आजमगढ़ दीदारगंज चेहरे पर वार कर ट्रक ड्राइवर की हत्या
घर से करीब एक किलो मीटर की दूरी पर सरसो के खेत में मिला शव
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जनपद के दीदारगंज थाना क्षेत्र के चितारा महमूदपुर गांव निवासी युवक घर से करीब एक किलो मीटर की दूरी पर सरसो के खेत में संदिग्ध परिस्थितियों में पड़ा हुआ शव बरामद किया गया। उसका चेहरा खून से सना हुआ था। शव के बगल में ही एक बड़ा लकड़ी का टुकड़ा पड़ा हुआ था। आशंका व्यक्त की जा रही है कि उसके चेहरे पर गंभीर वार कर उसकी हत्या की गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के चितारा महमूदपुर गांव के बिछियापुर पुरवा निवासी वीरेंद्र यादव उर्फ बिंदु पुत्र स्वर्गीय उदय राज यादव पेसे से ट्रक ड्राइवर था। 10 दिन पहले ट्रेलर चलाने के लिए घर से गया था, 2 मार्च 2024 की शाम करीब 7 बजे बालू लदा ट्रेलर लेकर वह सुरहन गांव में स्थित पेट्रोल पंप पर गाड़ी खड़ी करके खलासी को खाना लेने के लिए मार्टिनगंज बाजार में ढाबे पर गया, खाना खाने के बाद खलासी को ट्रेलर में सोने को कहकर अपने घर जाने की बात कहकर बिछियापुर के लिए रवाना हो गया।
आज सुबह सरायमीर थाना क्षेत्र के नोनारी गांव निवासी ट्रेलर मालिक मोहम्मद सद्दाम वीरेंद्र यादव के घर पहुंच करके पूछा कि वीरेंद्र कहां है टेलर में बालू लदा है उसे खाली करना है, पेट्रोल पंप पर क्यों खड़ी है। पत्नी ने बताया कि वह घर आए ही नहीं। परिजनों ने आशंका बस इधर-उधर खोजबीन शुरू की लेकिन आज दिनांक 03 मार्च 2024 को दोपहर लगभग 12 बजे तक कुछ पता नहीं चल पाया। दोपहर में ही गांव की कुछ महिलाएं बनगांव माइनर से लगभग 100 मीटर दूरी पर अपना सरसों के खेत देखने के लिए गई थी सरसों के खेत में ही मुंह के बगल लेटी हुई लाश देखकर के शोर मचाया। ग्रामीणों ने जब जाकर के लाश को पलटा तो वह लाश वीरेंद्र यादव उर्फ बिंदु की के रूप में पहचान हुई। चेहरा खून से लथपथ था और बगल में ही एक लकड़ी का करीब 5 फुट मोटा डंडा पड़ा हुआ था।
सूचना पर मौके पर पहुंचे दीदारगंज थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार ने शव को कब्जे में लेकर के पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक की जेब में मिले मोबाइल और पर्स भी अपने कब्जे में ले लिया। मृतक की पत्नी उषा का रो रो कर बुरा हाल है। मृतक के मां-बाप की पहले ही मृत्यु हो चुकी हैं, उसके पास कोई भाई नहीं था। मृतक के पास तीन बच्चे आदित्य, अंश और अभिनव नाबालिक बच्चे हैं वीरेंद्र ही अपने घर का रोजी-रोटी का सहारा था।
आजमगढ़ दीदारगंज से प्रवीण यादव की रिपोर्ट।
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