मेरठ इंसाफ मांगती लाशें, कत्ल कर जलाया तो कहीं टुकड़ों में फेंका
756 शवों की नहीं हुई पहचान, खुले घूम रहे कातिल
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पांच साल से 756 लाशें अपनी पहचान मांग रहीं हैं। इनमें बहुत सी ऐसी हैं, जिनको कत्ल करके टुकड़ों में काटकर फेंक दिया गया। इनकी पहचान नहीं होने से इनके कातिल खुलेआम घूम रहे हैं। कुछ बेनाम लाशें ऐसी भी हैं, जिनकी पहचान तो हो गई लेकिन पुलिस के रिकॉर्ड में वह अपडेट नहीं हो पाई हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक मेरठ में 2019 से 2023 तक 812 अज्ञात शव बरामद हो चुके हैं। इनमें से 56 की पहचान हो पाई, बाकी के बारे में पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। इस साल की बात करें तो कितनी ही युवतियों की हत्या कर शव फेंक दिए गए, लेकिन उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई। पिछले कई साल से सिर काटकर शव फेंके जा रहे हैं। इस वजह से उनकी पहचान में मुश्किल हो रही है। हाल ही में दौराला में एक युवक का सिर और हाथ कटा शव बरामद हुआ था। छह जुलाई 2022 को लालकुर्ती थानाक्षेत्र के माल रोड स्थित बीआई लाइन डोगरा मंदिर के पास युवती का शव मिला था। सिर काटने के बाद उसका शव फेंका गया था। अब तक शनाख्त नहीं हुई। 12 अगस्त 2021 को माधवपुरम पुलिस चौकी के पास गठरी में महिला का शव नाले में पड़ा मिला था।
26 अक्टूबर 2020 को लिसाड़ी गेट के फातिमा गार्डन कालोनी के निकट स्थित कब्रिस्तान के पास प्लास्टिक की बोरी में युवती का शव 17 टुकड़ों में मिला था। इसे फेंकने वाला सीसीटीवी में भी कैद हुआ, लेकिन पुलिस अब तक शनाख्त तक नहीं करा पाई। इस साल भी कई युवतियों के शव मिल चुके हैं। मेडिकल थाना क्षेत्र में पांच साल में सबसे ज्यादा 303 अज्ञात लाशें बरामद हुईं। पुलिस के रिकॉर्ड में इनमें से सिर्फ एक की ही पहचान हुई है। इसी थाना क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज है।
एसपी क्राइम अनित कुमार का कहना है कि बहुत से शवों की पहचान बाद में हो जाती है, लेकिन पुलिस के रिकॉर्ड के लिए उसकी सूचना नहीं दी जाती है। इनमें बीमारी से मरने वाले अज्ञात लोग भी शामिल होते हैं। एसपी क्राइम का कहना है कि अज्ञात लाशों की शनाख्त के लिए यूपी पुलिस के पोर्टल के अलावा डीसीआरबी से प्रदेश के सभी थानों में रिकॉर्ड भेजा जाता है, सोशल मीडिया की मदद भी ली जाती है।
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