Friday, 23 February 2024

सुल्तानपुर महिला सिपाही द्वारा लगाए गए रेप के आरोप में इंस्पेक्टर को मिली क्लीन चिट भगोड़ा इंस्पेक्टर पर 50 हजार का ईनाम भी किया गया था घोषित


 सुल्तानपुर महिला सिपाही द्वारा लगाए गए रेप के आरोप में इंस्पेक्टर को मिली क्लीन चिट


भगोड़ा इंस्पेक्टर पर 50 हजार का ईनाम भी किया गया था घोषित


उत्तर प्रदेश सुल्तानपुर भगोड़ा इंस्पेक्टर निशू तोमर के चर्चित रेप के मामले में डेढ़ साल की विवेचना के बाद पुलिस ने 2000 पेज की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है। विवेचना में इंस्पेक्टर निशू तोमर पर महिला सिपाही की ओर से लगे रेप के आरोपी को पुलिस ने सत्य नहीं माना है। मामले में डीजीपी के तलब होने और सुल्तानपुर एसपी सोमेन वर्मा को व्यक्तिगत उपस्थिति करने के हाई कोर्ट के सख्त कदम के बाद यह नया प्रकरण सामने आया है।


जानकारी के अनुसार हलियापुर थाने में तैनात रहे चर्चित इंस्पेक्टर निशू तोमर से यह प्रकरण जुड़ा हुआ है। सुल्तानपुर में तैनाती के दौरान वो एक महिला सिपाही से संपर्क में आए थे। तत्कालीन एसपी विपिन मिश्रा के कार्यकाल में महिला सिपाही की तहरीर पर नगर कोतवाली में 14 जुलाई 2022 को रेप समेत अन्य धाराओं में इंस्पेक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद वह सितंबर 2022 में जिला सत्र न्यायालय पहुंचे थे जहां संदिग्ध परिस्थितियों में वह लापता हो गए थे। हाईकोर्ट में हवियस कॉरपस याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें तत्कालीन डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान को तलब करते हुए स्पष्टीकरण हाईकोर्ट ने मांगा था। एसपी सुल्तानपुर सोमेन वर्मा भी व्यक्तिगत रूप से मामले में हाईकोर्ट तलब हो चुके हैं। नगर कोतवाल रहे राम आशीष उपाध्याय और महिला थानाध्यक्ष मीरा कुशवाहा समेत तत्कालीन क्षेत्राधिकारी नगर राघवेंद्र चतुर्वेदी पर पक्षपात का आरोप लगा था। जिसके चलते महिला थानाध्यक्ष मीरा कुशवाहा को सस्पेंड कर दिया गया था।


 इसी प्रकरण में पुलिस ने नगर कोतवाली में इंस्पेक्टर के खिलाफ भगोड़ा की धाराओं में मुकदमा भी पंजीकृत किया था। उन पर 50 हजार रुपये का ईनाम भी घोषित हुआ था। बहरहाल चर्चित इंस्पेक्टर निशू तोमर अभी लापता हैं। सीबीआई के तर्ज पर दूसरे सीओ शिवम मिश्रा की तरफ से 2000 पेज का आरोप पत्र न्यायालय दाखिल किया गया है। जिसमें दुष्कर्म के इल्जाम को सही नहीं पाया गया है और इंस्पेक्टर को राहत दी गई है।


नीशू तोमर के अधिवक्ता बृजेश पाण्डेय ने बताया कि एक महिला आरक्षी ने फैब्रिकेटेड रेप का मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें पुलिस ने विवेचना किया और काफी उतार चढ़ाव आया। हमने जो एविडेंस दाखिल किए पुलिस ने गहराई से उसका परीक्षण किया। उनके ऊपर लगाए गए दुष्कर्म के आरोप नहीं पाए गए हैं। 504, 506 आईपीसी में पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया है। कोर्ट ने कहा है कि इसमें वादनी को सुना जाना आवश्यक है। अब इसमें 16 मार्च 2024 की तारीख नीयत है।

No comments:

Post a Comment