Saturday 13 April 2024

आजमगढ़ राजनीति की दिशा व दशा तय करने वाले जिले को मिले बाहरी प्रत्याशी भाजपा और सपा के बाद बसपा ने भी उतारा बाहरी उम्मीदवार


 आजमगढ़ राजनीति की दिशा व दशा तय करने वाले जिले को मिले बाहरी प्रत्याशी


भाजपा और सपा के बाद बसपा ने भी उतारा बाहरी उम्मीदवार



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ किसी जमाने में देश और प्रदेश की राजनीति को दिशा देने वाले पूर्वांचल के आजमगढ़ जिले के राजनीतिक सुरमाओं की दखलंदाजी समाप्त होने के बाद राजनीति की जो पौध खड़ी हुई उसमें वह ताकत नहीं दिखी जिससे इस राजनीति के अखाड़े में इस जिले का नाम रौशन हो सके। देश और प्रदेश की राजनीति में कभी अलगू राय शास्त्री, झारखंडे राय, सीताराम अष्ठाना, कालिका सिंह ,रामधन जी, चंद्रजीत यादव, कल्पनाथ राय, कामरेड जय बहादुर सिंह, रामहर्ष यादव, रामनरेश यादव आदि तमाम लोग इस माटी में जन्मे और राजनीति के क्षेत्र में अपनी अलग छाप छोड़ी। वैसे तो पूर्वांचल की इस माटी के साथ यही बात शायर एकबाल अहमद सुहैल ने लिखा था कि श्ये खित्तए आजमगढ़ है मगर , फैजाने तजल्ली है एक्सर, जो जर्रा यहां से उठता है वो नैयरै आजम होता हैश्। आज रोना इस बात का है कि राजनीति के क्षेत्र में हमेशा उर्वर रही यह भूमि इस कदर बंजर हो जाएगी कि आज इस चुनावी मैदान में बाहरी पहलवानों पर भरोसा किया जाने लगा।


 राजनीति की लहलहाती इस बगिया को जातिवाद रूपी दीमक ने चट कर दिया या फिर राजनीतिक अखाड़े में दांव आजमाने के लिए लंगोट बांधे राजनीतिक धुरंधरों का पस्त हौसला। किसे जिम्मेदार ठहराया जाए कुछ भी कहना मुश्किल है। तभी तो देश और प्रदेश का सत्ता सुख भोग रही भाजपा को इस जिले के जातिगत समीकरण को देखते हुए यादव बिरादरी से अभिनेता से नेता बने दिनेश लाल यादव निरहुआ को उतारा गया है तो समाजवादी पार्टी ने अपनी इस पारंपरिक सीट पर राजनीति के दिग्गज पहलवान एवं सपा के संस्थापक स्व० मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव को दूसरी बार इस चुनावी दंगल में उतारना पड़ा। 


इस लोकसभा चुनाव में भाजपा और सपा के उम्मीदवार घोषित कर दिए जाने के बाद जिले के मतदाता इस जिले के राजनीतिक तापमान को भांपते हुए बहुजन समाज पार्टी ने जिले की लालगंज लोकसभा सीट पर पड़ोसी जिला अंबेडकरनगर की मूल निवासी डा० इंदू चौधरी पर तो आजमगढ़ सदर लोकसभा सीट पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं मऊ जिले के रहने वाले भीम राजभर को ग्रीन सिग्नल दे दिया। इस तरह सदर लोकसभा सीट पर भाजपा, सपा और बसपा सभी राजनीतिक पार्टियों ने बाहरी उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। अब देखना यह कि जिले के समझदार मतदाता किस बाहरी प्रत्याशी को विजय का ताज पहनाते हैं। खैर आगे तेल और तेल की धार देखने के लिए अभी मतगणना तक इंतजार करना होगा।

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