Sunday 6 October 2024

आजमगढ़ पवई थानाध्यक्ष समेत 15 पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का कोर्ट ने दिया आदेश स्कार्पियो में गांजा बरामद दिखाते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप नहीं सुने अधिकारी तो महिला ने ली कोर्ट की शरण


 आजमगढ़ पवई थानाध्यक्ष समेत 15 पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का कोर्ट ने दिया आदेश


स्कार्पियो में गांजा बरामद दिखाते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप


नहीं सुने अधिकारी तो महिला ने ली कोर्ट की शरण




उत्तर प्रदेश आजमगढ़ न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आजमगढ़ सत्यवीर सिंह ने अहरौला पुलिस को पवई थानाध्यक्ष समेत 15 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना करने का आदेश दिया। साथ ही विवेचना के परिणाम से न्यायालय को अवगत कराने के लिए कहा है। उक्त मामले में वादी पक्ष ने पवई थानाध्यक्ष समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर पति व उनके साथी को स्कार्पियो में गांजा बरामद दिखाते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया था।


जानकारी के मुताबिक अहरौला थाना क्षेत्र की रहने वाली गीता ने कोर्ट में वाद दाखिल किया था। पीड़िता ने अवगत कराया था कि उसके पति इंद्रजीत यादव व संचित यादव फुलवरिया में स्थित बीयर की दुकान पर सेल्समैन हैं। आरोप लगाया कि होली पर पुलिस द्वारा उनके पति से अवैध धन की मांग की थी। इनकार करने पर पवई थानाध्यक्ष संजय कुमार, सुनील कुमार सरोज, उपनिरीक्षक चंद्रजीत यादव, उपेंद्र यादव व सुरेंद्र यादव व 10 अन्य पुलिसकर्मी 07 मार्च 2020 को उनके घर पहुंच कर उनके स्कार्पियो की चाभी लेकर उनके पति व सेल्समैन संचित यादव को स्कार्पियो में बैठा कर स्वयं गाड़ी को चला कर पवई थाने ले गए।


इसके बाद पुलिस ने उक्त गाड़ी से भट्टे के निकट नाटी गांव के पास पवई माहुल रोड पर वाहन चेकिंग दिखा कर उसके पति इंद्रजीत व संचित यादव को शराब व गांजा के साथ गिरफ्तारी दिखाते हुए मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेज दिया।


पीड़िता के पति व संचित यादव की जमानत उच्च न्यायालय द्वारा 04 जून 2020 को हुई। इसी दरमियान पीड़िता ने ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट आजमगढ़ के न्यायालय में वाहन को छुड़वाने के लिए 29 मई 2020 को आवेदन दिया था। जिस पर थाना पवई से रिपोर्ट मंगा कर न्यायिक मजिस्ट्रेट आजमगढ़ द्वारा 26 जून 2020 को उसके वाहन को उसे सौंपने का आदेश जारी किया गया। आदेश के बाद थी थानाध्यक्ष संजय कुमार वाहन नहीं छोड़ा। जब किसी अधिकारी ने सुनवाई नहीं की तो पीड़िता ने न्यायालय की शरण ली। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अहरौला थानाध्यक्ष को पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है।

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