पर शक हुआ। मृतक के भाई नीलेश ने आशंका जाहिर की कि दिलीप के आरोपियों ने आरी से कई टुकड़े किए थे। इस वजह से ही उसके कंकाल के कुछ अवशेष ही मिले हैं।

लखनऊ/हाथरस एसडीएम, सीओ सहित 6 अधिकारी निलंबित एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर सीएम योगी ने की कार्रवाई


 लखनऊ/हाथरस एसडीएम, सीओ सहित 6 अधिकारी निलंबित


एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर सीएम योगी ने की कार्रवाई




उत्तर प्रदेश लखनऊ/हाथरस के सिकन्दराराऊ में बीते 2 जुलाई को सत्संग के दौरान घटित दुर्घटना के तत्काल बाद गठित एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने 2, 3 और 5 जुलाई 2024 को घटनास्थल का निरीक्षण किया था। जांच के दौरान कुल 125 लोगों का बयान लिया गया, जिसमें प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता एवं प्रत्यक्षदर्शियों का बयान भी लिया गया। इसके अलावा, घटना के संबंध में प्रकाशित समाचार की प्रतियां, स्थलीय विडियोग्राफी, छायाचित्र, विडियो क्लिपिंग का संज्ञान लिया गया। जिसके आधार पर एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है। एसआईटी ने कहा है कि घटना में साजिश से इन्कार नहीं किया जा सकता है। मामले में गहन जांच की जरूरत है। हाथरस दुर्घटना आयोजकों की लापरवाही से हुई। भीड़ को आमंत्रण देकर पर्याप्त इंतज़ाम नहीं किया गया था।


 स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वरिष्ठ अफसरों को समुचित जानकारी नहीं दी। जांच समिति के रिपोर्ट के आधार पर सीएम योगी ने कड़ी कार्रवाई की है। शासन ने एसडीएम, सीओ व तहसीलदार सहित छह लोगों को निलंबित किया जा चुका है। मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग भी कार्यवाही शुरू कर चुका है। आयोजकों ने बिना पुलिस वेरिफिकेशन जिन लोगों को अपने साथ जोड़ा उससे अव्यवस्था फैली। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में ये मुख्य बातें कही-एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है। जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्यवाही के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इंकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है। जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं।


 उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किये आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया। इन अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया। एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है। इसी क्रम में, उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है।


 आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली। अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया। आयोजकों द्वारा अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त एवं सुचारु व्यवस्था नहीं की गई। न ही कार्यक्रम के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया। आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं। इनके द्वारा जिन लोगों को बिना विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़ा गया, उनसे अव्यवस्था फैली। आयोजक मंडल द्वारा पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया। स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया। सत्संगकर्ता और भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई। भारी भीड़ के दृष्टिगत यहां किसी प्रकार की बैरीकेटिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी और दुर्घटना घटित होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए।

बरेली जानकारी छिपाकर बने थानेदार, एसएसपी ने किया निलंबित 8 घंटे में ही छिनी इंस्पेक्टर की कुर्सी

बरेली जानकारी छिपाकर बने थानेदार, एसएसपी ने किया निलंबित



8 घंटे में ही छिनी इंस्पेक्टर की कुर्सी



उत्तर प्रदेश बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने सुस्त और लापरवाह थानेदारों पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। सोमवार दिन में उन्होंने आंवला व हाफिजगंज के इंस्पेक्टरों को हटाकर नई तैनाती की तो पता लगा कि आंवला के नए इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार ने भर्ती बोर्ड से रिकॉर्ड की जानकारी छिपा ली। रात में ही उन्हें निलंबित कर सिद्धार्थ सिंह तोमर की आंवला में नई तैनाती कर दी।एसएसपी बेहतर काम और पूर्व रिकॉर्ड की मेरिट के आधार पर थानेदारों की तैनाती कर रहे हैं। 


उनकी अध्यक्षता में भर्ती बोर्ड ने हाल ही में करीब 66 इंस्पेक्टर व दरोगा का साक्षात्कार लिया था। इसमें पास इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार को उन्होंने आंवला कोतवाली का इंस्पेक्टर बनाया। भोजीपुरा इंस्पेक्टर जगत सिंह को हाफिजगंज इंस्पेक्टर बनाया गया तो भोजीपुरा थाना प्रभारी की जिम्मेदारी साइबर सेल में तैनात एसआई रामरतन सिंह को सौंप दी गई। प्रवीण कुमार को दोपहर में आंवला का प्रभार मिला तो शाम चार बजे उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया। उन्हें बधाई संदेश आने लगे। इस बीच कुछ विभागीय कर्मियों ने ही उनका कच्चा चिट्ठा कप्तान तक पहुंचा दिया। पता लगा कि पीलीभीत में उनकी तैनाती के दौरान बवाल हुआ था जिसमें उन पर कार्रवाई की गई थी। उन्होंने भर्ती बोर्ड से यह जानकारी छिपा ली। इसे अक्षम्य मानकर एसएसपी ने कार्रवाई कर दी। रात मे  पुलिस लाइन के ही इंस्पेक्टर सिद्धार्थ सिंह तोमर को आंवला इंस्पेक्टर की तैनाती दे दी गई।


 थाना प्रभारी आंवला वीरेश कुमार को जनसमस्याओं में शिथिलता बरतने, जमीन संबंधी विवादों में चौकी प्रभारी व अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण न रख पाने की वजह से एसएसपी ने लाइन हाजिर किया है। बताते हैं कि वह जनप्रतिनिधियों के फोन भी दरकिनार कर मनमानी से काम कर रहे थे। वहीं हाफिजगंज थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह को जन सुनवाई डेस्क व अधिकारियों की ओर से निर्गत आदेश का पालन न करने पर लाइन हाजिर किया गया। एसएसपी कार्यालय में हाफिजगंज थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा शिकायतें पहुंच रही थीं। विवाद के तमाम मामलों में थाना प्रभारी न तो एनसीआर और न एफआईआर दर्ज कराते थे। वह मेडिकल परीक्षण को मजरूबी चिट्ठी देकर भेज देते थे।